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सावधान! अगर आप भी REWANCHAL EXPRESS ट्रेन में करतें है सफर, तो जरूर पढ़ें यह खबर
रीवा। ट्रेनों में लूटपाट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. आश्चर्र्य का बात है कि इन घटनाओं में न्यायाधीश तक शिकार हो चुके हैं, इसके बावजूद आरपीएफ-जीआरपी की सक्रियता नजर नहीं आ रही है. ऐसी ही लूट की एक और घटना हबीबगंज से चलकर रीवा जाने वाली रेवांचल एक्सप्रेस में गत दिवस सामने आयी, जब खुरई के समीप आउटर पर खड़ी ट्रेन के चार आरक्षित कोचों में एक साथ लुटेरों ने धावा बोला और आधा दर्जन महिलाओं के सोने के जेवर झपटमारी करते हुए भाग निकले. दुर्भाग्य की बात है कि इस ट्रेन में आरपीएफ-जीआरपी की स्कार्टिंग टीम नहीं रही. घटना की रिपोर्ट कटनी जीआरपी थाना में कराई गई है.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि गाड़ी संख्या 12185 हबीबगंज-रीवा रेवांचल एक्सप्रेस शुक्रवार की देर रात 12.45 बजे के लगभग पमरे के जबलपुर रेल मंडल अंतर्गत बीना-सागर के बीच खुरई स्टेशन के आउटर पर सिग्नल नहीं मिलन के कारण खड़ी थी. तभी अचानक लुटेरों एक साथ चार आरक्षित कोचों एस-1, एस-7, एस-10 व एस-13 पर हमला बोल दिया और उनके निशाने पर सो रही महिला यात्री थी. इन लुटेरों ने महिलाओं के गले, कान से सोने के जेवर की झपटमारी करते हुए ट्रेन से कूदकर जंगल की ओर भाग निकले.
यह महिला यात्री हुई हैं प्रभावित
बताया जाता है कि इस घटना में जो महिला यात्री प्रभावित हुई हैं, उनमें मैहर निवासी किरण सिंह जिनका मंगलसूूत्र, शोभा सिंह निवासी सतना की सोने की चेन, विमला सोंधिया निवासी भोपाल जिनका मंगलसूत्र व तीन अन्य यात्री का मंगलसूत्र लूट लिया गया. बताया जाता है कि ट्रेन जब खुरई स्टेशन पर पहुंची तो यात्रियां ने घटना की शिकायत स्टेशन मास्टर से की, लेकिन वहां पर कोई सुरक्षा कर्मी नहीं था, जिसके बाद तड़के ट्रेन कटनी स्टेशन पहुंची, जहां पर जीआरपी ने पीडि़तों की शिकायत पर प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है.
आरपीएफ, जीआरपी पर डाल रही थी जिम्मेदारी
इस घटना पर आरपीएफ सागर, जीआरपी पर जिम्मेदारी डालती रही. आरपीएफ की महिला उप निरीक्षक का कहना था कि इस ट्रेन मेें जीआरपी की एस्कार्टिंग रहती है, घटना की रात क्यों नहीं थी, इस बारे में जानकारी नहीं है. वहीं आरपीएफ घटना स्थल का सुबह निरीक्षण करने भी पहुंची.
यात्रा करने के दौरान रहें सतर्कयह पहली बार नहीं है जब रेवांचल एक्सप्रेस लुटेरों का शिकार बनी है, इसके पहले भी इस ट्रेन को बदमाशों ने अपना शिकार बनाया है. इसलिए इसमें आपको खुद सावधान रहना होगा, क्यूंकि यात्रियों की सुरक्षा करने का जिम्मा जिन कर्मचारियों पर होता है वे तो अपनी ड्यूटी में ही नहीं नजर आतें। इसलिए आप इस ट्रेन में यात्रा करने के पहले सतर्क रहें।