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Career Tips: एविएशन सेक्टर में बनाएं अपना करियर, देश में फ्लाईंग ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या जल्द 50 तक पहुंचेगी

Career Tips: एविएशन सेक्टर में बनाएं अपना करियर, देश में  फ्लाईंग ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या जल्द 50 तक पहुंचेगी
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Flying training schools in India: भारत में फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूलों की संख्या तेजी से बढ़ रहे है

Career Tips: भारत में अगले कुछ सालों में एविएशन सेक्टर की तस्वीर बदलने वाली है, अगले साल की पहली तिमाही तक देश में Flying Training School की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। ऐसे में युवाओं को बेहतर करियर ऑप्शन में एविएशन सेक्टर को भी ध्यान में रखना चाहिए।

इस बारे में केंद्रीय एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि- अगले कारोबारी साल की पहली तिमाही तक देश में करीब 50 फ्लाईंग ट्रेनिंग संस्थान होंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में भारतीय एंयरलाइंस के पास अंतरराष्ट्रीय एविएशन मार्केट में भरपूर मौके हैं.

एविएशन में बनाए अपना करियर

उड्डयन मंत्री सिंधिया ने सोमवार को CAPA एविएशन समिट में कहा है कि- आने वाले दशक में भारत का एविएशन मार्केट में दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण होने जा रहा है. इस सेक्टर में लगभग V आकार की रिकवरी देखने को मिली है. उन्होंने यह भी कहा कि अक्टूबर 2023 तक रोजाना घरेलू एयर पैसेंजर्स की औसत संख्या करीब 4.56 लाख तक होगा.

उन्होंने कहा कि- हमें अपने एविएशन इंफ्रास्ट्रक्टर को मजबूत बनाना होगा, ताकि 2047 तक इस क्षेत्र से अर्थव्यवस्था को 20 अरब डॉलर का सपोर्ट मिलना शुरू हो जाए. कार्गो, ग्राउंड हैंडलिंग और फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थानों के इकोसिस्टम को भी दुरुस्त करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगले साल तक देश में फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। एविएशन सेक्टर में भारत तीसरा सबसे बड़ा डेमिस्टिक मार्केट है जबकि इंटरनेशनल एविएशन के मामले में देश का 18वां स्थान है. ऐसे में भारतीय एयरलाइंस में युवाओं के लिए भरपूर मौके हैं.

बहुत पायलटों की जरूरत होगी

CAPA के CEO कपिल कौल ने कहा कि- कारोबारी साल 2024 तक भारतीय एयरलाइंस को करीब 1.84 अरब डॉलर का घाटा हो सकता है. सप्लाई चेन की समस्या की वजह से फिलहाल 100 से भी ज्यादा एयरक्राफ्ट उड़ानें नहीं भर रहे हैं.

CAPA का अनुमान है कि साल 2024 तक घरेलू एयर ट्रैफिक साल-दर-साल आधार पर करीब 20% की बढ़त के साथ 16 करोड़ तक जा सकता है. CAPA का यह भी अनुमान है कि कारोबारी साल 2024 तक 2,200 अतिरिक्त पायलट्स की जरूरत होगी. 2030 तक ये 8,700 होगी, जिसके बाद देश में कुल पायलटों की संख्या 10,900 तक हो जाएगी.

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