जबलपुर

जबलपुर में मेडिकल कॉलेज स्टाफ के लिए बनेंगे 650 नए आवास, ध्वस्त होंगे 514 पुराने आवास

जबलपुर में मेडिकल कॉलेज स्टाफ के लिए बनेंगे 650 नए आवास, ध्वस्त होंगे 514 पुराने आवास
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MP Jabalpur News : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर (Medical College Jabalpur) के कर्मचारियों के पुराने और जर्जर आवासों को ध्वस्त कर नए आवास का निर्माण कराया जाएगा।

MP Jabalpur News : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर (Medical College Jabalpur) के कर्मचारियों के पुराने और जर्जर आवासों को ध्वस्त कर नए आवास का निर्माण कराया जाएगा। यह जानकारी कलेक्टर इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में मप्र गृह निर्माण मण्डल तथा मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की कलेक्टर कार्यालय की बैठक में दी गई। पुर्नघनत्वीकरण योजना के तहत आवास का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

20 एकड़ में निर्माण कार्य

बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज परिसर स्थिति पुराने एवं जर्जर हो चुके 514 आवासों को तोड़ कर (514 old and dilapidated houses of the college campus will be demolished ). उसके स्थान पर 650 नए आवास का निर्माण कार्य कराया जाएगा (650 new houses will be constructed)। इनमें 12 डी टाइप, 40 ई टाइप, 72 एल टाइप, 52 जी टाइप, 352 एच टाइप तथा 192 आई टाइप आवास बनाए जाएंगे। इसके अलावा यहां सामुदायिक भवन, स्पोर्ट क्लब, जिमिंग इक्यूपमेंट, खेल मैदान, बाउण्ड्री वाल का निर्माण भी किया जाना है। यह निर्माण कार्य मेकिडल कॉलेज (Medical College) की तकरीबन 20 एकड़ भूमि में किया जाएगा। कलेक्टर इलैया राजा टी (Collector ilaiya Raja T) ने बैठक में मेडिकल डीन द्वारा गेस्ट हाउस, सिंगर रेसीडेंस और श्री टाइप क्वार्टर बनाने के दिए सुझावों को भी प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट, पीपीआर में शामिल कर इसे अंतिम रूप देने के साथ ही अनुमोदन के लिए शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश गृह निर्माण मण्डल के अधिकारियों को दिया।

जर्जर भवनों में रहना हुआ मुश्किल

मेडिकल कॉलेज सूत्रों की माने तो मेडिकल कॉलेज में कार्यरत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जिन शासकीय कमरों में अभी रहते हैं वह पूरी तरह से जर्जर हालत में है। बारिश का पानी कमरे में आता है, सीलन की समस्या बनी ही रहती है। वर्षों से भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं किया गया, जिसके कारण यहां रह रहे कर्मचारी हमेशा भय के साये में रहते हैं कि कब कौन सी दीवार या छज्जा गिर जाए। लेकिन अब कलेक्टर के प्रयास से उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में कर्मचारियों को मजबूत शासकीय आवास मिलेगा।

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