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रीवा. इंदौर, भोपाल सहित पूरे प्रदेश में हडक़ंप मचाने वाले हनी ट्रैप मामले का रीवा से भी कनेशन जुड़ा हुआ है। दरअसल इंदौर नगर निगम में पदस्थ जिस अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह पोल्ले को लैकमेल किया जा रहा था और उसकी सीडी मिली हैं, वे रीवा के ही रहने वाले हैं और नगर निगम रीवा में भी पदस्थ रहे हैं।
ज्ञात हो कि उनकी शिकायत पर ही इंदौर पुलिस ने पहले दो युवतियों को हिरासत में लिया था। बाद में तीन और युवतियों को एटीएस की मदद से क्राइम ब्रांच की टीम इंदौर ले गई है। महिलाओं के पास मिले मोबाइल से कई अन्य अधिकारियों और नेताओं के भी वीडियो मिले हैं। मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से पुलिस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस के अनुसार इंदौर के पलासिया थाने में अधीक्षण यंत्री हरभजन सिंह की शिकायत पर इस संबंध में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद पुलिस ने इंदौर से दो युवतियों को हिरासत में लिया था। इसके बाद तीन और युवतियों को हिरासत में लिया है।
बताया जा रहा है कि एक युवती को भोपाल की पॉश रिवेरा टाउनशिप से पकड़ा गया है। यह यहां एक पूर्व मंत्री के घर में किराए पर रह रही थी। जिन महिलाओं को हिरासत में लिया गया है, उनमें से एक का कुछ समय पहले वीडियो वायरल हुआ था। बताया जा रहा है कि युवतियों के मोबाइल फोन से बड़े पैमाने पर आपािजनक वीडियो और डेटा मिले हंै।
मामले की जांच एसपी पूर्व इंदौर युसूफ कुरैशी कर रहे हैं। इस मामले में आरोप है कि आरती दयाल और निगम इंजीनियर हरभजन सिंह पोल्ले को मोनिका ने कैमरे में कैद किया था। इस मामले में जब बिछिया (रीवा) क्षेत्र में रहे हरभजन सिंह ने इंदौर के पलासिया थाने में मामले की जानकारी दी तो मामले की परतें खुलती ही चली गईं।
रीवा नगर निगम के अधिकारी, 21 साल से इंदौर मे जमे बताया गया है कि इंजीनियर हरभजन सिंह पोल्ले मूलत: नगर निगम रीवा के अधिकारी हैं। वे 1998 में बतौर कार्यपालन यंत्री इंदौर नगर निगम पहुंचे और करोड़ों के काम में भूमिका निभाई। इंदौर में 84 करोड़ की आवास योजना, 464 करोड़ का सीवरेज प्रोजेट, 1500 करोड़ की प्रधानमंत्री आवास योजना, 650 करोड़ की अमृत योजना पर हरभजन सिंह पोल्ले की देखरेख में काम हुआ।