इंदौर

एमपी के इंदौर में बच्चों के लिए बनेगा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

Sanjay Patel
20 Dec 2022 9:00 AM GMT
एमपी के इंदौर में बच्चों के लिए बनेगा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मिलेंगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
x
इंदौर में महाराजा यशवंतराय चिकित्सालय (एमवायएच) परिसर में नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा। जिसके लिए प्लान तैयार किया जा चुका है।

इंदौर में महाराजा यशवंतराय चिकित्सालय (एमवायएच) परिसर में नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा। जिसके लिए प्लान तैयार किया जा चुका है।बच्चों के उपचार के लिए बनाए जा रहे इस हॉस्पिटल में गंभीर बीमारियों का इलाज हो सकेगा। बताया गया है कि प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जाएगा।

12 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

एमवायएच परिसर में 12 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का प्लान तैयार हो चुका है। नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण चाचा नेहरू अस्पताल के सामने खाली पड़ी जमीन पर किया जाएगा। बताया गया है कि दोनों इमारतों को एक ब्रिज के जरिए एक-दूसरे से जोड़ दिया जाएगा। नई इमारत बनाए जाने के दौरान 10 से 11 करोड़ रुपए की लागत आएगी। जबकि एक से सवा करोड़ की लागत से यहां उपकरणों की खरीदी की जाएगी। बीते तीन माह से लगातार महात्मा गांधी मेमोरियल कॉलेज प्रशासन द्वारा इसे लेकर भोपाल पत्राचार भी कर रहा है। एनएचएम द्वारा इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

अभी एक है बच्चों का सरकारी अस्पताल

अभी इंदौर में बच्चों के लिए सरकारी अस्पताल मात्र एक है। चाचा नेहरू अस्पताल 80 बेडों की क्षमता वाला है जिसमें हर साल एक से सवा लाख बच्चे ओपीडी में पहुंचते हैं। यहां आठ से दस हजार बच्चे भर्ती भी होते हैं। इसके अलावा उज्जैन, खंडवा, रतलाम सहित आसपास के जिलों से भी बच्चों को यहां के लिए रेफर किया जाता है जिससे चाचा नेहरू अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। सूत्रों की मानें तो इस अस्पताल में एसएनसीयू व एनआईसीयू की क्षमता भी बहुत कम है जिसके चलते बच्चों के उपचार में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बच्चों को बेहतर इलाज सुविधा मुहैया कराने के लिए नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण यहां कराया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एक साल की समय सीमा निर्धारित की गई है।

इनका कहना है

महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के अनुसार यहां बच्चों के उपचार के लिए एकमात्र सरकारी अस्पताल होने से उपचार में विभिन्न तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं बाहर से भी रेफर होते बच्चे उपचार के लिए आते हैं। बच्चों के लिए नए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की तैयारी की जा रही है। यहां गंभीर बीमारी किडनी, ब्लड कैंसर आदि से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया कराया जाएगा। जिससे बाल मृत्यु दर में निश्चित तौर पर कमी आएगी।

Next Story