इंदौर

Sawan 2023: हाटकेश्वर महादेव के दर्शन से मिलती है कष्टों से मुक्ति, पारद से बने शिवलिंग को कहा जाता है महाशिवलिंग

Sanjay Patel
6 Aug 2023 8:24 AM GMT
Sawan 2023: हाटकेश्वर महादेव के दर्शन से मिलती है कष्टों से मुक्ति, पारद से बने शिवलिंग को कहा जाता है महाशिवलिंग
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Sawan 2023: एमपी के इंदौर में बड़नगर बायपास रोड पर भगवान श्री हाटकेश्वर महादेव का अति चमत्कारी मंदिर है। यहां भगवान शिव की प्रतिमा पारद से बनी हुई है। पारद से बने शिवलिंग को महाशिवलिंग भी कहा जाता है।

Sawan 2023: सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। सावन के दिनों में शिव की पूजा करने करने से भक्तों के कष्ट दूर होने के साथ ही उनको मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है। एमपी के इंदौर में बड़नगर बायपास रोड पर भगवान श्री हाटकेश्वर महादेव का अति चमत्कारी मंदिर है। यहां भगवान शिव की प्रतिमा पारद से बनी हुई है। पारद से बने शिवलिंग को महाशिवलिंग भी कहा जाता है। जिसका पूजन अर्चन करने से भक्तों के समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है।

पारद से बना हुआ है शिवलिंग

इंदौर में हाटकेश्वर महादेव का अति चमत्कारी मंदिर है। यहां भगवान शिव की प्रतिमा पारद से बनी हुई है। मंदिर के पुजारी के मुताबिक श्री हाटकेश्वर महादेव का पारद का यह शिवलिंग सभी लिंगों में महालिंग है। जिसका वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है कि पाषाण बने शिवलिंग के पूजन अर्चन से 100 गुना अधिक लाभ स्वर्ण से बने शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से मिलता है। जबकि स्वर्ण से बने शिवलिंग की पूजा अर्चना से 100 गुना अधिक फल माणिक से बने शिवलिंग का पूजन अर्चन करने से मिलता है। इसी प्रकार माणिक से 100 गुना अधिक फल पारद शिवलिंग का पूजन अर्चना करने से प्राप्त होता है।

पारद का यह है पूरा अर्थ

मंदिर के पुजारी के मुताबिक पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने से सबसे अधिक फल प्राप्त होता है। यही वजह है कि पारद से बने शिवलिंग को महाशिवलिंग कहा जाता है। जिसका पूजन अर्चन करने से समस्त कष्टों का निवारण हो जाता है। पारद का पूरा अर्थ प यानी विष्णु, आ मतलब ब्रह्मा, र का अर्थ रुद्र और द का अर्थ काली से होता है। यदि हम पारद शिवलिंग का पूजन अर्चन करते हैं तो इससे हमें सभी देवी देवताओं के पूजन करने का फल प्राप्त होता है।

दूर-दूर से पहुंचते हैं श्रद्धालु

हाटकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान के नित्य अभिषेक पूजन के साथ ही वर्ष भर में आने वाले सभी त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। सावन के दिनों में यहां भक्तों की काफी तादात देखने को मिलती है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर में आने वाले सभी भक्तों के कष्टों का निवारण करते हैं। यही कारण है कि कार्य सिद्ध होने से लगातार मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। मंदिर में भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती, श्रीगणेश, कार्तिकेय और नंदी जी की प्रतिमा भी विराजमान है। वहीं मंदिर में महामृत्युंजय यंत्र भी स्थापित किया गया है।

1021 छिद्रों के कलश से होता है अभिषेक

मंदिर के पुजारी पं. कविन्द्र भारद्वाज का कहना है कि पूरे श्रावण महीने में 35 ब्राह्मणों द्वारा भगवान शिव का नियमित अभिषेक व पूजन, हवन आदि किया जाता है। किंतु इस मास में महारुद्र का एक अनोखा अनुष्ठान मंदिर में होता है। जिसमें लगभग नौ घंटे तक भगवान का विशेष पूजन अर्चन और अभिषेक 1021 छिद्रों के कलश से सहस्त्रधारा के साथ किया जाता है। जिसमें भगवान का आंवला, गन्ना, अनार, गुलाब जल, आम, बेलपत्र, नींबू, संतरा, मौसंबी, खस, चंदन व सर्वऔषधि से सहस्त्रधारा से अभिषेक होता है।

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