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इंदौर-उज्जैन के बीच 6 लेन सड़क की तैयारी, 45-50 मिनट में सफर पूरा होगा; कैबिनेट में मिल सकती है मंजूरी

इंदौर-उज्जैन के बीच 6 लेन सड़क की तैयारी, 45-50 मिनट में सफर पूरा होगा; कैबिनेट में मिल सकती है मंजूरी
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इंदौर-उज्जैन फोरलेन को 6 लेन बनाने की तैयारी है। ऐसा होने पर 44 किलोमीटर का सफर 45 से 50 मिनट में पूरा हो सकेगा।

इंदौर-उज्जैन फोरलेन को 6 लेन बनाने की तैयारी है। ऐसा होने पर 44 किलोमीटर का सफर 45 से 50 मिनट में पूरा हो सकेगा। अभी इस मार्ग में सफर करने पर एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग जाता है। एमपीआरडीसी ने इस रोड के लिए डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर ली है। डॉ. मोहन सरकार की अगली कैबिनेट में इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।

बता दें महाकाल लोक के निर्माण के बाद से इंदौर से बाय रोड उज्जैन आने जाने वालों की संख्या में काफी इजाफा दर्ज किया गया है। इस रोड में ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते इस रोड को फोर से सिक्स लेन करने की जरूरत महसूस हो रही है। साथ ही 2028 में सिंहस्थ का महाकुंभ भी है। जिसे देखते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने अगले 25 साल की जरूरत के हिसाब से रोड को डेवलप करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद से एमपी रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) ने सिक्स लेन सड़क के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है।

एक लाख वाहन रोड गुजरने की संभावना

वर्तमान में इंदौर-उज्जैन के बीच 35 से 40 हजार वाहनों का रोजाना आना जाना होता है। भविष्य में इस रूट में वाहनों की संख्या दो से ढाई गुना तक बढ़ने की संभावना है। MPRDC का अनुमान है कि औसतन एक लाख वाहन रोजाना गुजरेंगे।

MPRDC का इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन सड़क प्रोजेक्ट

  • 986 करोड़ रुपए होगी प्रोजेक्ट की लागत।
  • 12.50 मीटर की चौड़ाई रोड दोनों तरफ होगी।
  • 8 फ्लाईओवर और ओवरपास बनाए जाएंगे।
  • आने वाले समय में जरूरत के हिसाब से 8 लेन के रूप में डेवलप किया जा सकेगा।
  • अरविंदो मेडिकल कॉलेज इंदौर से हरि फाटक उज्जैन तक बनेगा।
  • सिक्स लेन को इंदौर के अरविंदो कॉलेज के पास से शुरू किया जाएगा, जहां फ्लाई ओवर का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण कर रहा है। सिक्स लेन उज्जैन में हरि फाटक तक बनेगा। यह लंबाई 44 किमी होगी। इस मार्ग के लिए सरकार को भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि दोनों ही ओर पर्याप्त जमीन उपलब्ध है।
  • एट ग्रेड जंक्शन बनाएंगे। जो ओवरपास के रूप में हो सकते हैं। इससे सिक्स लेन के रूट पर आवागमन करने वाले और दूसरे मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को रुकने की दिक्कत नहीं होगी।
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