इंदौर

HONEY TRAP में फंसे 'नाम' की कभी भी खुल सकती है पोल, रिपोर्ट पहुंची हाईकोर्ट : MP NEWS

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:14 AM GMT
HONEY TRAP में फंसे नाम की कभी भी खुल सकती है पोल, रिपोर्ट पहुंची हाईकोर्ट : MP NEWS
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INDORE : हनीट्रैप मामले में फंसे 'नाम' अब हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। एसआईटी ने सोमवार को बंद लिफाफों में जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। सरकार ने

INDORE : हनीट्रैप मामले में फंसे 'नाम' अब हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। एसआईटी ने सोमवार को बंद लिफाफों में जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। सरकार ने कोर्ट को बताया कि जांच के दौरान सामने आए ज्यादातर दस्तावेज और साक्ष्य आयकर विभाग को सौंपे जा चुके हैं। 'Name' stranded in HONEY TRAP can be exposed anytime, report reached High Court: MP NEWS

कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज और साक्ष्य (पैन ड्राइव इत्यादि) फोरेंसिक लैब हैदराबाद भेजे हैं। वहां से अब तक रिपोर्ट नहीं मिली है। हालांकि इन सबूतों की क्लोन कॉपी एसआईटी के पास है। इस पर कोर्ट ने आयकर विभाग को एसआईटी चीफ के दफ्तर जाकर इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज और सबूत देखने की छूट दी। साथ ही कहा कि आयकर विभाग को दस्तावेजों की जरूरत हो तो एसआईटी उपलब्ध करवाए। इधर सोमवार को मामले में सीबीआई का जवाब भी आ गया। उसका कहना है कि कोर्ट आदेश दे तो वह मामले की जांच करने को तैयार है। मामले में अब 1 अप्रैल को सुनवाई होगी।

हनीट्रैप मामले में हाई कोर्ट में चल रही पांच याचिकाओं में सोमवार को एक साथ सुनवाई हुई। पहली याचिका दिग्विजय सिंह भंडारी ने एडवोकेट मनोहरलाल दलाल और लोकेंद्र जोशी के माध्यम से दायर की है। दूसरी श्रीश मिश्रा ने एडवोकेट निधि बोहरा और तीसरी शेखर चौधरी ने एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत के माध्यम से लगाई है। इसके अलावा आरोपित बरखा सोनी और आयकर विभाग की तरफ से भी याचिकाएं चल रही हैं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर एसआइटी को आदेश दिया था कि वह हनीट्रैप मामले से जुड़े तमाम दस्तावेज आयकर विभाग को सौंपे।

सोमवार को आयकर आयुक्त खुद कोर्ट में उपस्थित हुए। इधर एसआईटी प्रमुख डीजी राजेंद्र कुमार, डीआईजी रुचि वर्धन मिश्रा, एसपी अवधेश गोस्वामी, टीआई शशिकांत चौरसिया भी सोमवार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए। एसआईटी प्रमुख ने दो बंद लिफाफों में हनीट्रैप मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपते हुए बताया कि दस्तावेज और सबूत आयकर विभाग को दे दिए हैं। कुछ इलेक्ट्रॉनिक सबूत जैसे पैन ड्राइव व अन्य जांच के लिए हैदराबाद लैब भेजे हैं। इन सबूतों की क्लोन कॉपी एसआईटी के पास है।

जरूरत पड़े तो दस्तावेज उपलब्ध भी करवाए एसआईटी

जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला ने आदेश दिया कि आयकर विभाग आयुक्त और अन्य अधिकारी 17 मार्च को सुबह साढ़े 10 बजे एसआईटी प्रमुख के दफ्तर जाकर इन इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को देख सकते हैं। वे इनके नोट्स बना सकते हैं। जरूरत हो तो एसआईटी उन्हें ये दस्तावेज उपलब्ध भी करवाए। कोर्ट ने कहा कि इसके बावजूद आयकर विभाग को जांच से जुड़े दस्तावेज या सबूत नहीं मिलते हैं तो आयकर आयुक्त अगली सुनवाई पर फिर आ सकते हैं।

कोर्ट जांच सौंपे तो हमें दिक्कत नहीं

इधर मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका में सोमवार को शासन और सीबीआई का जवाब आ गया। एडवोकेट धर्मेंद्र चेलावत ने बताया कि याचिका में मुख्य रूप से हनीट्रैप मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग की गई है। सरकार की तरफ से सोमवार को याचिका में जवाब आ गया। इसमें कहा है कि यह याचिका सिर्फ समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर लगाई गई है। इसे खारिज किया जाए। इधर सीबीआई ने अपने जवाब में कहा कि मामले में उसे जांच करने में कोई आपत्ति नहीं है। यह कोर्ट को तय करना है। कोर्ट को निर्णय करना है कि क्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है।

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