इंदौर

MP Indore News: कॉपी जांचने में लापरवाही की तो मूल्यांकनकर्ता होंगे ब्लैक लिस्टेड

Sanjay Patel
28 Nov 2022 10:45 AM GMT
MP Indore News: कॉपी जांचने में लापरवाही की तो मूल्यांकनकर्ता होंगे ब्लैक लिस्टेड
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कॉपी जांचने में मूल्यांकनकर्ताओं की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं पर सख्ती बरतने जा रहा है जो कॉपी जांचने के दौरान लापरवाही करते हैं।

MP Indore News: कॉपी जांचने में मूल्यांकनकर्ताओं की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ऐसे मूल्यांकनकर्ताओं पर सख्ती बरतने जा रहा है जो कॉपी जांचने के दौरान लापरवाही करते हैं। यूनिवर्सिटी की मानें तो बीएड-एमएड और बीएससी सहित तमाम कोर्स के मूल्यांकन में लापरवाही की शिकायतें मिलती रहती हैं जिससे कारण अब मूल्यांकन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मूल्यांकनकर्ताओं को तन्मयता के साथ कॉपियों को जांचना होगा।

मूल्यांकनकर्ताओं पर सख्ती

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी उन कॉलेजों पर भी सख्ती बरतेगी जो कॉलेज कोड 28 में नियुक्तियों का पालन नहीं कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा ऐसे सभी कॉलेजों को पत्र भेजने की तैयारी कर रही है। वहीं यूनिवर्सिटी ने तय किया है कि जो मूल्यांकनकर्ता कॉपी जांचने में लापरवाही करेंगे पहले तो उनसे यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा लिखित जवाब मांगा जाएगा और यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। वर्ष भर में मूल्यांकनकर्ता यदि दो बार से अधिक लापरवाही करेंगे तो उन पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा।

मूल्यांकन में ऐसी गलतियां आईं सामने

यूनिवर्सिटी में मूल्यांकन कार्य के दौरान कई तरह की लापरवाही के मामले सामने आए हैं। सूत्रों की मानें तो बीएड के एक मूल्यांकनकर्ता ने दो प्रश्न बिना जांचे नंबर चढ़ा दिए थे। जिसका नतीजा यह हुआ कि ग्रेजुएशन में टॉप करने वाली एक छात्रा भी उस सब्जेक्ट में फेल हो गई। वहीं एमबीए के एक छात्र को एक विषय में कुल 50 अंक मिले थे। लेकिन दो प्रश्नों के अंक ही नहीं जोड़े और मूल्यांकनकर्ता ने टोटल कर दिया। जिसका नतीजा यह रहा कि छात्र उस विषय में एटीकेटी आ गई। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल शर्मा की मानें तो खराब रिजल्ट या मूल्यांकन को लेकर जो शिकायतें आ रही हैं उसे हमने दो तरीकों से लिया है। पहला मूल्यांकन कार्य में लापरवाही किया जाना और दूसरा कॉलेजों में फैकेल्टी की कमी के कारण ठीक से पढ़ाई न हो पाना। दोनों पर काम प्रारंभ कर दिया गया है। बार-बार लापरवाही करने वाले मूल्यांकनकर्ताओं की अलग से लिस्ट बनाकर कार्रवाई की जाएगी।

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