इंदौर

एमपी का इंदौर डीएवीवी 2 करोड़ की लागत से खरीदेगा उत्तर पुस्तिकाएं

Sanjay Patel
27 Dec 2022 9:15 AM GMT
एमपी का इंदौर डीएवीवी 2 करोड़ की लागत से खरीदेगा उत्तर पुस्तिकाएं
x
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में परीक्षाएं सिर पर हैं और उत्तर पुस्तिकाएं खत्म होने की कगार पर पहुंच गई हैं। जिसके कारण यूनिवर्सिटी 2 करोड़ की लागत से उत्तर पुस्तिकाओं की खरीदी करेगा।

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में परीक्षाएं सिर पर हैं और उत्तर पुस्तिकाएं खत्म होने की कगार पर पहुंच गई हैं। जिसके कारण यूनिवर्सिटी 2 करोड़ की लागत से 32 पेज वाली उत्तर पुस्तिकाओं की खरीदी करेगा। यह उत्तर पुस्तिकाएं रेडीमेड रहेंगी। इतना ही नहीं परीक्षा-रिजल्ट और अन्य गोपनीय कार्यों से जुड़े दस्तावेज रखने के लिए बड़े लिफाफे तक कम पड़ गए हैं जिनकी भी 65 लाख रुपए से खरीदी की जाएगी।

नई उत्तर पुस्तिका निर्माण को भी मंजूरी

डीएवीवी की कार्य परिषद बैठक में जो निर्णय हुए हैं उनके मिनट्स भी तैयार कर सदस्यों को भेज दिए गए हैं। कार्य परिषद में नई उत्तर पुस्तिका निर्माण को भी मंजूरी दी गई है जिसके लिए 50 लाख रुपए का बजट रहेगा। विश्वविद्यालय द्वारा 12 पेज की 10 लाख उत्तर पुस्तिकाएं भी खरीदी जाएंगी। इसके साथ ही प्रायोगिक परीक्षा में उपयोग आने वाली 12 पेज की 5 लाख उत्तर पुस्तिकाएं भी मंगवाई जाएंगी। जिसकी प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। डीएवीवी में 1 लाख छात्रों की परीक्षा अगले ढाई माह में होनी है। इसके तुरंत बाद ही यूजी फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षाएं भी प्रारंभ हो जाएंगी।

मंगाया जाएगा 50 टन कागज

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा तत्काल 50 टन कागज भी खरीदा जा रहा है। जिसके लिए 50 लाख का बजट रखा है। बताया गया है कि इस कागज से विश्वविद्यालय द्वारा अपनी प्रिंटिंग प्रेस में उत्तर पुस्तिकाओं का निर्माण किया जाएगा। हालांकि निर्माण प्रक्रिया में काफी समय लगने की संभावना है। वहीं जनवरी और फरवरी माह के दौरान बीकॉम, बीए, बीएससी, बीबीए और बीसीए जैसे यूजी कोर्स की फर्स्ट ईयर की पूरक परीक्षाएं होना हैं। इसके साथ ही अन्य कोर्सों की भी परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं। जिसके चलते उत्तर पुस्तिकाओं की भी खरीदी विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा की जाएगी। यूनिवर्सिटी प्रबंधन की मानें तो गोपनीयता और तकनीकी कारणों से उत्तर पुस्तिकाएं स्वयं तैयार की जाती हैं किन्तु इस बार टेंडर प्रक्रिया तकनीकी प्रक्रिया के कारण लेट हो गई। जिससे विश्वविद्यालय तय समय पर उत्तर पुस्तिकाएं व लिफाफों का निर्माण नहीं कर सकी।

Next Story