इंदौर

Madhya Pradesh Honey Trap Case : जब आमने-सामने हुईं सभी आरोपित तो खुला ये राज

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:09 AM GMT
Madhya Pradesh Honey Trap Case : जब आमने-सामने हुईं सभी आरोपित तो खुला ये राज
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इंदौर। हनीट्रैप मामले में आरोपित आरती और श्वेता का गिरोह बहुत बड़ा है। ये शातिर महिलाएं हैं। इनके तार राज्य ही नहीं, अपितु केंद्रीय कार्यालयों से जुड़े हैं। कई लोगों के अश्लील वीडियो बना कर उन्हें ब्लैकमेल कर चुकी हैं। वकीलों की ये दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपित मोनिका और आरती का रिमांड एक अक्टूबर तक बढ़ा दिया, वहीं जेल में बंद श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी भी अब रिमांड पर थाने लाई गईं।कोर्ट ने 30 सितंबर तक रिमांड दिया है।

आरोपित मोनिका यादव और आरती दयाल को रिमांड अवधि समाप्त होने पर पलासिया थाना पुलिस ने शुक्रवार दोपहर जिला कोर्ट में पेश किया। इस दौरान दोनों खामोश खड़ी रहीं। जिला लोक अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने पुलिस की ओर से पक्ष रखकर कहा दो अक्टूबर तक रिमांड चाहिए। उनके वकील घनश्याम गुप्ता ने विरोध कर कहा कि अभियुक्तों को पुलिस परेशान कर रही है। उनके विरुद्ध साक्ष्य नहीं हैं।

एसआईटी की जांच तेज : हवाला से जुड़े श्वेता-आरती गिरोह के तार श्वेता जैन और आरती के तार हवाला कारोबारियों से भी जुड़े होने की जानकारी मिली है। आरोपित आरती ने खुद कबूला कि उसके संपर्क में रहने वाले अफसर, नेता, कारोबारी कई बार हवाला से भी रुपए भिजवाते थे। इस जानकारी के बाद एसआईटी ने ऐसे लोगों की जांच शुरू कर दी है। संभावना है कि जल्द ही नाम सामने आ सकते हैं।

कोर्ट में तर्क : रिमांड के दौरान बहाने बनाती रहीं आरोपित शेख ने कोर्ट के सामने तर्क रखा कि सभी शातिर महिलाएं हैं। रिमांड के दौरान बहाने बनाती रहीं। दिन में पांच बार अस्पताल लेकर जाना पड़ा। कभी बीमारी तो कभी गर्भवती होना बताया। लेकिन जांच में सारी रिपोर्ट सामान्य आई है। गुरुवार से जांच में कुछ सहयोग कर रही हैं। आरोपितों ने माना कि कई बड़े लोगों को ब्लैकमेल कर उन्होंने फायदा उठाया है। राज्य ही नहीं, केंद्रीय कार्यालयों में भी घुसपैठ बना ली थी। बड़े लोगों के वीडियो बनाकर टेंडर, ठेके और ट्रांसफर करवाने में दखल देने लगी थीं।

पूछताछ में यह भी बताया कि वे कम उम्र की लड़कियों को गिरोह में शामिल करती थीं। पुलिस जेल में बंद श्वेता और बरखा से भी पूछताछ करना चाहती है। सभी का आमना-सामना करवाया जाएगा। इस दलील के बाद कोर्ट ने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर को 30 सितंबर और मोनिका व आरती का 1 अक्टूबर तक रिमांड स्वीकृत कर दिया।

शक बढ़ा : तीन माह से फोन रिकॉर्ड कर रही थी जांच एजेंसी क्राइम ब्रांच व पलासिया थाना पुलिस ने भले ही श्वेता, आरती, बरखा के गिरोह के गैंग को पकड़ लिया, लेकिन जांच एजेंसी तीन महीने से पीछा कर रही थी। सूत्रों के अनुसार, एजेंसी को भनक लगी थी कि कुछ मंत्री महिलाओं के साथ आते-जाते हैं। महिलाएं अधिकारियों के लिए दलाली करने लगी हैं। वीडियो भी बनाए जा रहे हैं। इस सूचना के बाद उनके फोन रिकॉर्ड किए जाने लगे थे।

आरोपों का जवाब : देर रात आमने-सामने हुई पांचों आरोपित शुक्रवार रात गिरोह की पांचों सदस्य को पहली बार एक-दूसरे के आरोपों के जवाब आमने-सामने देने पड़े। देर रात जांच अधिकारी पूछताछ के लिए पहुंचे। अभी तक आरती श्वेता विजय जैन को ब्लैकमेलिंग के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं श्वेता का कहना है कि मामले उसका लेना-देना नहीं है। इधर, आरती व मोनिका के अलावा दोनों श्वेता व बरखा को होटल ले जाया जाएगा।

Aaryan Dwivedi

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