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INDORE वासियो हो जाये सावधान : इंदौर से महज 10 घंटे की दूरी पर है कोरोना वायरस, पढ़िए
इंदौर. दुनियाभर में हाहाकार मचाकर भारत में आने वाले कोरोना वायरस की आमद इंदौर से महज 10 घंटे की दूरी पर है। जरा सी लापरवाही यहां लोगों को इसका मरीज बना सकती है। इसके लिए जरूरत है सतर्क रहने की। दरअसल मुंबई में कोरोना वायरस के 9 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं, और भी हो सकते हैं। मुंबई से इंदौर की दूरी अगर रोड़ से मापे तो महज 10 घंटे की है, जबकि फ्लाइट से लगभग डेढ़ घंटे में ही पहुंच जाते हैं। मुंबई-पुणे से हर दिन लगभग 5 हजार लोगों का इंदौर आना-जाना लगा रहता है, ऐसे में अब बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
INDORE residents should be careful: now corona virus is just 10 hours away, readगौरतलब है कि कोरोना वायरस से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। हमारे देश में अब तक 73 पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं। मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना का एक भी पॉजिटिव सामने नहीं आया है, लेकिन इंदौर प्रदेश की व्यावसायिक और आर्थिक राजधानी है। मध्यप्रदेश से लगे महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। हर दिन इन तीनों प्रदेशों से लगभग 15 हजार लोगों का बस, ट्रेन, फ्लाइट और निजी वाहनों से आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में सतर्कता की जरूरत है ताकि इंदौर व मध्यप्रदेश में इसकी आमद न हो सके। दरअसल इंदौर से मुंबई, पुणे व अन्य स्थानों के लिए लगभग 70 बसें चलती हैं, वहीं लगभग छह ट्रेनें भी जाती-आती हैं। इनमें 8 से 10 हजार लोगों का आवागमन होता है। राजस्थान के लिए तीन ट्रेन और 15 से अधिक बसें हैं। यहां तीन से चार हजार लोग रोज आते-जाते हैं। उधर उत्तर प्रदेश के लिए लगभग दो ट्रेन और 20 से अधिक बसें हैं। ऐसे में दो से तीन हजार लोगों का यहां आवागमन है। मुंबई से सबसे अधिक लोग इंदौर आते-जाते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस के 73 मामलों की पुष्टि की है। इसमें विदेशी लोग भी शामिल हंै। दिल्ली में छह मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 17 केस आए हैं। महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश में 11-11 मामलों की पुष्टि हुई है। हरियाणा में 14 मामले सामने आए हैं। 73 संक्रमित लोगों में से 56 भारतीय और 17 विदेशी हैं। देशभर में कोरोना वायरस की 52 लैब और 56 जगह नमूने लिए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के 73 पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आने वाले 1,500 से अधिक लोगों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। देशभर में कोरोना के अब तक जो 73 मामले मिले हैं, इनमें 56 भारतीय और 17 विदेशी शामिल हैं। देश में केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। दुनिया के 124 देशों में कोरोना फैल चुका है। 32 देशों में इस बीमारी की वजह से मौतें भी हुईं हैं। अभी तक 1.25 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं, जिसमें 4500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 68 हजार के करीब मरीज ठीक हो चुके हैं। हालांकि, 53 हजार लोग अभी भी बीमार हैं। देश के 30 एयरपोर्ट पर इसकी स्क्रीनिंग भी की जा रही है।
ऐसे करें बचाव
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोवेल कोरोना वायरस बीमारी के संबंध में भारत सरकार की ट्रेबल एडवाइजरी, पब्लिक हेल्थ एक्ट की अधिसूचना तथा सामूहिक समारोहों के आयोजन के दिशा निर्देश जारी किए। प्रचार-प्रसार के माध्यम से जनसामान्य से शिष्टाचार का उपयोग करें, बार-बार अपने हाथ धोएं, खांसी-छींकते समय अपनी नाक और मुंह को टिशू पेपर-रूमाल या कोहनी से ढंकंे, हाथ मिलाकर अभिवादन न करें, बल्कि नमस्ते-आदाब करें। अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। बताया कि मध्यप्रदेश में अभी तक कोई पॉजिटिव प्रकरण नहीं है। राज्य सर्विलेंस इकाई नए दिशा-निर्देश एवं परामर्शों के लिए सेंट्रल सर्विलेंस इकाई, नई दिल्ली के संपर्क में है। नोवेल कोरोना वायरस बीमारी की जानकारी व मार्गदर्शन के लिए कॉल सेन्टर 104 को राज्य स्तर पर क्रियाशील किया गया है, जिसमें अब तक 821 काल प्राप्त हो चुके हैं। प्रभावित देशों से आने वाले नए संभावित प्रकरणों को दर्ज कर सर्विलेंस एवं आईसोलेशन में रखा गया है।
50 से अधिक लोगों के कार्यक्रमों को अनुमति नहीं
कोरोना वायरस को लेकर कल प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लेकर सीएमएचओ, सिविल सर्जन सहित अन्य अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। इसमें कहा गया कि 50 से अधिक लोग जहां एकत्रित हों, ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति न दी जाए। कार्यक्रम हो रहे हों तो आयोजकों से अनुरोध कर उन्हें निरस्त करवाएं। कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 12 मार्च तक इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर के एयरपोर्ट पर 9 हजार 387 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। नोवेल कोरोना वायरस बीमारी की रोकथाम के लिए समस्त क्षेत्रीय संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय एवं मेडिकल ऑफिसरों के साथ अधिकारियों ने चर्चा की।