इंदौर

₹50 हजार रिश्वत लेते लोकायुक्त टीम ने महिला कर्मचारी को पकड़ा, ₹11 लाख के भुगतान के एवज में मांगी थी 15% रिश्वत

₹50 हजार रिश्वत लेते लोकायुक्त टीम ने महिला कर्मचारी को पकड़ा, ₹11 लाख के भुगतान के एवज में मांगी थी 15% रिश्वत
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लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

इंदौर के जनजाति कार्य विभाग (कलेक्टोरेट) में पदस्थ एक महिला कर्मचारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

इंदौर के जनजाति कार्य विभाग (कलेक्टोरेट) में पदस्थ एक महिला कर्मचारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला कर्मचारी ने यह रिश्वत होस्टल के किराए के 11 लाख रुपए के भुगतान के एवज में मंडल संयोजक से मांगी थी।

मुख्य आरोपी का नाम विजय कुमार जायसवाल (55) है, जो सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग में क्षेत्रीय मंडल संयोजक के पद पर कार्यरत हैं। दूसरी आरोपी उमा मर्सकोले (43) इसी ऑफिस में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी हैं।

फरियादी विक्रम सिंह गेहलोत (67) रानीबाग के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2015 से 2023 तक अपना होस्टल श्री कृष्ण एवेन्यू थर्ड फेस में जनजातीय कार्य विभाग को किराए पर दिया था। यहां विभाग द्वारा जूनियर कन्या छात्रावास संचालित किया जा रहा था। अप्रैल 2023 में उन्होंने विभाग से होस्टल खाली करा लिया था, लेकिन किराया वृद्धि का एरियर 11 लाख रुपए बाकी था।

इस बकाया राशि के भुगतान के लिए विजय जायसवाल और उमा मर्सकोले ने विक्रम सिंह गेहलोत से 15% रिश्वत की मांग की। गेहलोत ने इस रिश्वतखोरी की शिकायत लोकायुक्त एसपी से की। शिकायत के सत्यापन के बाद, सोमवार को गेहलोत विजय जायसवाल से मिलने कलेक्टोरेट पहुंचे।

जायसवाल ने गेहलोत को बताया कि वे अभी कार्यालय में नहीं हैं और 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि उमा मर्सकोले को दे दी जाए। गेहलोत ने जैसे ही उमा मर्सकोले को रिश्वत की राशि दी, लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इस घटना के बाद से विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं, लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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