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मप्र के बर्खास्त IAS दम्पति ने 7.11 करोड़ के काले धन को सफेद किया : ईडी
नई दिल्ली/इंदौर: मध्यप्रदेश कैडर के बर्खास्त आईएएस दम्पति अरविंद जोशी और टीनू जोशी के खिलाफ धनशोधन की मामले की जांच के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अहम खुलासा किया है. ईडी के मुताबिक इस दम्पति ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार की करीब 7.11 करोड़ रुपए की काली कमाई को सफेद करने के लिए अपने रिश्तेदारों और नजदीकी लोगों के नाम पर बीमा योजनाएं और अचल सम्पत्तियां खरीदीं. आरोप है कि इनमें से अधिकांश मिल्कियत नकदी के इस्तेमाल से खरीदी गयीं. ईडी के इंदौर स्थित उप क्षेत्रीय कार्यालय के एक अधिकारी ने बुधवार को जारी विज्ञप्ति में बताया कि भोपाल की एक अदालत में धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पेश 1,552 पन्नों के आरोप पत्र (जिसे ईडी की सरकारी जुबान में अभियोजन शिकायत कहा जाता है) में इस आशय के इल्जाम लगाये गए हैं.
अदालत में आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर उन्होंने बताया कि बर्खास्त आईएएस दम्पति के खिलाफ धन शोधन के मामले की जांच में आपराधिक जरियों से अर्जित कुल रकम लगभग 7.11 करोड़ रुपये पायी गई है. इनमें तीन करोड़ तीन लाख 20 हजार 350 रुपए की नकदी, तीन करोड़ 21 लाख 58 हजार 975 रुपए की बीमा योजनाएं और 85.72 लाख रुपए मूल्य की अचल सम्पत्तियां शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि भोपाल की अदालत में जिन आठ लोगों के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दायर किया गया, उनमें बर्खास्त आईएएस दम्पति और उनके तीन नजदीकी रिश्तदारों के अलावा उनके विश्वस्त सहयोगी एसपी कोहली तथा उनके पुत्र सीमांत कोहली और एक निजी बीमा कम्पनी की प्रबंधक सीमा जायसवाल शामिल हैं. उन्होंने बताया कि ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि तत्कालीन आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी ने आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल की बीमा योजनाओं में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर तीन करोड़ 21 लाख 58 हजार 975 रुपए का कथित निवेश किया.
जांच एजेंसियों को नहीं दे सके थे संतोषजनक जवाब आयकर विभाग के वर्ष 2010 में मारे गए छापों में अरविंद जोशी और उनकी पत्नी टीनू जोशी के निवास पर तीन करोड़ तीन लाख 20 हजार 350 रुपये की नकदी पायी गयी थी और तत्कालीन आईएएस दम्पति इसके बारे में जांच एजेंसियों को संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे. अधिकारी ने बताया कि ईडी की विस्तृत जांच में यह भी पाया गया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहने के दौरान जोशी दम्पति द्वारा कथित घूस के जरिए कमाये काले धन को सफेद करने में उनके विश्वस्त सहयोगी एसपी कोहली की प्रमुख भूमिका रही है. आरोप है कि कोहली ने इस धन के इस्तेमाल से आभा जोशी गनी (अरविंद जोशी की बहन), सीमांत कोहली (एसपी कोहली का पुत्र) और हर्ष कोहली (एसपी कोहली की पत्नी) के साथ ईथोस एक्सपोर्ट्स नाम की निजी कंपनी के नाम पर कुल 85.72 लाख रुपए मूल्य की अचल संपत्तियां खरीदीं. इनमें कुल 110.43 एकड़ कृषि भूमि और 610 वर्ग फुट का फ्लैट शामिल हैं.
ईथोस एक्सपोर्ट्स के नाम से बनाई फर्जी कंपनी उन्होंने बताया कि जांच में मालूम पड़ा कि ईथोस एक्सपोर्ट्स कम्पनी कृषि भूमियां खरीदने के लिये ही बनायी गयी थी और इसकी आय का कोई वैध जरिया नहीं था. कागजों में इस कम्पनी का पंजीकृत कार्यालय भोपाल के जिस पते पर दिखाया गया है, वह जगह दरअसल अरविंद जोशी के पिता एचएम जोशी का घर है. अधिकारी के मुताबिक ईडी की छानबीन में यह भी पता चला कि अरविंद जोशी और एसपी कोहली एक-दूसरे से नकदी का जो लेन-देन करते थे, उसका हस्तलिखित दस्तावेजों में पूरा हिसाब रखते थ्रे. यह हिसाब "कोड वर्ड" में दर्ज किया जाता था. आयकर विभाग ने अरविन्द जोशी और टीनू जोशी के ठिकानों पर वर्ष 2010 में छापे मारे थे और तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी के साथ बेहिसाब संपत्ति के दस्तावेज बरामद किये थे. इसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस के लोकायुक्त दस्ते ने आईएएस दम्पति के खिलाफ आय के वैध जरियों के मुकाबले अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था.
इस मामले में लोकायुक्त पुलिस के दायर आरोप पत्र में कहा गया था कि आईएएस दम्पति ने 41.87 करोड़ रुपये की संपत्ति बनायी जो उनकी आय के वैध जरियों के मुकाबले 3151. 32 प्रतिशत ज्यादा है.