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एक्सपायरी दवा खाने से क्या होता है?

एक्सपायरी दवा खाने से क्या होता है?
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एक्सपायर दवा खाने के नुकसान क्या हैं? क्या एक्सपायर दवा खाने से मौत हो सकती है

एक्सपायर दवा खाने से क्या होगा: समझदार इंसान जब भी दवा खरीदता है तो MRP से पहले उसकी MFG यानी मेन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट देखता है. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पहले दवा का डोज ले लेते हैं और बाद में एक्सपायरी डेट देखकर पैनिक होने लगते हैं.

दवाओं में एक्सपायरी डेट को लेकर लोगों में बहुत कन्फ्यूजन है. लोग सोचते हैं कि एक्सपायरी दवा खाने से उनकी मौत हो सकती या वो ठीक होने की जगह बीमार हो सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कि एक्सपायरी दवा खाने से क्या होता है?

एक्सपायरी दवा खाने से क्या होता है

रिपोर्ट्स के मुताबिक दवा कंपनियां अपनी दवाओं के पैकेट में एक्सपायरी डेट इसी लिए लिखती हैं ताकि लोगों को दवा पर भरोसा रहे. और ये सरकार का नियम भी है. जबतक दवा एक्सपायरी डेट के अंदर रहती है तबतक कंपनी उस दवा से आपके इलाज और सेफ्टी की गारंटी लेती है. यानी अगर नॉन एक्सपायरी दवा आपको रिएक्शन कर देती है तो आप कंपनी की कॉलर पकड़ सकते हैं

दवाई एक्सपायर होती है तो क्या होता है

जब दवा अपनी एक्सपायरी डेट को क्रॉस कर जाती है तो धीरे-धीरे उसकी गुणवत्ता कम होने लगती है. एक्सपायरी डेट के बाद दवा उतनी असरदार नहीं बचती है. समय के साथ उसमे कैमिकल बदलाव भी आते हैं. इसी लिए दवाई असर नहीं करती और ना ही किसी को एक्सपायरी दवा खानी चाहिए

एक्सपायरी दवाई खाने से क्या होता है

अमूमन एक्सपायरी दवाई खाने से आपका इलाज तो नहीं हो पाता है लेकिन दवा का रिएक्शन देखने को जरूर मिल सकता है. लेकिन ऐसी भी कोई टेंशन लेने वाली बात नहीं होती है. दवाइयों में बैक्टीरियल ओवरग्रोथ हो सकता है. ये अपने आप में इन्फेक्शन का कारण बन सकता है.

जैसे आप अगर बुखार के लिए पेरासिटामॉल ले रहे हैं और वो दो महीने बाद एक्सपायर होने वाली है तो भी उसे खाने का कोई मतलब नहीं। इसी लिए ऐसी दवाएं लें जिनकी एक्सपायरी डेट को काफी समय हो और हमेशा जांच परख कर ही दवाएं खरीदें

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