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ब्लड क्लॉट के लक्षण: Blood Clot Ke Lakshan

ब्लड क्लॉट के लक्षण: Blood Clot Ke Lakshan
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ब्लड क्लोटिंग का अर्थ होता है शरीर में एक ही जगह पर खून का इकट्ठा होना।

ब्लड क्लॉट्स (Blood clots) यानी खून के थक्के। यह एक तरह की समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। सामान्य स्थिति में हमारी रक्त वाहिनी (Blood vessel) के अंदर खून का प्रभाव हुआ करता है लेकिन जब ब्लड क्लोट जैसी समस्या आती है तो रोगी की रक्त वाहिनियों के अंदर खून के थक्के जमने लगता है। ब्लड क्लोटिंग का अर्थ होता है शरीर में एक ही जगह पर खून का इकट्ठा होना। ये स्थिति व्यक्ति के लिए काफी खतरनाक हो सकती है जो उसकी मौत का कारण बन सकती है।

क्या होते है ब्लड क्लॉट के लक्षण? (What are the symptoms of blood clot)

Blood clot अलग-अलग तरह के होते हैं और इनके लक्षण भी विभिन्न होते हैं। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि इस बात का पता लगे कि थक्का कहां बना है और किस साइज का है।

● तेजी से सीने में दर्द होना, शरीर में ऐठन होना, सांस फूलना, खांसी के साथ खून आना, हाथ पैरों में लालिमा आ जाना और सूजन रहना ये ब्लड क्लॉटिंग के कुछ प्रमुख लक्षण है।

● अगर ब्रेन में ब्लड क्लोटिंग (Blood clotting in the brain) होती है तो तेजी से सर में दर्द होने लगता है। ब्रेन की ब्लड क्लोटिंग काफी घातक भी साबित हो सकती है।

● अगर पैरों में ब्लड क्लोटिंग (Blood clotting in the legs) होती है तो पैरों में सूजन आ जाती है और एक पैर से दूसरा पर काफी आकार में बड़ा दिखने लगता है।

● हमारे हृदय तक जो खून सप्लाई करती है उसे कोरोनरी धमनी (Coronary artery) कहते हैं, अगर इसमें थक्का जम जाता है तो हार्ट अटैक (Heart attack) की भी संभावना रहती है।

इसलिए रक्त के थक्के (Blood clot) को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए अगर आपको किसी भी तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श करें। याद रखिए सही समय पर अगर इलाज मिल जाएगा तो रोगी कुछ ही दिनों में सही हो जाएगा।

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