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शिलाजीत सिर्फ उस काम में नहीं आता जिसके बारे में आप सोच रहे हैं, जाने कैसे बनती है ये औषधि

शिलाजीत सिर्फ उस काम में नहीं आता जिसके बारे में आप सोच रहे हैं, जाने कैसे बनती है ये औषधि
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शिलाजीत का सेवन करने से शरीर को बल मिलता है फुर्ती आती है

शिलाजीत एक ऐसी औषधि जिसका नाम या किसी का मजाक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है या फिर कान में फुसफुसा कर बोला जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि शिलाजीत का इस्तेमाल सिर्फ उसी काम के लिए होता है जिसे याद कर के आप के होंठों में मुस्कान चमकने लगी है. हाँ लेकिन उस काम में भी ये काफी असरदार है। शिलाजीत एक औषधि है इसका नाम लेने में कोई शर्माने की ज़रूरत नहीं है भला क्या आप त्रिफला चूर्ण और लवण भास्कर जैसे आयुर्वेदिक दवाइयों का नाम लेने से या सुनने से हिचकिचाते है क्या ? तो फिर शिलाजीत का नाम सुनते ही लोग मुँह क्यों छुपाने लगते हैं। आज हम उसी शर्म को कम करने के लिए ये आर्टिकल लिख रहे हैं। हम आपको बताएगें ये बनता कैसे है और इसके फायदे क्या है।

कैसे बनता है शिलाजीत (Shilajit)

शिलाजीत की उत्पत्ति पहाड़ की चट्टानों से हुई है। गर्मी के मौसम में जब सूर्य देव अपनी तपन का कमाल दिखाते हैं तो चट्टानों के धातु अंश पिघल कर रिसने लगते हैं। एक गाढ़े काले रंग का पदार्थ जो किसी डामर या तारकोल की तरह दीखता है वो चट्टानों ने नीचे आकर जमा होता रहता है उसी को शिलाजीत कहते हैं ये कोई लैब में नहीं बनाया जाता ना ही पेड़ों और जड़ों में फलता है। शिलाजीत जब सूख जाता है जो किसी काले चमचमाते पत्थर की तरह दिखाई पड़ता है इसका स्वाद कड़वा और कसैला होता है। शिलाजीत को पहाड़ का पसीना और पत्थर का खून भी बोला जाता है। इसके चार प्रकार होते हैं सुवर्ण, रजत, ताम्र, और लोह।

बुढ़ापा दूर करता है और वो भी जो आप सोच रहे हैं

वैसे तो शिलाजीत का मुख्य उद्देश्य शरीरिक बल को बढ़ाना और शरीर की कमज़ोरी को भगाना, तन को शक्तिशाली बनाना और पुष्ट बनाना रहता है। जो लोग शिलाजीत का सेवन करते हैं उनको बुढ़ापा देरी से आता है। इस औषधि का सेवन करने वालों के शरीर से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर में तंदुरुस्ती बढ़ती है मान लो इंसान को वापस से युवा अवस्था में जाने का दूसरा मौका मिल जाता है। और हां भाई वीर्यवान बनाता है इंसान को यौनशक्ति बढ़ती है मतलब बड़े बुजुर्ग कहते हैं जो इसका सेवन करता है उसके अंदर घोड़े जैसे फुर्ती समा जाती है।

इसका सेवन कैसे करते हैं

शिलाजीत का सेवन शहद और दूध के साथ किया जाता है रोज़ सुबह शाम इसका सेवन करने से रोग दूर भागते हैं, छोटे मोटे इन्फेक्शन ख़त्म हो जाते हैं और तो और ब्लड प्रेशर को बैलेंस रखने के भी ये काम आता है। इसका असर शरीर में कम से कम 2 से 3 महीनों दिखाई पड़ने लगता है ऐसा नहीं है की एक चम्मच खा लिए तो शक्तिमान बन गए। शिलाजीत का सेवन खाली पेट करना चाहिए और जिसको एसिडिटी की शिकायत हो उसे खाना खाने के 1 घंटे बाद लेना चाहिए।

कहाँ मिलता है शिलाजीत

वैसे तो बाजार में मिलता है, दवाई और आयुर्वेदिक औषधियों की दुकानों में भी मिलता है इसको पाने के लिए आपको कोई पहाड़ नहीं चढ़ना पड़ेगा फिर भी जनरल नॉलेज के लिए बताए देते हैं शिलाजीत ज़्यादातर एशियाई चट्टानों से रिसने वाली एक धातु है, मध्यप्रदेश में सतपुड़ा के पहाड़ों से निकला शिलाजीत बहुत फेमस है वहां तो जंगल के बंदर ही इसे निकाल निकाल के खाते रहते हैं और उछल कूद मचाए रहते हैं। बाकी ये ज़्यादातर पकिस्तान के गिलगित बाल्टिस्तान में पाया जाता है।

साइडइफेक्ट क्या है

सही मात्रा में सेवन किया जाए तो इसके फायदे ही फायदे हैं लेकिन जज़्बाती हो कर ज़्यादा सेवन करने पर शिलाजीत के नुकसान भी हैं। ज़्यादा मात्रा में शिलाजीत लेने से शरीर का तापमान बढ़ने लगता है, तलवों में जलन उठती है, शरीर में एलर्जिक रिएक्शन होते हैं जैसे फोड़े फुंसी निकलना खुजली होना और ज़्यादा यूरिनेशन होने की समस्या बढ़ने लगती है।

कैसे पहचाने शिलाजीत असली है या नकली

असली शिलाजीत पहचानने के लिए आप एक प्रयोग कर सकते है इसे अगर आप आग में डालते है और इससे धुआं उठने लगता है तो समझ जाना दुकानदार ने आपका काट दिया है और धुआँ नहीं निकलता है तो ये असली है। इसके अलावा अगर आप इसे किसी लड़की में लगा कर उसे जलाने की कोशिश करते हैं तो ये फूलने लगता है और अगर ये टपकने लगे तो ये नकली है। इसे आप पानी में डाल कर भी देख सकते हैं अगर ये पानी में जाने के बाद पिघल कर पानी में बेथ जाता है तो ये असली होगा। पानी में डालने के बाद शिलाजीत थोड़ी देर में घुल भी जाता है।

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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