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Non-Sleep Deep Rest: क्या होता है NSDR? बिना सोए महाभारत के अर्जुन से लेकर Google के CEO सुंदर पिचाई तक लेते हैं 8 घंटे की नींद

Non-Sleep Deep Rest (NSDR)
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Non-Sleep Deep Rest (NSDR)

Non-Sleep Deep Rest (NSDR) or Yoga Nidra: नॉन-स्लीप डीप रेस्ट एक योग निद्रा की तरह है, जिसमें जागते हुए सोने की प्रैक्टिस की जाती है.

Non-Sleep Deep Rest (NSDR): आपने ऋषि मुनियों को योग निद्रा करते हुए देखा या सुना होगा. योग निद्रा (Yoga Nidra) का इस्तेमाल कर महाभारत के अर्जुन भी रिलैक्स किया करते थें. इसी तरह आज भी लोग योग निद्रा का इस्तेमाल करते हैं. नॉन-स्लीप डीप रेस्ट (NSDR) को योग निद्रा की ही भांति देखा जाता है. यह एक आध्यात्मिक नींद है. इसमें जिसमें जागते हुए सोने की प्रैक्टिस की जाती है. जागने और सोने की बीच की कड़ी को ही योग निद्रा कहा जाता है.

क्या आप जानते हैं कि, महाभारत के धनुर्धारी अर्जुन को सोने की जरूरत महसूस नहीं होती थी. ऐसा इसलिए क्योंकि योग निद्रा की प्रैक्टिस कर उन्होंने नींद पर जीत हासिल कर ली थी. इसलिए उन्हें गुडाकेश कहा जाता था. रामायण काल में वनवास के दौरान लक्ष्मण ने भी इसकी प्रैक्टिस की थी. लक्षमण और अर्जुन दोनों ही जागते हुए अपनी निद्रा पूरा कर लिया करते थें. जैसा की ऋषि मुनि करते आएं हैं. Non-Sleep Deep Rest (NSDR) में अगर 10 से 30 मिनट तक योग निद्रा की सही तरीके से प्रैक्टिस करें तो 7 से 8 घंटे की गहरी नींद 4 घंटे में भी पूरी कर सकते हैं.

Google के CEO सुंदर पिचाई भी लेते हैं NSDR का सहारा..

वॉल स्ट्रीट को दिए एक इंटरव्यू में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि तनाव को कम करने के लिए वे नॉन-स्लीप डीप रेस्ट यानि NSDR का सहारा लेते हैं. इस अद्भुत प्रक्रिया के बारे में उन्हें एक पॉडकास्ट से पता चला था. इसमें आप बिना सोए खुद को दोबारा नई एनर्जी के साथ काम के लायक खुद को तैयार कर लेते हैं. जब भी उन्हें मेडिटेशन करना मुश्किल लगता है, तब वे YouTube पर जा कर एक NSDR का वीडियो ढूंढ़ लेते हैं. 10, 20 या 30 मिनट के इन वीडियो से स्ट्रेस फ्री हो जाते हैं. जिससे काफी रिलैक्स फील होता है.

Google के CEO सुंदर पिचाई की तरह आज कई ऐसे प्रोफेशनल हैं जो 8 घंटे की नींद पूरी नहीं कर पाते हैं. कई ऐसे हैं जो काम की शिफ्ट बदलने की वजह से नींद के घंटे पूरे नहीं कर पाते. यंगस्टर्स अमेज़न प्राइम, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार पर वेब सीरीज या फिल्में देखने के चक्कर में भी देर रात तक जागते हैं. कुछ तो कुछ नहीं करते बस बिस्तर पर लेटकर मोबाइल पर रातभर रील्स और वीडियो देखते रहते हैं. RewaRiyasat.Com अपने पाठको को देर तक जागने की सलाह बिलकुल नहीं देता है. बस इतना बता रहे हैं कि ऐसे लोगों को योग निद्रा या NSDR यानि नॉन स्लीप डीप रेस्ट की प्रैक्टिस करनी चाहिए.

क्या होता है NSDR?

  • Non-sleep deep rest (NSDR) शब्द से स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर एंड्रयू ह्यूबरमैन ने दुनिया को परिचित करवाया. NSDR में हमें अपनी आंखें बंद करके 20-30 मिनट लेटना होता है और वापस उठने के बाद हम इतना रिलैक्स महसूस करते हैं जैसे कि 7-8 घंटे की गहरी नींद से उठे हों.
  • स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर काम करने वाले डॉक्टर एंड्रयू ह्यूबरमैन बताते हैं कि वे स्वयं 10 सालों से NSDR प्रैक्टिस कर रहे हैं और वे इसे अपनी नींद पूरी करने और फोकस्ड रहने का बेस्ट टूल मानते हैं.
  • NSDR शब्द दुनिया के लिए नया हो, पर यह प्रक्रिया हमारे देश के लिए हजारों साल पुरानी है. इसकी बात हमारे धर्मग्रंथों में भी की गई है. वहीं, पतंजलि के योग सूत्र में भी इसका जिक्र है.

योगनिद्रा या NSDR के स्टेप्स (How can you relax your mind and body?)

  1. शांत और कम रोशनी वाली जगह पर पीठ के बल लेट जाएं. शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें. हथेलियां खोलकर आसमान की तरफ रखें.
  2. गहरी सांस लें, फिर सामान्य सांस लेते हुए ध्यान दाहिने पैर के पंजे पर ध्यान लगाएं. इस दौरान मन में बेतरतीब ख्याल न लाने की कोशिश करें.
  3. अपना ध्यान पंजे से घुटने, फिर जांघ पर लाएं. इस प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ दोहराएं. ऐसे करते-करते गले, छाती आदि पर ध्यान लगाएं.
  4. गहरी सांस लें और कुछ देर इसी स्थिति में लेटे रहें. अब ध्यान आसपास के माहौल पर ले जाएं. दाहिनी करवट लेकर बाएं नाक से सांस छोड़ें.
  5. ऐसा करने से शारीरिक तापमान गिरेगा. थोड़ी देर बाद धीरे से उठकर बैठ जाएं. धीरे-धीरे ही अपनी आंखें खोलें.

सेहत के लिए फायदेमंद है योगनिद्रा

  • तनाव, चिंता और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करती हैं और शरीर को रिलैक्स करता है.
  • जिन्हें नींद कम आने या नहीं आने की परेशानी हैं, उन्हें बेहतर नींद पाने में मदद करेगा.
  • मन को शांत करता है.
  • एकाग्रता की क्षमता बढ़ती है.
  • दिमागी थकान दूर होती है.
  • शरीर के दर्द से छुटकारा दिलाता है.
  • थकान और निगेटिव सोच को दूर करता है.
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