Health

दाल कब खाएं इस पर भी विचार किया जाना आवश्यक है, जाने किस दाल का सेवन कब.....

वैसे तो हमारे समाज में दाल को बहुत ही सरज और सहज उपमा दी जाती है। आम तौर पर कहा जाता है ’दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ’। लेकिन आज के समय में इस दाल रोटी में भी बहत सी पावंदिया और नियम लागू हो रहे है। ऐसे में हमें जानना आवश्यक है कि हम दल कर कब और कैसे सेवन करें कि वह दाल हमारे शरीर केा हानी न पहुंचाये।

वैसे तो हमारे समाज में दाल को बहुत ही सरज और सहज उपमा दी जाती है। आम तौर पर कहा जाता है ’दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ’। लेकिन आज के समय में इस दाल रोटी में भी बहत सी पावंदिया और नियम लागू हो रहे है। ऐसे में हमें जानना आवश्यक है कि हम दल कर कब और कैसे सेवन करें कि वह दाल हमारे शरीर केा हानी न पहुंचाये।

आज इस समाचार के माध्यम से यह जानने का प्रयास करते हैं कि दाल सेवन के क्या नियम और क्या फायदे है। कहा जाता है कि अगर कोई भी सब्जी घर में नहीे है तो उस दिन दाल बना लिया जाय जो साग की जगह उपयोग किया जा सकता है।

वैसे तो दाल को प्रोटीन का सबसे बडे वाहक माना जाता है। कहा जाता है कि तुअर की दाल में सबसे अधिक प्रोटीन मिलता है। लेकिन इस तुअर की दाल का सेवन हमें दिन में और रात में दोनो वक्त नहीं करना चाहिए।

जानकारों की माने तो जिस प्रोटीन के लिए हम दाल का सेवन करते है। वही प्रोटीन का अगर पाचन सही तरीके से नहीं होता है तेा वह हमारे हाजमें को खराब कर देता है। ऐसे में ताकत मिलने के बजाय हम और अधिक कमजोर हो जाते है।

आयुर्वेद के अनुसार भोजन में परोसी गई हर चीज की तासीर अलग-अलग होती है। दाल का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन रात के समय दाल खाने से व्यक्ति को अपच होने का डर बना रहता है।

आयुर्वेद के अनुसार रात को कभी भी साबुत मसूर, छोले, राजमा, अरहर, उड़द, तुअर और मटर जैसी दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है। रात में अगर दाल खाने की इच्छा हो तो मूग की दाल का सेवन किया जा सकता है। यह पचने में हल्की होती है।

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