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Heart Attack Risk: इस ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों में सबसे ज्यादा रहते हैं Heart अटैक के चांसेस

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हमारे ब्लड ग्रुप ( Blood Group) और हार्ट की सेहत (Heart Health) आपस में एक दूसरे से कनेक्टेड रहती हैं।

Heart Attack Risk: पूरी दुनिया में बहुत से लोगों को हृदय (Heart Health) से संबंधित बीमारियां हो रही हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हर वर्ष पूरी दुनिया में हार्ट से संबंधित बीमारियों से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हृदय से जुड़ी बीमारियों के बहुत से कारण होते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख हैं; तनाव, खराब लाइफ़स्टाइल, एक्सरसाइज ना करना, और जंक फूड का ज्यादा सेवन करना। बहुत से लोग तो ऐसे भी होते हैं जिनको ह्रदय से संबंधित कुछ भी प्रॉब्लम है इसकी जानकारी पहले से नहीं मिल पाती, जिसके कारण एकदम से अटैक (Heart Attack) पड़ने पर उनके बचने के चांसेस काफी कम हो जाते हैं।

ब्लड ग्रुप और हार्ट हेल्थ

शायद ही आपने कभी सुना हो कि हमारे ब्लड ग्रुप ( Blood Group) और हार्ट की सेहत (Heart Health) आपस में एक दूसरे से कनेक्टेड रहती हैं। हम यह जानते हैं कि हर व्यक्ति का ब्लड ग्रुप (Blood Group) अलग होता है और रिसर्चर्स का यह मानना है कि ABO ब्लड सिस्टम के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि किस ब्लड ग्रुप (Blood Group) के लोगों में हार्ट की बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा पाया जाता है। आइए जानते हैं कैसे?

ABO ब्लड सिस्टम क्या है?

हार्ट और ब्लड ग्रुप (Blood Group) के संबंध की जानकारी प्राप्त करने से पहले हमें यह जानना होगा कि ABO ब्लड सिस्टम (ABO Blood System) है क्या?

आपको बता दें कि हमारे ब्लड को ABO ब्लड सिस्टम (ABO Blood System) के अंतर्गत अलग-अलग पार्ट में डिवाइड किया जाता है। इस सिस्टम में ब्लड को अलग-अलग हिस्सों में ब्लड में A और B एंटीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर बांटा जाता है। इसी के आधार पर लोगों का ब्लड ग्रुप डिवाइड होता है A, B, AB या O ब्लड ग्रुप में। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी ब्लड ग्रुप में पॉजिटिव ओर नेगेटिव फैक्टर आते हैं उसके रेड ब्लड सेल्स (RBCs) में प्रोटीन की उपस्थिति या अनुपस्थिति की वजह से।

यानी कि यदि आपके ब्लड में प्रोटीन पाया जाता है तो आप Rh पॉजिटिव होंगे अन्यथा आप Rh निगेटिव होंगे।

O blood group वाले लोग यूनिवर्सल डोनर के रहते हैं और AB blood group वाले लोग universal acceptor! यानी कि वो किसी से भी ब्लड ले सकते है।

इस ब्लड ग्रुप वाले लोगो को हार्ट की डिजिज का खतरा ज्यादा होता है;

वर्ष 2020 में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल में एक स्टडी प्रकाशित की गई जिसके अनुसार जिन लोगों का ब्लड ग्रुप (Blood Group) A और B होता है उनमें थ्रोम्बोम्बोलिक बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है वहीं अगर बात करें O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तो उनकी तुलना में ब्लड ग्रुप A और B में हाइपरटेंशन का खतरा कम पाया जाता है।

स्टडी के अनुसार A ब्लड ग्रुप वाले लोग में O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में हर्ट फेल्योर का खतरा ज्यादा होता है।

B ब्लड ग्रुप लोगों को ओ ब्लड ग्रुप (Blood Group) वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा ज्यादा होता है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

शोधकर्ताओं के अनुसार यह सभी नॉन-विलेब्रांड फैक्टर में अंतर होने की वजह से होता है। आपको बता दें नॉन-विलेब्रांड एक तरह का ब्लड क्लोटिंग प्रोटीन होता है जो थ्रोम्बोटिक इवेंट्स में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं के अनुसार जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O नहीं होता है उनमें नॉन-विलेब्रांड फैक्टर का कंसंट्रेशन ज्यादा होता है, जिस वजह से ब्लड क्लोटिंग बनने के चांसेस भी ज्यादा होते हैं वही O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की बात करें तो उनमें ऐसा नहीं पाया जाता।

Shailja Mishra | रीवा रियासत

Shailja Mishra | रीवा रियासत

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