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Health
रोना भी है बेहद फायदेमंद, इसके ऐसे फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे आप
Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:29 AM IST

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अगर हंसना सेहत के लिए अच्छा है तो रोना भी सेहत के लिए खराब नहीं होता है. हंसने के जितने फायदे हैं, उससे कम रोने के भी नहीं हैं. चाहे आपका ब्रेकअप हुआ हो या फिर काम का तनाव हो या फिर कोई इमोशनल मूवी देखकर आपको रोना आ जाए. यही नहीं घर में प्याज काटते हुए भी आपकी आंखों से आंसू आ जाते हों, यह जानकर निश्चित ही आपको हैरानी होगी कि आंख से निकले ये आंसू आपकी सेहत के लिए अच्छे होते हैं. खास बात यह है कि इनमें भी इमोशनल क्राइंग यानी भावनात्मक रूप से रोने के बहुत फायदेमंद है. हालांकि, रोते वक्त जो आंसू निकलते हैं, वह तीन तरह के होते हैं. इनमें रेफलेक्सिव, कंटीनिअस, इमोशनल है. आइये जानते हैं रोने के फायदों के बारे में... जब हम लोग भावुक होकर रोते हैं तो शरीर में कुछ टॉक्सिक केमिकल्स बनने लगते हैं. जिससे इन आंसू के रास्ते से ज़हरीले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं. इसीलिए जब रोने का मन करें तो थोड़ा रोना भी चाहिए. आप जब प्याज काटते हैं तो प्याज की झार से आंखों से आंसू आने लगते हैं. इसके अलावा कभी कोई कण आंख में चला जाए तो भी आंख से आंसू आने लगते हैं. इन आंखों से निकलने वाले आंसू से धूल मिट्टी समेत हानिकारक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं और आंखें साफ और नम हो जाती है, जिससे आंखों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. इसीलिए कभी कभी आंसू का बहना भी सेहत के लिए अच्छा होता है. बिना भावुक हुए रोने से भी सेहत को फायदे हैं. जब आप प्याज काटते हैं तो प्याज से एक रसायन निकलता है और आंखों की सतह तक पहुंचता है. इससे सल्फ्यूरिक एसिड बनता है. इससे छुटकारा पाने के लिए आंसू ग्रन्थियां आंसू निकालती है जिससे आंखों तक पहुंचा रसायन धुल जाता है. आंसुओं में लाइसोजाइम भी होता है जो एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल होता है. ग्लूकोज से आंखों की सतह की कोशिकाएं मजबूत होती हैं. नीदरलैंड्स में हुई हाल की एक स्टडी में कुछ लोगों को सैड मूवी दिखाई गई उसके बाद फिल्म देखकर रोने वाले और नहीं रोने वालों को अलग-अलग बांटा गया. कुछ लोगों पर भावनात्मक तौर पर कोई असर नहीं हुआ जबकि कुछ लोग बुरी तरह रोए. हालांकि, 20 मिनट के भीतर रोने वाले लोग सामान्य अवस्था में आ गए और 90 मिनट बीतने के बाद रोने वाले लोग, नहीं रोने वाले लोगों से ज्यादा बेहतर महसूस कर रहे थे. अगर आप बहुत ही अधिक तनाव में है, तो यकीनन आपका मन रोने का भी करता होगा, लेकिन उस समय तो आप अपने रोने को नियंत्रित कर लेते हैं, जबकि ऐसा न करें क्योंकि रोने से व्यक्ति के नकारात्मक विचार निकल जाते हैं और उनकी जगह सकारात्मक विचार का संचार होता है और इसी वजह से आप रोने के बाद हल्का और तनाव रहित महसूस करते हैं. रोते वक्त निकलने वाले आंसू बहुत कुछ बयां कर देते हैं. शायद जो आप शब्दों में नहीं कह पाते वह आपके आंसू कह देते हैं. खासकर जब आप किसी रिलेशनशिप में हों. यह ज्यादातर उन मामलों में देखने को मिलता है जब कोई व्यक्ति किसी रिलेशनशिप में होता है और वह परिस्थिति के विपरित प्रतिक्रिया देते हुए रोता है. उस वक्त उसके आंसू बहुत कुछ कहते हैं. उदाहरण के तौर पर कुछ लोग गंभीर परिस्थिति में भी शांत रहने की कोशिश करते हैं, लेकिन अचानक वह व्यक्ति भावुक हो जाता है. 

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