ग्वालियर

एमपी के ग्वालियर में 34 सौ करोड़ एक घर का आया बिजली बिल, इसे देख घर मालकिन पिता-पुत्री हुए बेहोश, अस्पताल में भर्ती

एमपी के ग्वालियर में 34 सौ करोड़ एक घर का आया बिजली बिल, इसे देख घर मालकिन पिता-पुत्री हुए  बेहोश, अस्पताल में भर्ती
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MP Gwalior News: एमपी के ग्वालियर में एक घर का बिजली बिल अरबों रूपये आने पर घर मालकिन अस्पताल में भर्ती हो गए।

MP Gwalior News: बिजली विभाग के अपने ही फंसाने हैं और ऐसा ही एक मामला एमपी के ग्वालियर (Gwalior Mp) से सामने आया है। जहाँ एक घर का बिजली बिल (Electricity Bill) लाखों करोड़ो नही बल्कि अरबों रूपये में आया है। बिजली बिल की दर संख्या घर मालकिन और उनका पिता बार-बार पढ़ने के बाद इतना चकरा गए कि वे दोनो बेहोश हो गए और उन्हे अस्पताल में भर्ती किया गया।

यह था मामला

जानकारी के तहत ग्वालियर शहर (Gwalior City) के सिटी सेंटर मेट्रो टावर के पीछे शिव विहार कॉलोनी में एडवोकेट संजीव अपनी पत्नी और ससुर के साथ रहते हैं। घर का मीटर उनकी पत्नी प्रियंका गुप्ता के नाम पर है। प्रियंका गृहणी हैं। संजीव ने मीडिया को बताया कि पत्नी के मोबाइल पर पिछले हफ्ते मैसेज आया। इसमें इस बार का उनका बिजली बिल 34 सौ करोड़ यानि कि 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपए का बताया गया। बिल देखते ही उनकी पत्नी प्रियंका और ससुर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता का बीपी बढ़ गया। ससुर हार्ट पेशेंट हैं। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

उन्होने बताया कि 30 जुलाई तक बिल जमा करने की लास्ट डेट थी। जिसके चलते वे बिजली कार्यालय का कई चक्कर लगाए। बिल देखकर बिजली अधिकारियों ने भी माना की इसमें भूल हुई हैं। हांलाकि इसमें सुधार किया गया और उपभोक्ता को 1300 रूपये का बिल दिया गया है।

उर्जा मंत्री का गृह क्षेत्र

दरअसल बिजली विभाग की यह लापरवाही प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम सिंह तोमर के क्षेत्र से सामने आई है। जैसे ही उन्हे यह जानकारी लगी तो वे एक्शन में आ गए और इसके लिए जिम्मेदारों से बात करके दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए मामले की जांच कराए जाने एवं बिजली उपभोक्ता बिल सही करने के निर्देश दिए।

इन पर हुई कार्रवाई

बिजली बिल को लेकर सामने आई लापरवाही पर कंपनी के महाप्रबंधक का कहना है कि यह एक मानवीय भूल है। इसे सुधारा गया है। गलती करने वाले एपीओ को बर्खास्त कर दिया गया है। असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया गया है। जूनियर इंजीनियर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। गलती हुई है, तो एक्शन लिया गया है।

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