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आसमान में पहले की तरह तारे क्यों नहीं दिखाई देते, कभी सोचा है?

आसमान में पहले की तरह तारे क्यों नहीं दिखाई देते, कभी सोचा है?
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Why Stars Are Not Visible In The Sky As Before: आसमान में बचपन की तरह सितारे क्यों नहीं टिमटिमाते?

Why Stars Are Not Visible In The Sky As Before: वो भी क्या दिन थे जब रात के वक़्त छत में खाट बिछाकर आसमान में अनगिनत टिमटिमाते तारों को देखा करते थे. अब ना तो वह बचपन रह गया और और ना ही वो तारे कहीं दिखाई देते हैं जिन्हे टकटकी लगाए हम सब निहारते थे. अपन समय के साथ बड़े हो गए ये तो समझ में आता है लेकिन आसमान से तारे कहां गायब हो गए? क्या सभी सितारे टूट गए या बड़े होने के बाद हमारी आँखों की रौशनी कम हो गई? अब आसमान में पहले की तरह तारे क्यों नहीं दिखाई देते? आइये इसका असली कारण जानते हैं.


ना तो आसमान से तारे टूटे हैं और ना ही वो गायब हुए हैं. उनका वजूद करोड़ों साल से है और करोड़ों साल तक रहेगा। अब आसमान में उतनी मात्रा में तारों का ना दिखाई देने के पीछे का कारण हम इंसान और हमारी जरूरते हैं. आइये समझते हैं कि अब आसमान में पहले ही तरह तारे क्यों नहीं दिखते ?

अब पहले की तरह तारे क्यों नहीं दिखाई देते


Why Stars Are Not Visible Like Before: आसमान में अब उतने तारे नहीं दिखाई देते, छोटे शहरों में तो फिर भी थोड़े बहुत सितारे टिमटिमाते हैं लेकिन मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलूरु, अहमदाबाद, पुणे, नागपुर सहित सैकड़ों शहरों के लोगों को तो एक्का-दुक्का तारे ही दिखाई देते हैं. लेकिन आप कभी गांव जाएं या ऐसी जगह घूमने जाएं जहा पहाड़ और आबादी कम हो तो वहां आपको तारा क्या बल्कि तारा मंडल मतलब मिल्की वे भी साफ़-साफ़ दिखाई देता है.. लेकिन जब रात के वक़्त शहरों में दिन जैसा ही उजाला होगा तो तारे नहीं दिखाई देते या बहुत कम संख्या में दिखाई देते हैं.

अब आसमान में तारे क्यों नहीं दिखाई देते

Why Stars Got Disappear In The Sky: शहरों में रात के वक़्त तारों का ना दिखाई देने की वजह है लाइट पॉल्यूशन (Light Pollution) जी हां आपने सही पढ़ा. असल में आसमान में अब पहले की तरह तारों का ना दिखाई देने के पीछे का सबसे बड़ा कारण लाइट पॉल्यूशन ही है.


लाइट पॉल्यूशन क्या है

What Is Light Pollution: लाइट पॉल्यूशन ऐसा प्रदूषण है जिसके बिना हम इंसान ठीक से जी ही नहीं सकते, अब रात के वक़्त स्ट्रीट लाइट जलती हैं, बड़े बड़े हैलोजन मास्क जलते हैं, फैक्ट्री कारखानों में मर्करी और बड़ी-बड़ी फ़्लैश लाइट जलती हैं. अब लाइट का सबसे बड़ा गुण होता है कि यह ट्रैवल करती है, जबकत कोई ठोस अपारदर्शी चीज़ इसके सामने ना आए. अब आपके शहर में जलने वाली हज़ारो-लाखों स्ट्रीट लाइट और अन्य लाइटें आसमान की तरफ भी ट्रेवल करती हैं जिससे उनका प्रकाश तारों टिमटिमाते तारों को फीका कर देता है.


आप कभी गांव जाएं या ऐसे पहाड़ी या फिर समुद्री क्षेत्र में घूमने जाएं जहां आबादी कम है या कोई रहता ही नहीं है तो वहां आपको बचपन से भी अच्छा आसमानी नज़ारा देखने को मिलेगा। शहरों में अत्यधिक रौशनी उत्सर्जित होने के कारण तारे ओझल हो रहे हैं.


लाइट पॉल्यूशन से क्या नुकसान हैं

Disadvantages Of Light Pollution: अन्य प्रदूषण जैसे जल, वायु, मृदा और रेडियो एक्टिव पॉल्यूशन की तुलना में लाइट पॉल्यूशन का ज़्यादा प्रभाव इंसानों पर नहीं पड़ता है. लेकिन इसका थोड़ा असर पृथ्वी पर पड़ता है. लाइट से ऊष्मा पैदा होती है तो वातावरण को गर्म करती है. आप कह सकते हैं की ग्लोबल वार्मिंग में लाइट पॉल्युशन की मामूली भागेदारी है. इससे ज़्यादा और दूसरा बड़ा नुकसान नहीं है.



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