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महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ईश्वर और एलियन के बारे में क्या सोचते थे, आज उनका जन्मदिन है

महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ईश्वर और एलियन के बारे में क्या सोचते थे, आज उनका जन्मदिन है
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Stephen Hawking: उनके जीवन का ज़्यादातर वक़्त व्हील चेयर में बीता, लेकिन उनकी शारीरिक कमजोरी ने उन्हें इस दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक बनने से रोक नहीं पाई, आज हम अंतरिक्ष, एलियन और इस दुनिया के बारे में जितना भी कुछ जानते हैं वो सब स्टीफेन हॉकिंग की देन है

Stephen Hawking: इस दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को हर कोई जनता है, आज ब्रम्हांड और इस दुनिया के बारे में जो भी हम जानते हैं वो उन्ही की देन है, उन्होंने ने ही धरती के अलावा इस अनंत ब्रम्हांड में बाहरी जीवन के होने की कल्पना की थी और इसकी थ्योरी बनाई थी, इसके अलावा उन्होंने इतनी महान खोजें कि जो हम आपको बताने लगें तो हफ़्तों बीत जाएं।

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 7 जनवरी 1942 में फ्रैंक और इसाबेल हॉकिंग के घर में हुआ था, परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी फिर भी हॉकिंग ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से विज्ञान की पढाई की, स्टीफन हॉकिंग ब्रम्हांड के बड़े और सबसे महान वैज्ञानिक के रूप में उभरे लेकिन स्कूल में वो एक एवरेज स्टूडेंट थे। लेकिन उन्हें विज्ञान और गणित में काफी रूचि थी। वो इतने बुद्धिमान थे कि कुछ पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने उन्हने कम्प्यूटर बना दिया था। जब वो सिर्फ 20 साल के थे तब उन्हें केम्ब्रिज कॉस्मोलॉजी विषय में रिसर्च करने के लिए चुन लिया गया था। उस वक़्त ऑक्सफ़ोर्ड में कोई भी ब्रम्हांड विज्ञान का अध्ययन नहीं करता था लेकिन हॉकिंग्स ने ब्रम्हांड की अनंत सीमा तक पहुंचने का निश्चय किया था.

जब वो 21 साल के थे तो उनके साथ बहुत बुरा हादसा हो गया. वो छुट्टी मानाने के लिए अपने घर आये थे और उसी दौरान सीढ़ियां उतरते वक़्त वो गिर गए और जब उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया तो पता चला वो किसी अनजान बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें न्यूरॉन मोर्टार डिसीज था। इस बीमारी में शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। डॉक्टर्स ने कहा अब ये 2 साल से ज़्यादा नहीं जी पाएंगे। लेकिन स्टीफन ने कहा मैं 2 नहीं 20 नहीं 50 साल तक जियूंगा। धीरे-धीरे उनकी बीमारी बढ़ती गई और वो पूरी तरह से अपंग हो गए, उनकी आवाज सहित शरीर का ाहर एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया लेकिन उनका दिमाग और एक उंगली काम करती रही. और उसी के दम पर उन्होंने ब्रम्हांड विज्ञान के नज़रिये और सिद्धांतों को बदल कर रख दिया।

स्टीफन हॉकिंग ईश्वर और एलियन के बारे में क्या सोचते थे

स्टीफेन ने विज्ञान की नज़र से ईश्वर, ब्रम्हांड, एलियन, इंसान, जीवन पर कई सिद्धांत लिखे और उन्हें वैज्ञानिक रूप से पुष्टि की, जब उन्होंने ईश्वर के अस्तित्व के बारे में अपने विचार रखे तो पूरी दुनिया के लोगों ने उन्हें क्रिटिसाइज़ किया।

उन्होंने ईश्वर के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि गुरुत्वाकर्षण वो नियम है जिसकी वजह से ब्रम्हांड अपने आपको शून्य से एक बार फिर से शुरू कर सकता है, और ऐसा करेगा भी, ये इस दुनिया का बार-बार विनाश हुआ है और इसमें बार-बार जीवन की उत्पत्ति हुई है और यह सिलसिला चलता रहेगा। ये अचानक से होने वाली खगोलीय घटनाए हमारे अस्तित्व के ज़िम्मेदार है, ऐसे में ब्रम्हांड को चलाने के लिए ईश्वर की जरूरत नहीं है।

एलियन के अस्तित्व पर क्या कहते थे हॉकिंग्स

हॉकिंग्स ने अपने एक फेमस लेक्चर "Life In The Universe" पर एलियन के बीच इंसानों की मुलाकात पर अपने विचार रखे थे, उन्होंने कहा था

अगर पृथ्वी पर जीवन के पैदा होने का समय सही है तो ब्रम्हांड में ऐसे तमाम तारे होने चाहिए जहां पर जीवन होगा, इनमे से तारामंडल धरती के बनने से 5 बिलियन साल पहले पैदा हो चुके होंगे।

ऐसे में गैलेक्सी में मशीनी और जैविक जीवन के प्रमाण तैरते क्यों नहीं दीखते, अबतक कोई पृथ्वी पर क्यों नहीं आया और इसमें कब्ज़ा क्यों नहीं किया? मैं ये नहीं मानता कि UFO में आउटर स्पेस एलियन होते हैं। मैं ये सोचता हूं कि एलियन का आगमन अगर पृथ्वी में डायरेक्ट होगा तो ये हमारे लिए अच्छा नहीं होगा।

इस दुनिया को छोड़ने के लिए चेतावनी दी थी

स्टीफन ने इंसानों को चेताते हुए कहा था कि इंसानों को अपना वजूद बचाने के लिए अगले 100 सालों में इस दुनिया को छोड़ कर किसी और प्लेनेट में बसने की तैयारी करनी चाहिए, उनका मानना था कि 100 साल बाद पृथ्वी रहने लायक ग्रह नहीं बचेगा।

उन्होंने अपने जीवन में ब्रम्हांड और खगोलीय विज्ञान के बारे में कई रिसर्च कि, उन्होंने अपने लिए एक ऐसी डिवाइस बनाई जिसमे वो जो सोचते थे उनका कम्प्यूटर उसे डिकोड कर के उनकी आवाज बन जाता था, और उनकी व्हील चेयर उनके दिमाग के दिए संकेतों से चलती थी। 14 मार्च 2018 के दिन दुनिया ने अपने सबसे महान वैज्ञानिक को खो दिया, लेकिन मरते वक़्त स्टीफन ये कहते थे कि उन्हें अभी और जीना है।





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