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पृथ्वीराज चौहान की असली कहानी: पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी का असली इतिहास जो फिल्म से बहुत अलग है

पृथ्वीराज चौहान की असली कहानी: पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी का असली इतिहास जो फिल्म से बहुत अलग है
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Real Story Of Prithviraj Chauhan And Muhammad Ghori: फिल्म की कहानी पृथ्वीराज रासो के हिसाब से बनाई गई है, जिसे सम्राट पृथ्वीराज के ज़माने में ही लिखा गया था बताया जाता है

Real Story Of Prithviraj Chauhan And Muhammad Ghori In Hindi: सम्राट पृथ्वीराज फिल्म रिलीज हुई है, जिसे देखने के बाद लोगों को लगता है कि फिल्म में बताई गई कहानी सच्चे इतिहास को बयां नहीं करती है, ऐसा सोचने वाले आप अकेले नहीं है और ना ही ग़लत हैं. फिल्म में दिखाई गई ज़्यादातर बातें काल्पनिक हैं और मनोरंजन के हिसाब से बनाई गई हैं. खैर हम यहां फिल्म को क्रिटिसाइज़ करने नहीं बल्कि पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी की के असली इतिहास के बारे में जानने के लिए आए हैं.

पृथ्वीराज चौहान कौन थे

Who was Prithviraj Chauhan: इतिहास के पन्नों में सम्राट पृथ्वीराज चौहान को पृथ्वीराज तृतीय (Prithviraj iii) कहा जाता है, क्योंकि उनसे पहले भी उन्ही के नाम पर 2 राजा कभी और हुआ करते थे जो अलग मसला है. पृथ्वीराज तृतीय को सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम से सम्बोधित किया जाता है. वो चौहान वंश के पराक्रमी राजा थे. उनका शासन उत्तर भारत के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जिसे उस काल में "सपादलक्ष" कहा जाता वहां हुआ करता था। उनकी असली राजधानी अजमेर हुआ करती थी. लेकिन कुछ इतिहासकारों का कहना है कि सम्राट पृथ्वीराज की राजधानी दिल्ली थी.

पृथ्वीराज चौहान के पिता राजा सोमेश्वर थे और माता रानी कर्पूरदेवी थीं, पृथ्वीराज चौहान का जन्म गुजरात में हुआ था और उनका बचपन चालुक्य दरबार में बीता था. उनका जन्म सन 1166 में हुआ था, जब वह सिर्फ 11 साल के थे जब उनके पिता की मौत हो चुकी थी, इसके बाद वो अपनी माता के साथ राजगद्दी में बैठते थे, सन 1180 में उन्होंने राजपाठ संभाला था.

मुहम्मद गोरी भारत कब आया था

When did Muhammad Ghori come to India: महमूद गजनी के अधीन एक छोटा सा राज्य था, "गोर " (Ghor) वह मुहमद गोरी के नियंत्रण में था, 1173 में शहाबुद्दीन मुहमद गोरी, गोर का शासक बना जो अफ़ग़ानिस्तान में है. मुहम्मद गोरी ने भारत पर पहला आक्रमण मुल्तान के खिलाफ किया था, और दूसरा आक्रमण सन 1178 में गुजरात के पाटन में किया था जहां के शासक भीम द्वितीय ने उसे परास्त कर दिया था.

पृथ्वीराज चौहान से मुहम्मद गोरी का पहला युद्द कब हुआ

सम्राट पृथ्वीराज से मुहम्मद गोरी का पहला युद्ध तराइन में सन 1191 में हुआ था, जहां गोरी को सम्राट ने हरा दिया था और कुछ दिन बंदी बनाने के बाद रिहा कर दिया था, गोरी बदले की आग में धधक रहा था. और अगले युद्ध की तैयारी में जुट गया था.

पृथ्वीराज सिंह चौहान की मौत कैसे हुई थी

How Prithviraj Chauhan Died: सम्राट पृथ्वीराज की मृत्यु 1192 में हुई थी, जब तराइन के दूसरे युद्ध में मुहम्मद गोरी ने छल से उनके जंग में शिकश्त दे दी थी और उन्हें उठाकर अअजमेर ले गया था.

पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु पर विवाद

Controversy over Prithviraj Chauhan's death: सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु पर विवाद आज भी बरक़रार है. महाकाव्य पृथिवराज रासो में कवि चाँद बरदाई ने लिखा है कि सम्राट पृथ्वीराज हारने के बाद उनकी आंख फोड़ दी गई और उन्हें अफ़ग़ानिस्तान के गजनी ले गया था, जहां उन्होंने गोरी को अपने शब्दभेदी बांड से मार डाला था और इसके बाद चाँद बरदाई और पृथ्वीराज ने एक दूसरे को मार डाला था. चाँद बरदाई पृथ्वीराज चौहान के कवि और मित्र थे. लेकिन पृथ्वीराज रासो महाकाव्य को सच नहीं माना जाता है,

सम्राट पृथ्वीराज फिल्म पृथ्वीराज रासो पर आधारित है लेकिन फिल्म में पृथ्वीराज रासो से उलट दोनों की मौत होना दर्शाया गया है।

कुछ दावा करते हैं कि पृथिवराज चौहान को तराइन के दूसरे युद्ध में हारने के बाद अजमेर ले जाया गया था, जहां गोरी ने उन्हें बहाल कर अपने अधीन करने की योजना बनाई थी लेकिन पृथिवराज इसके खिलाफ थे तो उसने उन्हें मार डाला था. असल में पृथ्वीराज सिंह चौहान ने गोरी को नहीं मारा था क्योंकि उनकी मृत्यु के बाद गोरी ने अगले 10 सालों तक राज किया था.

पृथ्वीराज चौहान से मुहम्मद गोरी की लड़ाई कितने बार हुई

हर इतिहास की कहानियों में अलग-अलग दावे किए गए हैं, मुस्लिम लेखकों में सिर्फ 2 लड़ाइयां उल्लेखित हैं, तबक़ात-ए-नासिरी और तारिख-ए-फ़िरिश्ता में तराइन की दो लड़ाइयों का ज़िक्र है जमी-उल-हिकाया और ताज-उल-मासीर ने भी तराइन की केवल दूसरी लड़ाई का उल्लेख किया है. लेकिन हिन्दू और जैन लेखकों ने लिखा है कि गोरी से हारने से पहले सम्राट ने उसे कई बार परास्त किया था। हम्मीर महाकाव्य में 9 लड़कियों का जिक्र है, पृथ्वीराज प्रबंध में 8, प्रबंध कोष में 21, प्रबंध चिंतामड़ी में 22 लड़ाइयां लिखी हैं जो बढ़ा चढ़ा के बताई गई हैं, लेकिन यह सम्भव है कि दोनों के बीच 2 बार से ज़्यादा युद्द हुए थे.

मुहम्मद गोरी को किसने मारा था

How Muhammad Ghori Died: असल में मुहम्मद गोरी को सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने नहीं बल्कि किसी और ने मारा था, जब वो भारत में राज्यों को जीतने के बाद अपने ग़ुलाम सेनापतियों के हवाले छोड़कर गजनी लौट रहा था, उसकी मौत 15 मार्च सन 1206 में हुई थी जब वह गजनी के रास्ते जा रहा था और बीच में वर्तमान पाकिस्तान के झेलम क्षेत्र में खोखर जाट समूह के लोगों ने उसे मार डाला था

मुहम्मद गोरी एक इस्लामिक आतंकी था जो सिर्फ हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता था, इसी लिए उसने कई मंदिरों को तोडा जिसमे सबसे प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर था जिसे गोरी ने सन 1194 में तोडा था.

जयचंद को किसने मारा था

Who Killed Jaichand: सन 1194 में मुहम्मद गोरी ने ही गहड़वाल वंश के शासक जयचंद को मारा था.

जयचंद का इतिहास

History of Jaichand: जयचंद पृथ्वीराज चौहान का ससुर था, उसे इतिहास में गद्दार कहते हैं क्योंकि उसे उसकी बेटी संयोगिता और सम्राट पृथ्वीराज का रिश्ता खटकता था. पृथ्वीराज अपनी प्रेमिका और जयचंद की बेटी को उठाकर अपने घर ले आए थे और उससे शादी कर ली थी. तराइन के पहले युद्ध के बाद जयचंद पृथ्वीराज को हारने के लिए गोरी के साथ जाकर खड़ा हो गया था. बाद में पृथ्वीराज तराइन के दूसरे युद्ध में हार गए, गोरी ने उत्तर भारत में कब्जा कर लिया और जयचंद को भी बाद में मार डाला

लेकिन जयचंद को लेकर भी कई विवाद है, ऐसा कहा जाता है कि जय चंद की कोई बेटी नहीं सिर्फ दो बेटे थे और उसने कभी गोरी को पृथ्वीराज से लड़ने के लिए आमंत्रित नहीं किया था. बल्कि गोरी के खिलाफ जयचंद और पृथ्वीराज एक साथ लड़े थे।

पृथ्वीराज चौहान, जयचंद की कहानियां कई बार लिखी गई, जिसका जो मन किया उसने अपने हिसाब से कहानी बना दी, कौन सा ग्रन्थ सही है और किस महाकाव्य में गलत लिखा है कोई नहीं जनता, फिल्म सम्राट पृथ्वीराज में भी नई कहानी बना दी गई है.


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