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Love at first sight: कैसे और क्यों होता है पहली नजर में प्यार, जानें वैज्ञानिक कारण

Love at first sight: कैसे और क्यों होता है पहली नजर में प्यार, जानें वैज्ञानिक कारण
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Love at first sight: आइये जानते हैं पहली नजर के प्यार के बारे में।

Love at first sight in hindi: हमें बचपन से 'प्यार' यह शब्द हमें सारी जिंदगी सुनने को मिलता है। हम अपने आसपास भी प्यार की बातें करते हैं और पहली नजर के प्यार की बातें भी होती हैं। वह भाव जो किसी से पहली बार मिलकर उसकी हर बात आपको अपने जैसी लगने लगे ऐसा लगता है जैसे आप उस व्यक्ति को वर्षों से जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी विचार किया है कि पहली नजर का प्यार (love at first sight) जैसी चीज क्या सचमुच में होती है? अगर इसके भावनात्मक अर्थ को छोड़ दिया जाए तो हमारे पास इसका वैज्ञानिक अर्थ है जो पहले नजर के प्यार के विज्ञान को बताता है।

वैज्ञानिकों को भी यह सवाल परेशान करता था जिसके बाद उन्होंने स्टडी ऑन लव अट फर्स्ट साइट (study on love at first sight) का जवाब ढूंढने के लिए एक रिसर्च/स्टडी की स्टडी में लोगों को ब्लाइंड डेट (Blind Date) पर भेजा गया और ये जानने की कोशिश की गई, कि कुछ लोगों के बीच पहली मुलाकात के बाद ही केमिस्ट्री कैसे डेवलप हुई? उन लक्षणों की स्टडी की गई , जो उन लोगों में दिखाई दिए, जिन्हें पहली ही नज़र में प्यार हो गया. इस शोध से बेहद दिलचस्प खुलासे (Interesting Science Behind Love) हुए हैं.

एक रफ्तार से चलती हैं धड़कने


वैज्ञानिकों का कहना है किसी व्यक्ति को Love at first sight का एहसास तब होता है जब दो लोगों के दिलों की धड़कन का रिदम एक धुन में होता है सायंस की भाषा मे इसे हार्ट रेट सिंक्रोनाइज होना कहते हैं। ऐसी स्थिति में हथेलियों हल्का-हल्का पसीना आने लगता है। आपका दिमाग और शरीर एक संतुलन में काम करने लगते हैं। ये केमिस्ट्री सामने वाले की केमिस्ट्री से जब मिलने लगती है, तो आपको बिल्कुल अलग लगाव का एहसास होता है। Nature Human Behavior नाम के जर्नल में ये रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। प्रमुख वैज्ञानिक और नीदरलैंड्स स्थित लीडेन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता एलिस्का प्रोशाजकोवा का कहना है कि इंसान के लुक पर ही नहीं बल्कि उसके व्यवहार पर भी निर्भर करता है।

ये है मनोवैज्ञानिक वजह (Love at first site scientific reasons)


शोध में ये बात भी बताई गई है कि ये मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है। ऐसा कई बार होता है कि शारीरिक लक्षणों के बाद ये शुरू होती है। इसका अहम लक्षण दो लोगों की धड़कनों का एक ही धुन में चलना है। इस स्टडी में 142 हेट्रोसेक्सुअल और लड़कियों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 18-38 साल के बीच थी। इन्हें ब्लाइंड डेट के लिए भेजा गया। डेटिंग केबिंस में आई-ट्रैकिंग ग्लासेज़, हार्ट रेट मॉनिटर्स और पसीना जांचने के उपकरण लगाए गए थे। 142 में से 17 जोड़े ऐसे थे, जिन्हें पहली नज़र के प्यार का एहसास हुआ। उनके दिल की धड़कनें एक लय में चल रही थीं। इसे वैज्ञानिकों ने फिजियोलॉजिकल सिंक्रोनी का नाम दिया है, जिसमें आप एक तरह से बेहोश हो जाते हैं। जो आप होश में नहीं कर सकते हैं, वो उस वक्त आप कर रहे होते हैं।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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