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ब्रम्हांड कितना बड़ा है: 1 हज़ार प्रकाश वर्ष बड़े बुलबुले के अंदर अंतरिक्ष में फंसी है पृथ्वी

ब्रम्हांड कितना बड़ा है: 1 हज़ार प्रकाश वर्ष बड़े बुलबुले के अंदर अंतरिक्ष में फंसी है पृथ्वी
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How big is the universe: ब्रम्हांड के बारे में हम जितना गहराई से जानेंगे दूरी उतनी ही बढ़ती जाएगी

How big is the universe: वैज्ञानिकों ने हमारी पृथ्वी और इस अनंत ब्रम्हांड के बारे में एक बड़ी रिसर्च को अंजाम दिया है, आपको यह तो मालूम होगा कि हमारी पृथ्वी असीम अंतरिक्ष में हवा में तैर रही है लेकिन इसे संभाले कौन हुए है इसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते। हाल ही में हुई एक रिसर्च के बाद पता चला है कि अर्थ यानी के पृथ्वी एक 1000 हज़ार प्रकाश वर्ष चौड़े बुलबुले के अंदर समाई हुई है जिसने एक तरह से पृथ्वी को कैद कर के रखा हुआ है.


यह ब्रम्हांड कितना बड़ा है और इस तरह के कितने ब्रम्हांड है इसके बारे में कोई बता नहीं सकता है. आप इस चीज़ से अंदाजा लगा लीजिये कि एक विशाल झरना है और उसकी एक बून्द हमारी आकाशगंगा है।

पृथ्वी किस बुलबुले के अंदर फंसी है

वैज्ञानिकों का कहना है कि हमारी पृथ्वी एक हज़ार लाइट ईयर (Light Year) जितने विशाल बुलबुले के अंदर फंसी है जो दर्जनों तारों के विस्फोट के बाद बना है.इसे वैज्ञानिकों ने सिव्स चीज़ (Swiss Cheese) का नाम दिया है। यह बुलबुला कई सुपरनोवा (Supernova) विस्फोट के बाद निकली गैसों और बादलों का समूह है।


इस बुलबुले के अंदर कई छोटे तारे हैं जिनका जन्म हाल ही में हुआ है, हाल ही में हुआ है का का अर्थ 1-2 साल नहीं बल्कि करोडो साल है। ऐसा कहा गया है कि एक हज़ार प्रकाश वर्ष जितना बड़ा यह बुलबुला 15 विशाल तारों जो अपने सूरज से भी हज़ारों गुना बड़े होंगे उसके फूटने से बना है।


Swiss Cheese नाम के इस बुलबुले की खोज 1970 में ही NASA के वैज्ञानिकों ने कर ली थी. बीते एक करोड़ 40 लाख वर्षों में इस बुलबुले के अंदर किसी भी तारे में विस्फोट नहीं हुआ है

ऐसा कहा गया है कि इस तरह के और इससे हज़ारों-लाखों गुना बड़े बुलबुले और भी हैं जो तारों का निर्माण करते हैं. NASA के हबल टेलिस्कोप की टीम के सदस्य और मेरीलैंड में मौजूद स्पेस टेलिस्कोप साइंस इंस्टिट्यूट की रिसर्चर कैथरीन जकर ने कहा है कि हमने स्टडी में पता किया है कि इस बुलबुले के अंदर बीते एक हाज़र साल में कई तारों का जन्म हुआ है।


कैथरीन कहना है कि यह बिलबुला अपनी जगह में बना नहीं रहता बल्कि फैलता रहता है. यह प्रति सेकेण्ड 6.5 किलोमीटर विशाल होता जाता है। हमारा सोलर सिस्टम इसी बुलबुले के अंदर है लेकिन 80 लाख साल बाद हमारा सोलर सिस्टम इस बुलबुले के बाहर निकल जाएगा। अच्छी बात ये है कि हमारी धरती और अन्य ग्रह समेत सूर्य इस बुलबुले के अंदर रहे या नहीं रहे अपने सूर्यमंडल को कोई नुकसान नहीं होता है।


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