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New research :पहली बार भारत के इन शोधकर्ताओं ने लगाया हल्दी के जीनोम का पता

New research :पहली बार भारत के इन शोधकर्ताओं ने लगाया हल्दी के जीनोम का पता
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हल्दी औषधीय गुणों से भरपूर होती है. हल्दी के सेवन से कई रोगों में आराम मिलता है.

New research :हल्दी (Turmeric) औषधीय गुणों (Medicinal properties) से भरपूर होती है. हल्दी को मंगल कार्यों में शुभदायक माना जाता है, इसके उपयोग से गुरु ग्रह की कृपा मिलती रहती है। हल्दी (Turmeric) सुख सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीइन्फ्लेमेटरी, केलोरेटिक, एंटीमाइक्रोबियल (Antimicrobial), एंटी कैंसर, एवं लीवर, हृदय, और किडनी को सुरक्षित रखने वाले गुण पाए जाते हैं। हल्दी की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से काली हल्दी, पीली हल्दी (Yellow turmeric) से अधिक लाभदायक मानी जाती है। चलिए तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं हल्दी (Turmeric) के ऊपर हालही में हुए शोध के बारे में

हल्दी के सेवन से इन रोगों में मिलता है आराम (turmeric gives relief in these disease)

हल्दी (Turmeric) के सेवन से खांसी-जुकाम, सिर में फुंसियां, आंखों के दर्द, डायबिटीज़, चर्म रोग, दाद-खुजली व खून में शुगर की मात्रा कम करने, पेट में गैस के लिए, पेट के कीड़े मारने के लिए, कान बहने की समस्या में आरामदेह है।

भारतीय वैज्ञानिकों ने हल्दी के पौधे के जीनोम (Genome) को अनुक्रमित करने का दावा किया

भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) की शोधकर्ताओं (Researchers) की एक टीम ने हल्दी पर एक शोध किया, जिसका रिजल्ट चौका देने वाला था!

भारतीय वैज्ञानिकों ने डीएनए और आरएनए (DNA and RNA) अनुक्रमण प्रौद्योगिकी के विकास में "हर्बल जीनोमिक्स (Herbal Genomics)" नामक एक विषय को प्रेरित किया है जिसके अंदर हम जड़ी-बूटियों कि आनुवंशिक संरचना (Genetic structure), और उनके औषधीय लक्षणों के संबंध के बारे में जान सकते हैं। हर्बल (Herbal) जिनोमिक्स क्षेत्र में अध्ययन के समय हल्दी की आनुवांशिक संरचना (Genetic structure) का पता चला है जिसमें हल्दी का जीन (Turmeric gene) अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए पर्यावरणीय दबाव के चलते अपने जीवन में बदलाव कर लिए हैं हल्दी के कई जीन (Turmeric gene) अपने स्वयं के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए करक्यूमिनोइड्स जैसे माध्यमिक उपापचयों के संश्लेषण के लिए विशिष्ट आनुवंशिक (Genetic) विकसित किए हैं जो "द्वितीयक मेटाबोलाइट जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों (Medicinal properties) के लिए जिम्मेदार है"। और वह प्रदूषित एवं दूषित वातावरण में भी अपना अस्तित्व बनाए रख सकती है।

Shailja Mishra | रीवा रियासत

Shailja Mishra | रीवा रियासत

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