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आज ही के दिन पहली बार NASA ने अंतरिक्ष में भेजा था चिम्पांजी, फिर उसके साथ क्या हुआ?

आज ही के दिन पहली बार NASA ने अंतरिक्ष में भेजा था चिम्पांजी, फिर उसके साथ क्या हुआ?
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First Chimpanzee Sent to the Space: 1959 में उस चिम्पांजी को ट्रेनिंग के लिए अमेरिकन एयरफोर्स भेजा गया था और 1961 31 जनवरी को उसे एक स्पेस शटल के ज़रिये अंतरिक्ष की सैर करने भेज दिया गया था

First Chimpanzee Sent to the Space: आज इंसान और विज्ञान इतना आगे बढ़ चुका है कि लाखों प्रकाश वर्ष दूर मौजूद गैलेक्सी और पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज कर रहा है, मंगल गृह पर जीवन बसाने की योजना बना रहा है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि जिस अंतरिक्ष के रास्ते पर मानव आज नए आयाम खड़े कर रहा है उस रास्ते को एक हैम नाम के चिम्पांजी ने बनाया था।

आज ही के दिन NASA ने साल 1961 में पहली बार अंतरिक्ष में एक जीवित प्राणी को ब्रम्हांड के रहस्यों का पता लगाने के लिए अंतरिक्ष में भेजा था. उस चिम्पांजी एस्ट्रोनॉट का नाम हैम (Ham) था। NASA ने ये सब मजाक के लिए नहीं किया था बल्कि इसके पीछे एक गंम्भीर मकसद था जो सफल हुआ। चिम्पाजी एक बंदर की प्रजाति है जिसे इंसानों के बाद पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान जीव माना जाता है। हैम के अंतरिक्ष में जाने के बाद ही इंसानों के लिए स्पेस में जाने के सारे रास्ते खुल गए थे।

कहां मिला था हैम

हैम का जन्म 1957 में कैमरून के जंगल में हुआ था और इंसानों ने वहीं से उसे पकड़ा था. बाद में उसे फ्लोरिडा ले जाय गया और मियामी रेयर बर्ड फर्म में पाला गया। साल 1959 में हैम को अंतरिक्ष मिशन के लिए ट्रेनिंग देने अमेरिकी एयरफोर्स भेजा गया। जहां उसे डिवाइस को कण्ट्रोल करने, कमांड को सुनने और इंसानी इशारों को समझने की ट्रेनिंग दी गई।

18 महीने की ट्रेनिंग के बाद हैम अंतरिक्ष मिशन में जाने के लिए रेडी हो गया और उसे मरकरी (MR-2) लॉन्च पैड में फ्लोरिडा से अंतरिक्ष के लिए 31 जनवरी 1961 रवाना कर दिया गया। उड़ान के 16:30 मिनट बाद हैम अंतरिक्ष में पहुंच गया. उस रॉकेट की रफ़्तार 5800 किलोमीटर प्रति घंटा थी और हैम 157 किलोमीटर की उचाई तक पहुंच गया था। रफ़्तार का इतना दबाव बना कि जिस कैप्सूल में उसे भेजा गया था उसे काफी नुकसान पंहुचा लेकिन हैम को कुछ नहीं हुआ।

फिर क्या हुआ?

NASA का मिशन सक्सेसफुल रहा, हैम दुनिया का पहला ऐसा जीवित प्राणी बन गया जो अंतरिक्ष की सैर कर चुका था. हैम का स्पेसशिप अटलांटिक महासागर में लैंड हुआ और वह वहां से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हैम का कैप्सूल जब खोला गया तो सभी को लगा शायद वो मर गया होगा लेकिन जैसे ही दरवाजा खोला गया हैम मुस्कुरा रहा था और फोटोग्राफर ने उसकी तस्वीर खिंच ली.

वो अमेरिका का स्टार बन गया

इस मिशन के बाद हैम के जलवे हो गए, वो अमेरिन शोज में टेलीकास्ट होने लगा, वो बहुत खुश था जैसे उसे मालूम हो कि उसने इंसानों के लिए बहुत बड़ा कारनामा कर दिया था। बाद में हैम को वाशिंगटन के नेशनल ज़ू में भेज दिया गया और 19 जनवरी 1983 में हैम की मौत हो गई। हमेशा याद रखियेगा आज इंसान अगर अंतरिक्ष की रिसर्च में नए आयाम खड़े कर रहा है तो उसके पीछे एक चिम्पांजी था


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