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Edward Mordake: ऐसा विचित्र इंसान जिसकी खोपड़ी में थे 2 चेहरे, साइंस के लिए रहस्य बन गया

Edward Mordake: ऐसा विचित्र इंसान जिसकी खोपड़ी में थे 2 चेहरे, साइंस के लिए रहस्य बन गया
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Edward Mordake: एडवर्ड मोर्डेक का जन्म 19 वीं शताब्दी में इंग्लैंड में हुआ था, जब यह पैदा हुए थे तो डॉक्टर इनकी खोपड़ी को देखकर डर गए थे

Edward Mordake: 19वीं शताब्दी में इंग्लैंड में एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ था जिसकी खोपड़ी में एक नहीं 2 चेहरे थे, वह बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ था अपने आप में एकलौता और आखिरी ऐसा शख्स था जिसके 2-2 चेहरे थे. दो चेहरों वाले इस इंसान का नाम एडवर्ड मोर्डेक (Edward Mordake) था. विज्ञान और वैज्ञानिकों के लिए यह आज भी रहस्य है कि आखिर 2 चेहरों वाला एक इंसान कैसे हो सकता है और बिना किसी बीमारी के वह इतने सालों तक ज़िंदा कैसे रहा?

एडवर्ड की फोटो देखने के बाद लोगों को लगता है कि यह फोटोशॉप की हुई तस्वीरें हैं, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, एडवर्ड की हर तस्वीर सच्ची है. यह सच है कि एडवर्ड की खोपड़ी में 2 चेहरे थे.

दो मुंह, दो कान, दो नाक और चार आंखें


एडवर्ड की खोपड़ी में एक सामान्य लोगों की तरह चेहरा था, लेकिन पीछे की तरफ भी एक अविकसित चेहरा भी था, एडवर्ड के पास 2 मुंह, 2, नाक, 2 कान और चार ऑंखें थीं. हैरानी की बात तो ये थी के एडवर्ड अपने पीछे वाले आँखों से सबकुछ देख सकते थे. उन्हें पीछे मुड़ के देखने की ज़रूरत नहीं होती थी. लेकिन वो अपने दूसरे चेहरे से बोल नहीं पाते थे न कुछ खा सकते थे।

ये कैसे हो सकता है

एडवर्ड के पीछे वाले चेहरे से वो सब सामन्य आँखों की तरह देख सकते थे. जब एडवर्ड रोते या हंसते थे तब पीछे वाले चेहरे में भी वैसे ही एक्सप्रेशन पड़ते थे. क्योंकि दोनों चेहरों का एक ही दिमाग था.

लोग उन्हें Evil Twin कहते थे


अपनी शारीरिक बनावट के कारण ही एडवर्ड मशहूर हुए लेकिन उन्हें समाज ने कभी एक इंसान के रूप में स्वीकार्य नहीं किया, लोग उन्हें ईविल ट्विन कहते थे मतलब जुड़वाँ शैतान।

उन्होंने अंत में खुद को खत्म कर दिया


वो काफी मिलनसार व्यक्ति थे लेकिन लोग उनसे घृणा करते थे, बच्चे उन्हें देखकर डर जाते तो हर कोई उनसे दूर भागता। समाज में उनके प्रति इनकी दहशत थी के अंत में एडवर्ड ने 23 साल की उम्र में सुसाइड कर लिया। और उनकी आत्महत्या भी पूरी दुनिया की सुर्खियों छा गई. बाद में एडवर्ड के सिर को रिसर्च के लिए धड़ से अलग कर दिया गया. लेकिन आजतक कोई यह नहीं पता कर पाया कि ऐसा किस कारण से हुआ. क्योंकि सामान्यतौर पर ऐसे लोग ज़्यादा दिनतक जिन्दा नहीं रह सकते।



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