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आप यहां ज़िन्दगी के पीछे भाग रहे हैं उधर पृथ्वी की रफ़्तार धीमी होने लगी है

आप यहां ज़िन्दगी के पीछे भाग रहे हैं उधर पृथ्वी की रफ़्तार धीमी होने लगी है
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Earth Rotation Slowing Down: अगर ऐसा ही चलता रहा तो पृथ्वी के जीवन का नमोनिशान मिट जाएगा, लेकिन ये बात आप लोगों को मजाक लगती होगी

Earth Rotation Slowing Down: यहां इंसान पैसे और अच्छी लाइफ स्टाइल के पीछे भागे जा रहा है वहां पृथ्वी ने अपनी स्पीड स्लो कर दी है, अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक दिन इस दुनिया से जीवन का अंत हो जाएगा, खैर ये बात ज़्यादातर लोगों को माजक लगती है उन्हें लगता है कि जो लोग NASA में काम करते हैं वो ऐसे ही टाइमपास करते हैं। लेकिन मेरे दोस्त ये कोई मजाक की बात नहीं है, पृथ्वी की स्पीड सच में कम हो रही है।

अच्छा ये आपको तो मालूम होगा कि पृथ्वी सूरज का चक्कर काटती है और अपने ध्रुव में भी घूमती है, तभी तो दिन और रात होता है। अगर आपको ये नहीं मालूम तो पहले तीसरी कक्षा कि विज्ञान की किताब पढ़ लीजिये। पृथ्वी का चुंबकीय उत्तरी ध्रुव अपनी जगह तेज़ी से बदल रहा है, ये पता चला है कि साल 1990 के बाद से इसी कारण दुनिया में ज़्यादा तीव्रता वाले भूकंप आये हैं। इतने भूकंप पहले कभी नहीं हुए इंसानों के पहले भी नहीं।

पृथ्वी की स्पीड क्या है

आपको ये मालूम होगा कि पृथ्वी अपनी धुरी पर 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से घूमती है, अगर पृथ्वी एकाएक घूमना बंद कर दे तो इंसान और इस दुनिया में मौजूद हर एक चीज़ इतनी तेज़ रफ़्तार में हवा में उड़ेगी कि कोई बचेगा नहीं। सब उड़कर अंतरिक्ष में पहुंच जाएंगे। समुद्र खाली हो जाएगा, डरने वाली बात ये है कि पृथ्वी की घूर्णन गति अब कम होती जा रही है, धरती एक भयंकर संकट से गुजर रही है और इसको बचाने के लिए इंसान कुछ नहीं कर सकता। आखिर पृत्वी को सबसे ज़्यादा नुकसान भी तो हमी इंसानों ने पहुंचाया है।

चांद दूर होता जा रहा है

पृथ्वी की घूर्णन गति के कम होने का असर अपने चांद में भी पड़ रहा है, इतना जान लीजिये कि पृथ्वी की ग्रैविटी से ही चांद पृथ्वी के चक्कर काटता है उसको कोई मजा नहीं आता ऐसा करने में। ऐसा होने से चन्द्रमा पृथ्वी से दूर होता जा रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में पृथ्वीवासियों को बड़े भूकंप और सुनामी का सामना करना पड़ेगा।

पृथ्वी की स्पीड कम होने से भूकंप आएगा

साल 1900 के बाद जितने भी देशों में भूकंप आये हैं वो इतनी ज़्यादा तीव्रता वाले रहे हैं कि ऐसे भूकंप कभी नहीं हुए. ये सभी घटनाए सिर्फ पृथ्वी की घूर्णन गति के कम होने से हो रहा है। 20 वीं सदी के बाद से पृथ्वी की रफ़्तार में कमी आना शुरू हुई है।

वैज्ञानिकों ने कहा है कि धरती में दिशा की जानकारी देने वाला मेग्नेटिक नार्थ पोल (Magnetic North Pole) अपनी दिशा बदल रहा है। बीतें कुछ दशकों में यह बहुत तेज़ी से खिसका है। जिसके कारण जल मार्गों का सही अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है।

पृथ्वी घूमना बंद कर दे तो क्या होगा?


देखिये 2 कंडीशन होती हैं या तो पृथ्वी धीमे-धीमे घूमना बंद करे जैसे अभी हो रहा है या फिर एक साथ अपनी स्पीड में ब्रेक लगा दे।

1. एकाएक रुक जाए तो क्या होगा

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि अगर पृथ्वी एकाएक घूमना बंद कर दे तो पृथ्वी में मौजूद हर एक चीज़, इंसान, जानवर, पेड़, बिल्डिंग, फैक्ट्री, घर, किराने की दुकान, नदी, तालाब, समुद्र, मछली, पक्षी, हवा में उड़ते पक्षी सब एक सेकेंड्स से भी कम में मर जाएंगे, असल में होगा क्या ये सब चीज़े 1,670 की रफ़्तार से उड़ने लगेंगे और एक दूसरे से टकराने लगेंगे। मान लीजिये इंसान किसी बंदूक से निकली गोली की तरह उड़ेगा। इसके बाद पृथ्वी से चुम्बकीय क्षेत्र ख़त्म हो जाएगा और पूरे वातावरण में धमाका होगा। जीवन टाय-टाय फुस्स हो जाएगा। फिर पृथ्वी में एक तरफ हमेशा दिन रहेगा और एक तरफ हमेशा रात.

2.धीमे-धीमे रुके तो क्या होगा

मान लीजिये कि अभी पृथ्वी 1,670 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से घूमती है अगर इसकी स्पीड धीमे-धीमे कर के आधी हो जाए तो दिन और रात 24-24 घंटे यानी 48 घंटे का हो जाएगा। कहीं भीषण गर्मी पड़ेगी तो कहीं भयंकर ठण्ड, और ऐसे ही धीमे-धीमे पूरी तरह रुक जाएगी तो आधी पृथ्वी रेगिस्तान जैसी हो जाएगी जहां किसी का रहना नामुमकिन हो जाएगा और आधी पृथ्वी भर्फ से ढक जाएगी जहां कोई रह ही नहीं सकता और जीवन का अंत हो जाएगा, बस इतना ही होगा।

लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा अभी 10-50 साल में नहीं होगा जिस स्पीड से पृथ्वी धीमी हो रही है उसको पूरी तरह रुकने में एक अरब साल लग जाएंगे, तो क्या ही टेंशन लेना




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