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सूर्यग्रहण में खाना मत खाओ, बिल्ली का रास्ता मत काटो, ऐसे अंधविश्वास जिनके पीछे कुछ तो लॉजिक जरूर है

सूर्यग्रहण में खाना मत खाओ, बिल्ली का रास्ता मत काटो, ऐसे अंधविश्वास जिनके पीछे कुछ तो लॉजिक जरूर है
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Indian Superstitions Which Have Some Logic: अंधविश्वास के पीछे का लॉजिक होता है भी नहीं?

Indian Superstitions Which Have Logic: अगर आप सच्चे इंडियन है तो कभी बिल्ली के रास्ते को काटने का रिस्क नहीं लेंगे, एग्जाम या इंटरव्यू के पहले घी-शक़्कर खाकर निकलेंगे, सूर्यग्रहण में खाना नहीं खाएंगे और अपनी दुकान या नई गाड़ी में मिर्ची और नींबू का तोरण जरूर लगाएंगे। अब आप बोलेंगे अरे हम तो ऐसा कुछ नहीं मानते, ये सब अंधविश्वास है, पुरानी बाते हैं. अपन तो मॉर्डन है. लेकिन दोस्त इन अंधविश्वासों के पीछे कोई लॉजिक तो होगा?

तो चलिए भारतीय अंधविश्वास के बारे में जानते हैं और पता करते हैं कि इन अंधविश्वासों के पीछे कोई लॉजिकल बात भी होती है या सिर्फ बकवास है।

नींबू मिर्च की माला लटकाने से क्या होता है

भारत में ऐसी कोई दुकान नहीं है जहां व्यापारी हर रोज़ नींबु और मिर्च की माला नहीं लगाता होगा, ऐसे करने के पीछे की वजह अच्छी कमाई मानी मानी जाती है, इंडियन माइथोलोजी में कहा जाता है कि लक्ष्मी माँ की बहन अलक्ष्मी को खट्टा और तीखा पसंद है, इसी लिए वह बाहर से ही इसका ग्रहण करके लौट जाती हैं. लेकिन दुकान में नींबू मिर्च का माला लटकाने के पीछे का लॉजिक यह है कि दोनों में इन्सेक्टीसाइडल प्रॉपर्टीज होती हैं जो घर या दुकान में कीट-पतंगों को आने से रोकती है.

रात में पीपल के पेड़ के नीचे मत जाना

गांव के लोग कहते हैं रात के वक़्त पीपल के पेड़ के नीचे सोना क्या भटकना भी नहीं चाहिए, भूत-प्रेत पकड़ लेते हैं. लेकिन इसके पीछे का लॉजिक यह है कि पीपल ट्री रात के वक़्त भारी मात्रा में कार्बनडाई ऑक्साइड रिलीज करता है जो आपको सांस लेने तकलीफ दे सकता है. रात को इस पेड़ या किसी भी पेड़ के नीचे सोने से इसी लिए मना किया जाता है.

अंतिम संस्कार के बाद नहाना क्यों जरूरी है

हिन्दू धर्म में जब किसी का अंतिम संस्कार होता है तो बाद में लोग वहीं नदी में नहाते हैं और उन्ही गीले कपड़ों में घर लौटकर नीम की पत्ती से जल छिड़कते हैं. ऐसा करने के पीछे लॉजिक यह है कि डेड बॉडी में कई बैक्टीरया होते हैं, जो शव जलने के बाद हवा में उड़ते हैं, जिनसे इंसान को नुकसान हो सकता है. इसी लिए पहले नहाया जाता है और बाद में घर आकर नीम के पानी को छिड़का जाता है क्योंकि नीम में एंटी बैक्टीरया प्रॉपर्टी होती है.

रात में नाखून नहीं काटना

घर में हमेशा मम्मी-पापा टोकते हैं कि बेटा रात को नाखून नहीं काटते, गरीबी आती है, अब नाखून को क्या पता अमीरी और गरीबी? इसके पीछे का लॉजिक यह है कि पहले ज़माने में जब लाइट नहीं होती थी तब रात के वक़्त अँधेरा होने से नाखून काटने से चोट पहुंच सकती थी.

मंगलवार शनिवार को मांस नहीं खाना

ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो कहने हैं नहीं भाई मंगलवार और शनिवार को शराब-मांस को हाथ नहीं लगाता लेकिन बाकी दिनों में कोई दिक्कत नहीं। इसके पीछे का लॉजिक यह है कि सप्ताह में दो दिन मीट फ्री भोजन करना है, ताकि पेट को आराम मिल सके.

परीक्षा के पहले दही शक़्कर खाना

अक्सर जब हम शुभ या जरूरी काम करते वाले होते हैं तो मम्मी दही- शक़्कर या घी शक़्कर का कटोरा लेकर कहती है 'ले बेटा मुंह मीठा कर ले" असल में दही एक नेचुरल कूलेंट है मतलब शरीर को ठंडक देती है, दिमाग ठंडा रहता है, और शक़्कर में ग्ल्यूकोस होता है और दोनों के मिशन से शरीर में तरावट आती है

शीशा टूटना मतलब कुछ गलत होने वाला है

घर में शीशा टूट जाए तो अपशगुन माना जाता है, ऐसा इस लिए है क्योंकि पिछले जमाने में आइना बहुत महंगा मिलता था, इसी लिए रोमन लोगों इसे सुरक्षित तरीके से संभालने के लिए शीशा टूटने को बुरा बता दिया था. जिससे कोई इसके साथ लापरवाही ना करे. क्या है की लोगों को लॉजिक समझ नहीं आता लेकिन किसी चीज़ का डर हो तो वह उस काम को नहीं करते।

आंख फड़कना मतलब कुछ गलत होना

लोग कहते हैं मेरी आँख फड़क रही है, जरूर कुछ अनहोनी होने वाली है. लेकिन इसका अनहोनी होने से कोई लेना देना नहीं है. इसके पीछे का साइंटफिक रीजन इतना है कि हो सकता है शराब, थकान, एलर्जी, स्ट्रेन या आँखों में पानी की कमी हो.

सूर्य ग्रहण को मत देखो

जब सूर्य ग्रहण पड़ता है तो लोग कहते हैं ग्रहण को नहीं देखना चाहिए, ऐसा इस लिए क्योंकि बिना सेफ्टी ग्लासेस के आप सूर्य ग्रहण को देखेंगे तो आपकी आंख ख़राब हो जाएगी.सिम्पल सी बात है.

बिल्ली का रास्ता मत काटना

ये अंधविश्वासों में सबसे पॉपुलर है जिसे लोग मानते है कि बिल्ली अगर रास्ता काट दे और आप पहले निकल जाएं तो आपके साथ कुछ गलत होगा, अरे बिल्ली को क्या मतलब आपकी लाइफ से? इसके पीछे की वजह यह है कि पिछले समय में जब लोग घोड़े और बैल की सवारी करते थे तब यह जानवर बिल्ली को देखकर बिदक जाते थे. रात में बिल्ली की चमकती आंखें देख जानवर डर जाते थे. और गाड़ी पलट .जाती थी. रोम में तो बिल्ली के रास्ते को काटना शुभ माना जाता है. भारत से बिल्ली की क्या दुश्मनी है भला?


Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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