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Bhimrao Ambedkar's Views On UCC: भीमराव आम्बेडकर समान नागरिक संहिता को लेकर क्या सोचते थे?

Bhimrao Ambedkars Views On UCC: भीमराव आम्बेडकर समान नागरिक संहिता को लेकर क्या सोचते थे?
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What did Bhimrao Ambedkar think about Uniform Civil Code: बाबा साहेब आम्बेडकर Uniform Civil Code के पक्ष में थे या खिलाफ?

Bhimrao Ambedkar's Views On Uniform Civil Code: भारत में सामान नागरिक संहिता यानी Uniform Civil Code (UCC) लागू होने जा रहा है. केंद्र सरकार UCC लागू करने के लिए सभी दलों से समर्थन मांग रही है, क्योंकी इस कानून का प्रभाव सीधा देश की न्यायव्यवस्था पर पड़ने वाला है. कह लीजिये कि देश का कानून अब जाकर निष्पक्ष, संतुलित और न्यायपूर्ण होने की तरफ बढ़ रहा है. लेकिन कांग्रेस, मुस्लिम राजनीतिक दल/ संस्था, और कुछ राजनीतिक पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. इनका दावा है कि UCC लागू होने से आदिवासी और मुस्लिम लोगों का कानूनी हक़ छीन लिया जाएगा। ये वही दल हैं जो हमेशा संविधान और संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर की याद दिलाते हैं. लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर तो खुद UCC के पक्ष में थे. और शायद उनसे बड़ा समाज हितैषी और शिक्षित तो अबतक कोई दूसरा नहीं हुआ.

क्या भीमराव आम्बेडकर सामान नागरिक कानून के पक्ष में थे?

बात यही है कि जिन बाबा साहेब ने संविधान को बनाया और सामान नागरिक संहिता का पक्ष लिया, उन्ही के आदर्शों में चलने वाला दावा करने वाले लोग UCC के खिलाफ खड़े हैं. जाहिर है भीमराव रामजी आम्बेडकर ने दलितों/आदिवासियों/ पिछड़ों/ अल्पसंख्यकों के कानूनी हक़ को ध्यान में रखते हुए ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया होगा।

भीमराव अंबेडकर समान नागरिक संहिता पर क्या कहते हैं:-

मैं व्यक्तिगत रूप से समझ नहीं पा रहा हूं कि किसी धर्म (मजहब) को यह विशाल, व्यापक क्षेत्राधिकार क्यों दिया जाना चाहिए। ऐसे में तो धर्म, जीवन के प्रत्येक पक्ष पर हस्तक्षेप करेगा और विधायिका को उस क्षेत्र पर अतिक्रमण से रोकेगा। यह स्वतंत्रता हमें क्या करने के लिये मिली है? हमारी सामाजिक व्यवस्था असमानता, भेदभाव और अन्य चीजों से भरी है। यह स्वतंत्रता हमे इसलिये मिली है कि हम इस सामाजिक व्यवस्था में जहाँ हमारे मौलिक अधिकारों के साथ विरोध है वहाँ वहाँ सुधार कर सकें। बीआर अम्बेडकर

संविधान में UCC के बारे में कहां लिखा है?

UCC देश के संविधान के भाग 4 के अनुच्छेद 44 में है. जिसमे लिखा गया है कि समान नागरिक संहिता लागू करना भारत के संविधान का लक्ष्य है.

सामान नागरिक संहिता क्या है?

समान नागरिक संहिता या समान आचार संहिता (Uniform Code Of Conduct) एक पंथनिरपेक्ष कानून (Secular Law) है. जो हर धर्म और पंथ के लोगों के समान रूप से लागु होता है. आसान भाषा में कहें तो अलग-अलग समुदाय या पंथ के लोगों के लिए अलग-अलग सिविल कानून का ना होना ही 'समान नागरिक संहिता' होता है. UCC धर्म या पंथ से जुड़े निजी कानून से ऊपर होता है. आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


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