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Are There Real Hobbit Humans: दुनिया में हम अकेले इंसान नहीं है, ह्यूमंस की दूसरी प्रजाति आज भी जिंदा है

Are There Real Hobbit Humans: दुनिया में हम अकेले इंसान नहीं है, ह्यूमंस की दूसरी प्रजाति आज भी जिंदा है
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Another Species Of Humans: वैज्ञानिकों का दावा है कि इंडोनेशिया के टापू में आज भी 12 हज़ार साल पहले विलुप्त हो चुके, इंसानों के पूर्वज अस्तित्व में है

Are Hobbits Real: एक वैज्ञानिक ने सनसनीखेज दावा किया है, उनका कहना है कि हम इंसान इस पृथ्वी में रहने वाले एकलौते मानव नहीं है. बल्कि ह्यूमन्स की अन्य प्रजातियां भी अस्तित्व रखती हैं. 12 हज़ार साल पहले विलुप्त हो चुके इंसान जैसा दिखने वाले जीव या कहें मानवजाति के पूर्वज या फिर इंसान की दूसरी प्रजाति जिसे हॉबिट (Hobbit) कहते हैं आज भी मौजूद है.


Different Species Of Humans: जिस तरह कुत्ता, बिल्ली, घोडा, मछली, पंछी और इस संसार के में रहने वाले प्रत्येक जीव की विभिन्न प्रजातियां हैं कभी ऐसे इंसानों की भी प्रजातियां हुआ करती थीं. ऐसा नहीं है कि जो इंसान हमें दिखाई देते हैं वहीं शुरू से थे, पहले इंसानों की और भी प्रजातियां थीं लेकिन वह समय के साथ विकसित नहीं हो पाईं और विलुप्त होती चली गईं.

करीब 12 हाज़र साल पहले पृथ्वी से विलुप्त हो चुके इंसान की दूसरी प्रजाति के लोग आज भी जीवित हैं. यह दावा ब्रिटेन के फेमस साइंटिस्ट डॉ. ग्रेगरी फोर्थ (Dr. Gregory Forth) ने अपनी किताब 'बिटवीन एप एंड ह्यूमन' ('Between Ape and Human') में किया है. इस किताब में वैज्ञानिक ने लिखा है कि मानवजाति के पूर्वज आज भी जिन्दा हैं. जिन्हे हॉबिट कहा जाता है.

ज्ञान की बात:- इंसानों का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियंस (Homo Sapiens) है और दूसरी मानव प्रजाति जिसे हॉबिट नाम दिया गया है उसका वैज्ञानिक नाम 'होमो फ्लोरेसेंसिस' (Homo Floresiensis) है

हॉबिट क्या होते हैं (What Is Hobbit)


Do Hobbits still exist: हॉबिट इंसान जैसे दीखने वाले प्राणी थे, उनका रहन सहन, बात करने का तरीका, खाना-पीना सब कुछ इंसानों की तरह था, क्योंकि वो इंसान ही थे, हॉबिट का वैज्ञानिक नाम Homo floresiensis इस लिए है क्योंकि यह मूल रूप से फ्लोरेस टापू में रहते थे. वर्तमान में यह टापू इंडोनेशियाई द्वीप समूह (Indonesian Islands) का हिस्सा है. इस टापू में हॉबिट साल लाख साल पहले से लेकर 60 हज़ार साल पहले तक रहते थे. ऐसा कहा जाता है की जबतक होमो सेपियंस यानी हम इंसान विकसित हुए तबतक 'होमो फ्लोरेसेंसिस' विलुप्त हो चुके थे.

इंसान की दूसरी प्रजाति: सनातनी धार्मिक ग्रंथो में भी मानव के दूसरे प्रजाति का जिक्र है। जैसे वानर, दानव, ऋछ, यती, यह भी इंसान की अलग-अलग प्रजाति थे.




2003 में मिला था इंसान जैसा दिखने वाला कंकाल


What Is Homo Floresiensis: इंसान की दूसरी प्रजाति भी इस दुनिया में मौजूद है, इसका पता साल 2003 में चला था, जब वैज्ञानिकों की एक टीम फ्लोरेस द्वीप की एक लिआंग बुआ गुफा (Liang Bua Cave) में रिसर्च के लिए गए थे. इस द्वीप में पहले कभी इंसानों का जाना नहीं हुआ था.


वैज्ञानिकों को गुफा से इंसान जैसे दिखने वाले जीव का कंकाल मिला। डॉ ग्रेगरी फोर्थ (Dr. Gregory Forth) अपनी रिसर्च को और गहराई में ले जाना चाहते थे. डॉ फोर्थ के अनुसार इस दुनिया में हज़ारों साल पहले लाखों सालों तक इंसान की विभिन्न प्रजातियां रहा करती थीं. जिनमे से होमो सेपियंस सबसे ज़्यादा बुद्धिमान थे इसी लिए सर्वाइव कर गए और लगातार हमारा एवोल्यूशन हो रहा है.


डॉ फोर्थ का कहना है कि हॉबिट नाम की यह इंसानी प्रजाति आज भी इंडोनेशिया के टापू में रहती है. और 30 से ज़्यादा लोगों ने छोटे आकर के इंसान जैसे दिखने वाले जीवों को अपनी आँखों से देखा है. यह सभी इंसान जैसे दिखने वाले प्राणी फ्लोरेस टापू में देखे गए हैं जहां से हॉबिट का कंकाल मिला था.

वो कंकाल किसका था


डॉ फोर्थ कहते हैं वो कंकाल न तो किसी बंदर का था न किसी इंसान मतलब होमो सेपियंस का, कंकाल के अवशेष 'होमो फ्लोरेसेंसिस' (Homo Floresiensis) के विवरण से मेल खाते हैं. यह कंकाल किसी हॉबिट का था. डॉ फोर्थ की रिसर्च के खिलाफ कई वैज्ञानिक इसे गलत साबित कर रहे हैं स्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी के डॉ. जॉन हॉक्स का कहना है कि अगर हॉबिट आज भी ज़िंदा होते तो हमे इसके बारे में मालूम होता।

हॉबिट कैसे दीखते थे


What did hobbits look like: हॉबिट का शरीर 3 फ़ीट 6 इंच जितना बड़ा होता था, और इनका दिमाग हम इंसानों ने एक तिहाई छोटा होता था, यह किसी छोटे कद के इंसानों की तरह दीखते थे. आसान भाषा में कहें तो धोड़ा, गधा, और ज़ीब्रा एक ही स्पिशी है. लेकिन तीनों के आकर, दिमाग, रहन-सहन, अलग-अलग है. वैसे ही इंसान की भी अलग प्रजातियां थीं जिसमे से सबसे प्रबल हम होमोसेपियंस थे.

इंसान की दूसरी प्रजातियों के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कॉमेंट करके जरूर बताएं और ऐसी ही जानकारियों के लिए RewaRiyasat.com को फॉलो करते रहें




Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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