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गर्मी के मौसम में करें सत्तू का सेवन, पोषक तत्वों से भरपूर और पाचन तंत्र को करता है मजबूत...

गावों में जौ तथा चने की कटाई के बाद फसल जैसे ही घर पहुंचती है। लोगों को सत्तू की याद सताने लगती है। सत्तू को स्वास्थ्य वर्धक माना गया है। सत्तू का उपयोग पुराने समय से चला आ रहा है। वही आज के आधुनिक दौर में भी सत्तू रूचिकर और पौषटिक आहार में से एक हैं। सत्तू को प्रोटीन तथा फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। ऐसे में पेट के रोगियों के लिए यह अत्यधिक लाभदायक होता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

गावों में जौ तथा चने की कटाई के बाद फसल जैसे ही घर पहुंचती है। लोगों को सत्तू की याद सताने लगती है। सत्तू को स्वास्थ्य वर्धक माना गया है। सत्तू का उपयोग पुराने समय से चला आ रहा है। वही आज के आधुनिक दौर में भी सत्तू रूचिकर और पौषटिक आहार में से एक हैं। सत्तू को प्रोटीन तथा फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। ऐसे में पेट के रोगियों के लिए यह अत्यधिक लाभदायक होता है। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है।

वही हिंदू रीति रिवाज के आधार पर चैत्र मास में एक त्यौहार मनाया जाता है जिसे सेतुआ संक्रांति कहा जाता है। इस दिन सत्तू सेवन का विशेष महत्व माना गया है। गृहस्थ संतो के द्वारा इस दिन सत्तू का ब्राह्मण भोज आयोजित किया जाता है। इस दिन लोगों को सत्तू खिलाया जाता है।

गावों में चने तथा जवा की भुनाई से सोंधी-सोंधी खुशबू वातवरण में घुलने लगती है। ऐसे में जिन्हे भूल भी जाता है उन्हे यह खुशबू याद दिला देती है। गावों में सत्तू का सेवन बहुत पुराने समय से चला आ रहा है।

आज के वैज्ञानिक युग मे जब लोग डायटीसियन की मदत से अपनी डाइट निश्चित करते हैं इस समय भी सत्तू की महत्ता कम नही हुई हैं। सत्तू का सेवन सर्वथा उचित और स्वास्थ्य वर्धक माना गया है।

सत्तू ज्यादातर उपयोग देश के बीहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में सर्वाधिक किया जाता है। गर्मी के समय सत्तू का सेवन लू लगने से शरीर की रक्षा करता है। खेतों में मेहनत करने वाले किसान इसका उपयोग करते है।

सत्तू के सेवन से शरीर में जहां तरावट बनी रहती है। वहीं शरीर को भरपूर उर्जा देता है। इसे चने ओर जौ के आटे को सम मात्रा मे मिलाकर पानी में घोलकर इसका सेवन किया जाता है। स्वाद के लिए शक्कर या फिर नमक नीबू मिलाकर भी सेवन किया जाता है। सुगर के रेागी इसका सेवन नमक के साथ सेवन करें उनके लिए हितकर होता है।

वही आज के समय में जब बीमारियो का अम्बार लगा हुए है। ऐसे में कुछ लोगों को लिए सत्तू सेवन में सावधानी भी रखनी चाहिए। बताया गया है कि सत्तूू का सेवन बरसात के समय नही करना चाहिए इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है।

सत्तू का सेवन दिन में मात्र दो बार ही करना चाहिए। वही पथरी के साथ अन्य किसी भी बीमारी की अवस्थ और कोढ़ के रोगियो के लिए इसका सेवन वर्जित किया गया है।

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