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स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने युवाओ को दिये टिप्स, कहा संगीत में अपने को इस तरह से पहचाने, एमपी में जन्मी थी लता

नई दिल्ली। संगीत दिवस के मौके पर बॉलीवुड की स्वरकोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने युवाओ को संगीत के प्रति प्रेरित करते हुय कहा कि आज के युवा अपनी खुद की आवाज खोजें। इंडियन क्लासिकल म्यूजिक सीखें, रागों को जानें और अभ्यास करें।
लता मंगेशकर अपनी शानदार आवाज से लंबे समय तक दर्शकों के दिलों को जीता है। उनके गायकी का दुनिया भर में दीवाने हैं। बॉलीवुड सहित देश की सभी फिल्म इंडस्ट्री में उन्होने अपनी आवाज का जादू बिखेरा है।
होती थी लाइव रिकॉर्डिंग
लता जी के अनुसार अगर आपने कठिनाइयां नहीं देखी हैं, तो आपके आवाज में दर्द कहाँ से आयेगा? अब युवाओ के लिए यह पहले से आसान हो गया है। गाने कंप्यूटर्स पर रिकॉर्ड किए जाते हैं।
हमारे समय में लाइव रिकॉर्डिंग में 100 से अधिक ऑर्केस्ट्रा के लोग लाइव इंस्ट्रूमेंट्स बजाते थे।
जब रफी साहब और मैं, किशोरदा और मैं डूएट गाते थे, तो हम एक ही माइक शेयर करते थे। आजकल दो कॉन्टिनेंट से डूएट रिकॉर्ड किए जाते हैं। भावनाएं गायब हो रही हैं।
अपनी खुद की खोजे आवाज
लता जी रीमिक्स कल्चर के सख्त खिलाफ हैं। उनका कहना है कि शुरूआत में किसी की आवाज का नकल ठीक है। लेकिन आपको जल्द से जल्द अपनी आवाज ढूंढनी होगी।
न्यू जनरेशन अपनी खुद की आवाज खोजें। इंडियन क्लासिकल म्यूजिक सीखें, रागों को जानें और अभ्यास करें...हर एक दिन रियाज करें।
उनका कहना था कि दुर्भाग्यवश मैं इतनी व्यस्त हो गई की मैंने अपने रियाज को नजरअंदाज कर दिया। एक सिंगर के रूप में मुझे यही एक अफसोस है।
काश मैंने हर दिन अपने रियाज के लिए समय निकाला होता। युवा गायकों को मेरी यही सलाह है कि अपनी आवाज को मंदिर की तरह मानो।
मध्यप्रदेश में जन्मी थीं लता
लता मंगेशकर 91 वर्ष की हैं। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उन्होंने अपनी गायकी से देश के साथ-साथ दुनिया में भी लोगों का दिल जीता है।
लताजी को गायिकी के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने के लिए भारत रत्न, पद्म विभुषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के अवार्ड जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है।