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मनहूस बंगला' आशीर्वाद: जिस घर में रहे सुपरस्टार्स, उनका करियर हुआ बर्बाद!

Aashirwad Bunglow
बॉलीवुड का वो 'मनहूस बंगला' जिसकी कीमत थी 90 करोड़!
जहां शाहरुख खान का 'मन्नत', सलमान खान का 'गैलेक्सी अपार्टमेंट' और अमिताभ बच्चन का 'जलसा' आज भी बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर घर हैं, वहीं एक समय में बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना का बंगला 'आशीर्वाद' भी खूब चर्चा में रहा था। हालांकि, इसकी वजह इसकी खूबियां नहीं, बल्कि एक अजीबोगरीब कहानी थी। यह महल जैसा आलीशान घर, जिसकी कीमत 90 करोड़ थी, मुंबई के कार्टर रोड पर अरब सागर के सामने बना था। हर कोई ऐसे घर में रहना चाहता है, लेकिन ऐसा कहा जाता था कि जो भी इस घर में रहा, उसके बुरे दिन शुरू हो गए। दावा किया जाता है कि इस 'मनहूस बंगले' में तीन बड़े सुपरस्टार रहे और तीनों का करियर बर्बाद हो गया।
पहले सुपरस्टार मालिक भारत भूषण की कहानी
'आशीर्वाद' हाउस के पहले सेलिब्रिटी मालिक भारत भूषण थे। 1950 के दशक की शुरुआत में वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के एक बड़े नाम थे। उन्होंने 'बैजू बावरा', 'मिर्ज़ा ग़ालिब', 'गेटवे ऑफ़ इंडिया' और 'बरसात की रात' जैसी कई हिट फ़िल्में दीं। उन दिनों उनकी तुलना राज कपूर और दिलीप कुमार जैसे सुपरस्टार्स से की जाती थी। लेकिन कहते हैं कि उनके बुरे दिन तब शुरू हुए जब वे 'आशीर्वाद' में रहने लगे।
इस घर में शिफ्ट होने के कुछ सालों बाद ही उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं। हालात इतने खराब हो गए कि 1960 तक भारत भूषण कर्ज में डूब गए। इसके बाद उन्होंने यह बंगला बेच दिया, और तभी से इस घर को 'शापित' कहा जाने लगा।
राजेंद्र कुमार ने खरीदा, पर पूजा भी न आई काम
राजेंद्र कुमार ने इस घर को कम कीमत पर उपलब्ध देखकर खरीद लिया था। एक मित्र की सलाह पर उन्होंने इस शापित घर के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पूजा-पाठ भी करवाया था। शायद पूजा से उन्हें शुरुआत में लाभ भी हुआ, और वे इस घर में रहने के बाद पहली बार सफल भी हुए। लेकिन 1968-69 तक उनकी फिल्में भी फ्लॉप होने लगीं, और उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने भी यह 'मनहूस बंगला' बेच दिया, जिसे 70 के दशक में सुपरस्टार राजेश खन्ना ने खरीदा।
राजेश खन्ना की ज़िंदगी पर भी पड़ा असर
राजेश खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत में लगातार 17 हिट फ़िल्में दी थीं, लेकिन 1975 तक उनकी फिल्में भी फ्लॉप होने लगीं। उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया भी अपने बच्चों के साथ उनका घर छोड़कर चली गईं, लेकिन राजेश खन्ना ने 'आशीर्वाद' नहीं छोड़ा।
वे साल 2011 में अपने आखिरी दिनों तक 'आशीर्वाद' में ही रहे। राजेश खन्ना के बाद उनके इस 'मनहूस बंगले' को 2014 में एक बिजनेसमैन ने खरीद लिया था। लेकिन दो साल बाद, 2016 में, इसे तोड़ दिया गया। इन सब खबरों के सामने आने के बाद इसे 'भूतिया बंगला' का टैग मिल गया और यह बॉलीवुड के इतिहास का एक रहस्यमयी हिस्सा बन गया।




