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HBD Rajinikanth: कंडक्टरी करने वाले 'रजनीकांत' कैसे बने सुपरस्टार, लोगों ने उन्हें भगवान का दर्जा क्यों दिया

HBD Rajinikanth: आज साऊथ इंडिया फिल्म इंडस्ट्री के सुपर स्टार रजनीकांत का जन्मदिन है। अच्छा जब भी हम रजनीकांत को इमेजिन करते हैं तो एक ऐसा एक्शन हीरो नज़र आता है जो बन्दुक की बुलेट को शेविंग ब्लेड की मदद से 2 हिस्सों में काट देता है और एक बुलेट से 2 गुंडों को मार देता है, गॉगल हवा में उड़ते-उड़ते आसमान तक पहुंच जाता है जबतक रजनीकांत दुश्मनों को पीटते रहते हैं और 10-15 मिनट बाद हवा में उड़ता हुआ चश्मा सीधा रजनीकांत के चेहरे में फिट हो जाता है। मतलब फुल्ल गदर मचा देते हैं। ऐसा एक्शन सिर्फ थलाइवा की फिल्मों में ही देखने को मिलता है, और कोई एक्टर ऐसा करेगा तो उसकी फिल्म दोबरा कोई नहीं देखने वाला।
आपको यह जानकर हैरानी होगी की वही रजनीकांत कभी अपनी जीवनी के लिए बस में कन्डक्टरी का काम करते थे। बस में सवारियों की टिकट काटते थे और उसके बाद सफलता की उस बुलंदी तक वो पहुंच गए की उनकी फिल्मों की टिकट के लिए लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ता है। रजनीकांत सिर्फ फिल्मों के सुपरस्टार नहीं है वो समाज की सेवा करते हैं और इसी लिए उनके फैंस उनकी पूजा करते हैं उन्हें भगवान का दर्जा देते हैं।
कंडक्ट्रर से कैसे बने एक्टर (Rajinikanth Success Story)
♣रजनीकांत का जन्म 12, दिसंबर, 1950 में बेंगलुरू में रहने वाले एक मराठी परिवार में हुआ था, रजनीकांत का बचपना गरीबी में बीता जवानी की शुरुआत में वह अपना घर चलाने के लिए बस में टिकट काटने वाला कंडक्टर बन गए। वो अपनी ज़िन्दगी से खुश नहीं थे, उन्हें पता था वो ये सब करने के लिए नहीं बने हैं। उन्होंने अपने टैलेंट को जाना और एक्टिंग में करियर बनाने की ठानी। 1974 में उन्हीने मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया, रजनीकांत की मातृभाषा कन्नड़ थी लेकिन बाद में उन्होंने तमिल भाषा सीखी।
♣इसके बाद 1975 में उनका डेब्यू एक तमिल फिल्म" अपूर्वा रंगगाल' में बतौर सपोर्टिंग रोल मिला। इस फिल्म में उन्होंने विलेन का रोल किया था जिसकी इतनी प्रशंशा हुई के उन्हें राष्ट्रीय पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था। फिल्म के डायरेक्टर थे बालचंद्र जिन्हे रजनीकांत अपना गुरु मानते हैं। अपनी पहली फिल्म के बाद अन्ना ने कभी दोबारा पीछे पलट कर नहीं देखा वो अब आसमान की उचाईयों को छूने लगे थे। साल 1975 से 1977 तक कमल हसन के साथ उन्होंने कई फ़िल्में की जिनमे ज़्यादातर वह विलेन का रोल निभाए।
♣उनके डायलॉग बोलने के तरीके और एक्शन ने लोगों को दीवाना बना दिया, लोग रजनीकांत की स्टाइल को कॉपी करने लगे और कभी बस का टिकट काटने वाला कंडक्टर सुपरस्टार एक्टर बन गया। उन्होंने कई सिनेमा इंडस्ट्री में काम किया यहां तक की हॉलीवुड में भी उन्होंने एक्टिंग की।
बॉलीवुड में भी खूब काम किया
रजनीकांत ने सिर्फ तमिल और तेलगु नहीं बल्कि हिंदी बॉलीवुड सिनेमा में भी खूब काम किया। बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1983 को रिलीज हुई जिसका नाम था अँधा कानून। फिल्म अच्छी थी लेकिन ज़्यादा कमाई नहीं हुई, इसके बाद उन्होंने चालबाज़, उत्तर-दक्षिण, गिरफ्तार , 'मेरी अदालत', 'जान जॉनी जनार्दन', 'भगवान दादा', 'दोस्ती दुश्मनी', 'इंसाफ कौन करेगा', 'असली नकली', 'हम', 'खून का कर्ज', 'क्रांतिकारी, 'इंसानियत का देवता' जैसी हिंदी फिल्मों में अपना नाम कमाया।
रजनीकांत का असली नाम रजनीकांत नहीं है (Rajinikanth Real Name)
रजनीकांत का असली नाम रजनीकांत नहीं बल्कि शिवजी राव गायकवाड़ है उनके पिता का नाम रामोजी राव गायकवाड़ था जो की पुलिस में हवालदार थे। जब वो सिर्फ 8 साल के थे उनकी मां का देहांत हो गया था।
रजनीकांत को भगवान क्यों बुलाते हैं (Why Rajinikanth is Called God)
उन्हें साउथ में तो थलाइवा (Thalaivaa) और भगवान कहा जाता है। फिल्मों में उनकी दमदार एक्टिंग के लिए दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड समेत बड़ी संख्या में प्रसिद्ध सम्मान मिल चुके हैं. रजनीकांत को उनके फैंस उनकी एक्टिंग के लिए नहीं बल्कि उनके कर्मों के लिए उन्हें भगवान कह कर बुलाते हैं, कई फैंस ने उनका मंदिर बनवाया हुआ है और उसमे दूध चढ़ाया जाता है। रजनीकांत एक सफल अभिनेता के साथ एक अच्छे और ईमानदार नेता है उन्होंने गरीबों के लिए क्या कुछ नहीं किया, बच्चों के लिए फ्री स्कूल खोले, लोगों को रोजगार दिया। इसी लिए उन्हें उनके फैंस ने भगवान का दर्जा दिया है