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योगी की सांड रैली: किसानों ने योगी की सभा में हज़ारों सांड छोड़ कर कांड कर दिया, पुलिस इसी में बितुती रही

योगी की सांड रैली: किसानों ने योगी की सभा में हज़ारों सांड छोड़ कर कांड कर दिया, पुलिस इसी में बितुती रही
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Up Chunav Update: किसानों ने कहा सीएम को भी तो पता चले गाय-सांड से हमें कितनी तकलीफ होती है

Up Chunav Update: उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी का प्रचार करने बारांबकी पहुचें सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा में सांडों ने आतंक मचा दिया, उनकी रैली शुरू होने से पहले सांडों की रैली निकल पड़ी, सीएम की सुरक्षा और व्यवस्था देख रहे पुलिस वाले सांडों को संभालने में बितुते रहे।

किसानों ने अपने खेतों से खदेड़-खदेड़ के सीएम की रैली वाली जगह के करीब झुंड इकठ्ठा करवा दिया, भयंकर बवाल खड़ा हो गया, लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नज़र आए, सांडों ने कोहराम मचा दिया। पुलिस वाले हाथ में डंडा लिए इधर-उधर सांडों को रैली वाली जगह से जाने से रोकने में व्यस्त रहे

ऐसा कैसे हो गया

सीएम योगी की रैली में सांड खुद से नहीं पहुंचे बल्कि ये सांड वाला कांड किसानों ने किया, बाराबंकी के किसानों का कहना है कि इसी तरह आवारा मवेशी हमारा जीना हराम कर दिए हैं. आखिर सीएम को भी तो पता चलना चाहिए कि गाय-सांड से किसानों को कितनी तकलीफ होती है।


सीएम को 4 बजे बारांबकी की रैली में पहुंचना था, सीएम शाम 5:50 में कुर्सी विधानसभा क्षेत्र से अपनी रैली शुरू की. किसानों ने रैली से सिर्फ 500 मीटर दूर भारी संख्या में गायों और बैलों को खदेड़ के ले गए जिससे अफरा-तफरी मच गई.

रैली में सीएम योगी ने क्या कहा

इस बवाल के कारन योगी की रैली में भी देरी हो गई, लेकिन उन्होंने इस बात से कोई नरागजी जाहिर नहीं की बल्कि गायों के बारे में बड़ी बात कह दी उन्होंने कहा- यूपी में जब बीजेपी की सरकार बनी तो पहले फैसला किसानों और बेटियों के लिए किया गया. हमने यह भी निर्णय लिया कि गौवंश को बूचड़खानों में कटने नहीं देंगे तो किसानों की फसलें भी नष्ट नहीं होने देंगे। इसके लिए सरकार ने जगह-जगह गौशालाएं बनवाई और आगे भी हमारी सरकार किसानों के हित में कार्य करती रहेगी

और क्या कहा

उन्होंने कहा कि- आज गांव में 24 घंटे बिजली मिल रही है, पहले सिर्फ ईद-मोहर्रम में मिलती थी, होली दिवाली में बत्ती गुल हो जाती थी. अब हर त्यौहार में बिजली मिलती है, बारांबकी में 21 हज़ार 800 से अधिक किसको का कर्ज माफ़ किया गया है, कोरोना की तीसरी लहर कब आई, कब गई कुछ पता नहीं चला, अगर यहां सपा-बसपा की सरकार होती तो वैक्सीन की कालाबाजरी होने लगती।


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