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सांप के ज़हर से लेकर छिपकली और बिच्छू का नशा, जाने नशे के लिए क्या क्या करते हैं लोग

सांप के ज़हर से लेकर छिपकली और बिच्छू का नशा, जाने नशे के लिए क्या क्या करते हैं लोग
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मतलब इतना तेज़ नशा करते हैं की बुद्धि खुल जाए।

दुनिया के अलग अलग देशों में रहने वालों के शौक बड़े रंगीन है। कोई शराब पीकर खुश है तो कोई माल फुख कर भंड पड़ा हुआ है किसी को कफ सिरप पीने में ही मजा मज़ा आता है तो कोई बीड़ी सुलगाने को ही सबकुछ मानता है लेकिन ये सब नशे उन दिग्गजों के आगे सिर्फ फ्रूटी पीने और ऐल्पेनलीबे टॉफी खाने जैसा है जो इत्ते बड़े बड़े नशे करते हैं जिसे सुनने भर से आपकी बुद्धि फिर जाएगी। हम आपको दुनिया में प्रचलित कुछ ऐसे नशे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सेवन करने के बाद आदमी उठता नहीं उठ जाता है।

कोकेन (Benzoylmethylecgonine)


भाई बड़ा भयंकर नशा है ये एक दम बवाल चीज़ है। इसका प्रचनल अभी से नहीं दशकों से चल रहा है। युवा से लेकर बूढ़ा आदमी इसका सेवन करने के बाद खुद को शक्तिमान मान लेता है। कोकेन एक कोका नामक पौधे की पत्तों से निकाला जाता है इसका सेवन करने पर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में दंदफंद मच जाती है। इंसान को ये इस कदर उत्तेजक बना देता है की नशा करने वाले के अंदर कॉन्फिडेंस लेवल इतना बढ़ जाता है की उसे लगता है की वो उड़ सकता है बहुत लोग सिर्फ इसी लिए मर जाते हैं की उन्हें ये लगने लगता है की वो किसी पंछी की तरह उड़ लेगा और वह बिल्डिंग से कूद जाता है। लेकिन उड़ नहीं पता लेकिन ऊपर जरूर चला जाता है। दुनियाभर में कोका पौधा रखना कोकेन रखना एक दंडनीय अपराध है। इसका सेवन करने वालों को भी कड़ी सज़ा मिलती है। लेकिन भारत सहित अमेरिका ,कनाडा , चाइना में इसका इस्तेमाल होता है।

मेथ (Methamphetamine)


ये किसी क्रिस्टल की तरह दीखता है जो इसका सेवन करने वाले के नर्वस सिस्टम की दइया मइया कर देता है। ये दिमाग और रीढ़ की हड्डी में उत्तेजना बढ़ा देता है इसको नाक से मुँह से पाउडर के फॉर्म में या सिर्फ तम्बाखू में मिला कर इस्तेमाल किया जाता है। ये कोकेन से ज़्यादा महंगा और ज़्यादा घातक होता है। कुलमिला कर भुद्धि की ऐसी की तैसी कर देता है। इसको इस्तेमाल करने के बाद कुछ समझ में नहीं आता। शरीर क्या कर रहा है आप नशे में क्या बोल रहे हैं बुद्धि काम नहीं करती।

मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथैमफेटामाइन (MDMA )


ये एक पार्टी ड्रग है जो भारत में तेज़ी से प्रचलित हो रहा है। लोग इसे मेफेड्रोन के नाम से बुलाते है। ये सोने से भी महंगा है इसके एक ग्राम की कीमत 15 रूपए से ज़्यादा होती है इसका सबसे ज़्यादा उत्पादन अफ़ग़ानिस्तान और साऊथ अफ्रीका में होता है इसे वहां म्याउ म्याउ भी कहते हैं। इसका सेवन करने के बाद मदहोशी होती है और ज़्यादा लेने से आदमी सोने के बाद दुबारा उठता नहीं है

हेरोइन ((INN) diacetylmorphine)


ये भी बड़ा भयंकर नशा है भाई इसे कृतिम अफीम के ज़रिये बनाया जाता है। ये भी एक क्रिस्टलीय पदार्थ होता है जिसे फूंख कर या फिर नाक से सूंघ कर नशे के रूप में लिया जाता है ये सीधा इंसान के नर्वस सिस्टम में अटेक करता है। और पूरी दुनिया में 90 प्रतिशत उत्पादन अफ़ग़ानिस्तान में होता है।

कोबरा शॉट ( COBRA SHOT )


लो बाकि नशे कम पड़ गए तो लोग ज़हर से भी नशा करने लगे। इसमें कोबरा सांप के सफोला को एक पाइप में डाला जाता है और उसके बाद सेवन करने वाला अपने मुँह में पाइप से अंदर की तरफ घींचता है तब कोबरा का बच्चा फुसकारी मारता है जिससे नशे करने वाले को तेज़ से झटका लगता है। और बाद में बेहोशी होने लगती है। वहीं कुछ ऐसे भी शक्तिमान है जो कोबरा को ही अपनी जीभ में कटवाते हैं। लोग कोबरा के ज़हर को सूंघते भी है और उसे जीभ में रख कर नशा करते हैं। भारत में ऐसे कई केस सामने आये हैं।

बिच्छू को तो छोड़ दो


पाकिस्तान में तो वैसे भी एक से एक कलाकार हैं यहाँ के लोग बिच्छू को मारते हैं उसे धुप में सुखाते हैं और उसका चुरा बना कर कागज में भर कर पीते हैं। इतने में मजा नहीं आता तो उसको अफीम और गांजे के साथ मिला कर पीते हैं। ऐसा करने वालों की ज़िन्दगी में मजा सिर्फ उसी वक़्त रहता है जबतक नशा रहता है बाकि बाद में तो उनकी लाइफ नर्क से भी बदतर रहती है। ऐसे ही बेचारी छिपकली के साथ भी होता है जिसका नशा करना भारत में भी काफी फेमस है।

नोट: सुनो भाई इतने नशे के बारे में बताए हैं इसका मतलब ये नहीं की आप अब अपने बगीचे में बिच्छू और कोबरा की तलाश करने निकल जाओ। जो आदमी ये सब नशा करता है या तो वो ज़्यादा दिन का मेहमान नहीं रहता है या फिर पुलिस का मेहमान बन जाता है। ऐसे लोगों की आधी उम्र नशे में और बाकि जेल या नशा मुक्ति केंद्र में बीतती है।

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Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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