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Ajmer 92 Story Hindi: 200 हिंदू लड़कियों से रेप और ब्लैकमेल की सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म 'अजमेर 92'

Ajmer 92 Story Hindi: 200 हिंदू लड़कियों से रेप और ब्लैकमेल की सच्ची घटना पर आधारित है फिल्म अजमेर 92
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Ajmer 92 Movie Story: अजमेर चिश्ती सेक्स स्कैंडल 1992 (Ajmer Chishti Sex Scandal 1992) पर आधारित है अजमेर 92 फिल्म

Ajmer Chishti Sex Scandal 1992 In Hindi: The Kashmir Filesऔर The Kerala Story के बाद एक और ऐसी फिल्म आ रही है जो देश में बवाल मचाने वालों को नया बवाल मचाने का जरिया बन जाएगा। सच्ची घटना पर आधारित फिल्म 'अजमेर 92' (Ajmer 92) ऐसी हैवानियत भरी दास्तान पर आधारित है जिसपर ना किसी ने कभी बात की और ना कोई इस मुद्दे पर बात करना चाहता है. इतना पक्का है कि Ajmer 92 को लेकर विरोध होगा, कोर्ट में इसे बैन करने के लिए याचिका लगेंगी और आखिर में फिल्म देखने के बाद लोगों को एक और छुपे हुए सच का पता चलेगा

Puspendra Singh Dwara निर्देशित अजमेर 92 'अजमेर दरगाह के चिश्ती द्वारा किए गए सेक्स स्कैंडल 1992' पर आधारित है. यह ऐसा मुद्दा था जिसे न तो सरकार ने गंभीरता से लिया ना मीडिया में इतनी हिम्मत थी कि इसका प्रसारण करें और ना किसी में इतना दम था कि आवाज उठा सके. अजमेर 92 का प्रोडक्शन Umesh Kumar Tiwari ने किया है और इस फिल्म में Karan Verma, Sumit Singh, Sayaji Shinde और Manoj Joshi जैसे एक्टर्स हैं.

अजमेर 92 फिल्म किस घटना पर आधारित है

Ajmer 92 Is Based On Which Case: आप इसे The Ajmer 1992 Files कहें या Ajmer 92 Story लेकिन इस हैवानियत भरी जिहादी घटना को अजमेर चिश्ती सेक्स स्कैंडल 1992 (Ajmer Chishti Sex Scandal 1992) कहा जाता है. अजमेर 1992 घटना (Ajmer 1992 Case) अपने आप में दरंदगी, हैवानियत और घटियापन की पराकष्ठा है. Ajmer Rape Case देश का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल था जिसमे खुद अजमेर शरीफ दरगाह का चिश्ती शामिल था. इस स्कैंडल के चलते सैंकड़ों लड़कियों ने आत्महत्या कर ली थी. जाहिर है अबतक इस घटना के बारे में मालूम नहीं होगा ठीक वैसे ही जैसे कश्मीर में हुए हिन्दुओं के नरसंहार और केरल में हुए लव जिहाद की घटना आपको मालूम नहीं थी.

अजमेर एमएमएस कांड 1992 की कहानी

Ajmer MMS Case 1992 Story: साल 1992 में राजस्थान के शहर अजमेर में चिश्ती सेक्स स्कैंडल (Chishti Sex Scandal) का पर्दाफाश हुआ था. इस शहर में रहने वाले लोगों ने अपनी बेटी-बहनों को पेड़ में लाश बनकर लटकते देखा था. मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सैंकड़ों हिन्दू लड़कियों का यौन शोषण कर उनका MMS बनाया था। ऐसा सिर्फ मजहबी द्वेष की मंशा से किया गया था. अजमेर रेप कांड में मुसलमानों के सबसे पाक स्थान अजमेर दरगाह का चिश्ती और उसका परिवार शामिल था.

अजमेर 1992 की कहानी

Story Of Ajmer 1992 In Hindi: बात 1992 की है, अजमेर दरगाह के खादिम फारुख चिश्ती को 100 लड़कियों से रेप करने का दोषी पाया गया था. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि अजमेर रेप केस में 300 लड़कियों को अपना शिकार बनाया गया था. इस घंटा को 'भारत का सबसे बड़ा बलात्कार कांड' और अजमेर दरगाह कांड1992' के नाम से जाना जाता है.

30 साल पहले अजमेर के सोफिया गर्ल्स स्कूल और सावित्री स्कूल की कई हिन्दू बच्चियों को सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया था. इस प्लान के तहत पहले हिन्दू लड़कियों के साथ मुस्लिम युवक-युवतियां दोस्ती कर न्हें बरगलाकर उनका यौन शोषण किया गया था. उनका MMS बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था. नग्न तस्वीरों और वीडियो को लीक करने की धमकी देकर उन्हें अपनी भाभी, बहनों, दोस्तों को बुलाने के लिए कहा जाता था और उनके साथ भी यही घटिया काम किया जाता था.

इस जिहादी कांड में अजमेर दरगाह का चिश्ती मास्टरमाइंड था. जिसका नाम फारुख चिश्ती था. और उसके साथ नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती इस घिनौने कांड के साथी थे. ये तीनों यूथ कांग्रेस के नेता थे, अजमेर दरगाह का खादिम होने के साथ इनके ऊपर सत्ताधारियों का हाथ था. और इसी के दम पर इन लोगों ने सैंकड़ों हिंदू लड़कियों के साथ रेप किया।



अजमेर रेप कांड 1992

ये सभी जिहादी सफ़ेद कॉलर वाले लोग थे, पावरफुल थे और अजमेर के खादिम थे तो कोई इनके आगे टिकता नहीं था. सरकार कांग्रेस की थी, और घटना को अंजाम देने वाले भी कांग्रेस से जुड़े थे इसी लिए पुलिस पीड़ित लड़कियों की फरियाद को सुनती तक नहीं थी.

लेकिन एक दिन कुछ लड़कियों की नग्न तस्वीरें लीक हो गईं. आरोपी नफीस चिश्ती और फारुख चिश्ती (यूथ कांग्रेस अध्यक्ष) जिस कलर लैब में उन पीड़ित लड़कियों की नग्न तस्वीरों को प्रिंट करवाते थे यहीं से यह तस्वीरें लीक होना शुरू हुई थीं. इस कांड में पुरुषोत्तम कलर लैब का कर्मचारी भी शामिल था.

जिन लड़कियों की तस्वीरें लीक हुईं उन्होंने आत्महत्या करना शुरू कर दिया। एक के बाद एक आत्महत्या करने का सिलसिला जारी रहा. 27 मई 1992 को बड़ी मीटिंग्स के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ NSA लगाकर नोटिस जारी किया, सितंबर 1992 में अजमेर ब्लैकमेल कांड (Ajmer Blackmail Case) की पहली चार्टशीट फाइल हुई. पहले 8 और जांच आगे बढ़ने के बाद 18 लोगों को आरोपी बनाया गया.

केस कमजोर करवा दिया गया

कांड बहुत बड़ा था. सैकंडों लड़कियों की नग्न तस्वीरें पुलिस को मिल गई थीं. लेकिन उधर चिश्ती परिवार जेल जाने से बचने के लिए षड्यंत्र रच रहा था. शरूआत में 17 लड़कियों ने अपने बयान दर्ज करवाए लेकिन जब उन्हें काट डालने की धमकी मिली तो उन्होंने अपने बयान वापस ले लिए. केस कमजोर पड़ गया फिर भी सबूतों के आधार पर 8 आरोपियों को उम्रकैद की सज़ा हुई. लेकिन राजस्थान कोर्ट ने 2001 में 4 दोषियों को बरी कर दिया और 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने बाकी दोषियों की सज़ा कम कर 10 साल कर दी. इनमें मोइजुल्ला उर्फ पुत्तन इलाहाबादी, इशरत अली, अनवर चिश्ती और शम्शुद्दीन उर्फ माराडोना शामिल था.

2007 में अजमेर की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस रेप कांड के मास्टरमाइंड फारुख चिश्ती को दोषी ठहराया, जिसने बचने के लिए खुद को पागल घोषित करवा दिया और 2013 में राजस्थान हाईकोर्ट ने उसकी सज़ा भी कम कर दी और वह 2018 में रिहा हो गया.

अजमेर रेप कांड पैसों, रसूख और राजनैतिक पहुंच के चलते दब गया. वैसे ही दबा जैसे कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार दबा था, लेकिन यह मामला फिर उठने वाला है. कोर्ट में नहीं तो सिनेमा के माध्यम से जनता की अदालत में पेश होगा.

अजमेर 92 रिलीज डेट

Ajmer 92 Release Date: यह फिल्म 21 जुलाई को थिएटर में रिलीज होने वाली है. लेकिन रिलीज होने से पहले बवाल मचना तय है. बवाल वही मचाएंगे जिन्हे अपनी सच्चाई सुनने से परेशानी होगी







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