
भारत में कोरोना के एक्टिव केस 1000 पार: UP में नए वैरिएंट से पहली समेत 12 मौतें, 4 नए वैरिएंट्स सक्रिय; JN.1 सबसे आम

भारत में कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। देशभर में सक्रिय (एक्टिव) केसों की संख्या 1081 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार, 27 मई, 2025 को कर्नाटक में 36, गुजरात में 17 (जहां 13 मरीज ठीक भी हुए), बिहार में 6 और हरियाणा में 3 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए।
वर्तमान में, केरल 430 सक्रिय मामलों के साथ देश का सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है। इस बीच, देश में कोरोना संक्रमण के कारण अब तक कुल 12 मरीजों की दुखद मृत्यु हो चुकी है, और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश में 4 नए कोरोना वैरिएंट्स के फैलने की भी पुष्टि की है।
उत्तर प्रदेश में नए वैरिएंट से पहली मौत, देश में कुल 12 जानें गईं
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में मंगलवार को एक 78 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह राज्य में कोविड के किसी नए वैरिएंट से जुड़ी पहली मौत मानी जा रही है। इसके साथ ही, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच हाल के दिनों में हुई मौतों का आंकड़ा 12 पर पहुंच गया है। इनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के मरीज शामिल हैं। यह भी बताया गया है कि इनमें से कई मृतकों को अन्य गंभीर बीमारियां (सह-रुग्णता) भी थीं, जो उनकी मृत्यु का एक प्रमुख कारण बनीं।
इससे पहले, 26 मई (सोमवार) को राजस्थान के जयपुर में दो कोरोना मरीजों की मौत हुई थी। इनमें से एक व्यक्ति जयपुर रेलवे स्टेशन पर मृत पाया गया था, जिसकी बाद में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जबकि दूसरे 26 वर्षीय युवक की, जो पहले से टीबी से पीड़ित था, एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई।
महाराष्ट्र के ठाणे में भी हाल ही में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की और 25 मई को एक 21 वर्षीय युवक की इलाज के दौरान मौत हुई थी।
17 मई को कर्नाटक के बेंगलुरु में एक 84 वर्षीय बुजुर्ग की मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से मृत्यु हुई थी, जिनकी कोविड रिपोर्ट 24 मई को पॉजिटिव आई थी।
केरल में भी दो लोगों की कोविड से मौत की पुष्टि हुई है।
बिहार में भी कोरोना की दस्तक, बंगाल में भी बढ़े केस
सोमवार, 26 मई को बिहार राज्य में भी कोरोना संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया, जहां पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक डॉक्टर और एक अन्य 31 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई। यह राज्य के लिए एक चिंताजनक संकेत है। वहीं, पश्चिम बंगाल में भी चार और लोगों में कोविड-19 की पुष्टि के बाद राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
ICMR ने की 4 नए कोरोना वैरिएंट्स की पुष्टि, JN.1 सबसे आम
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया है कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के चार नए वैरिएंट्स की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से प्राप्त नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में LF.7 सीरीज, XFG सीरीज, JN.1 सीरीज और NB.1.8.1 सीरीज के वैरिएंट पाए गए हैं। देश के अन्य हिस्सों से भी नमूने एकत्र कर उनकी गहन सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि नए वैरिएंट्स के प्रसार की सही और व्यापक तस्वीर सामने आ सके। डॉ. बहल ने आम जनता को आश्वस्त किया है कि वर्तमान में सामने आ रहे अधिकांश मामले बहुत गंभीर प्रकृति के नहीं हैं, इसलिए लोगों को अत्यधिक घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता बनाए रखना और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नए वैरिएंट्स की प्रकृति
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए पाए गए कोरोना वैरिएंट्स (LF.7, XFG, NB.1.8.1) को फिलहाल 'चिंताजनक वैरिएंट' (Variant of Concern - VoC) की श्रेणी में तो नहीं रखा है, लेकिन इन पर कड़ी नजर रखी जा रही है और इन्हें 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' (Variant under Monitoring - VUM) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह उल्लेखनीय है कि चीन सहित एशिया के कुछ अन्य देशों में हाल ही में कोविड के मामलों में जो वृद्धि देखी गई है, उनमें यही वैरिएंट प्रमुख रूप से पाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, NB.1.8.1 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे कुछ विशिष्ट म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) पाए गए हैं। ये म्यूटेशन इस वैरिएंट को अन्य मौजूदा वैरिएंट्स की तुलना में अधिक तेजी से फैलने और शरीर की विकसित प्रतिरक्षा प्रणाली (वैक्सीन या पूर्व संक्रमण से प्राप्त) को कुछ हद तक चकमा देने में सक्षम बना सकते हैं, जिससे पुनः संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
JN.1 वैरिएंट: भारत में सबसे आम और उसकी विशेषताएं
वर्तमान में भारत में कोविड-19 का JN.1 वैरिएंट सबसे अधिक प्रचलित और व्यापक रूप से फैलने वाला स्ट्रेन बना हुआ है। हाल ही में की गई टेस्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग में आधे से अधिक (50% से अधिक) सैंपलों में इसी वैरिएंट की पुष्टि हो रही है। JN.1 वास्तव में ओमिक्रॉन के BA.2.86 सब-वैरिएंट का ही एक उप-वंश (स्ट्रेन) है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था। अपनी उच्च संक्रामकता के कारण दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' (VoI) घोषित किया था। JN.1 में लगभग 30 अतिरिक्त म्यूटेशन हैं जो इसे इम्यूनिटी को कमजोर करने और संक्रमण को अधिक सुगमता से फैलाने में सहायता करते हैं।
अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 वैरिएंट अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक आसानी से और तेजी से प्रसारित होता है, लेकिन यह आमतौर पर गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण नहीं बनता है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 से संक्रमित होने पर लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बने रह सकते हैं। यदि लक्षण ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक जारी रहते हैं, तो यह 'लॉन्ग कोविड' की स्थिति हो सकती है, जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण पूर्ण रिकवरी के बाद भी व्यक्ति को परेशान करते रहते हैं। JN.1 के अतिरिक्त, भारत में BA.2 (कुल मामलों का लगभग 26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन के अन्य सबलाइनेज (लगभग 20 प्रतिशत मामले) भी सक्रिय रूप से संक्रमण फैला रहे हैं।




