छत्तीसगढ़

Operation Rahul Complete: देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, 106 घंटे बाद पाताल से राहुल को जिंदा ले आई टीम, लगे नारे

Operation Rahul Complete: देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, 106 घंटे बाद पाताल  से राहुल को जिंदा ले आई टीम, लगे नारे
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Borewell Rescue Operation: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में फंसे राहुल को 106 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन सुरक्षित निकाला गया.

Country's biggest rescue operation successful: अब तक का देश में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में चलाया गया। 106 घंटे तक लगातार की गई खुदाई एवं बच्चे को बचाने के लिए किए गए सभी उतजोग कारगर साबित हुए और मंगलवार की देररात 60 फिट गहरे बोरवेल के अंदर पड़े 10 वर्षीय राहुल साहू को टीम ने सुरक्षित निकाल लिया।

उसे बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर बधाई देते हुए ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

हरियाणा में चला था रेस्क्यू

इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को 50 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 साल के प्रिंस को 50 घंटे में बचाया गया था।

भारत माता के लगे जयकारे

बोरबेल से राहुल को जैसे ही जवानों ने बहार निकाला भारत माता के जयकारे लगाने लगें। लोगों ने रेस्क्यू टीम के लिए तालियां बजाईं और पटाखे चलाए। लोगों ने रेस्क्यू दल के लोगो को गोद में उठा कर सफल मिशन के लिए बधाई दी।

ज्ञात हो कि 60 फिट नीचे बोरबेल में राहुल की निगरानी हाईटेक कैमरों से की जा रही थी। उसे भोजन पानी देने के साथ ही सभी हौंसला बढ़ा रहे थें। पांच दिन तक 60 फीट नीचे दबे रहने के कारण और गड्ढे में पानी भरे होने के कारण उसके शरीर में कमजोरी है।

ऐसे पहुंचे सेना के जवान

बच्चे को बचाने के लिए सेना के जवानों को लगाया गया था। वे टनल के जरिए बोरवेल तक पहुचें और फिर 60 फिट नीचे राहुत तक पहुंचे है। सेना के जवानों के हौसले ही है कि वे बच्चे को बचने के लिए चट्टानों को ड्रिलिंग मशीन से ना काटकर हाथ से तोड़ा, फिर अंदर की मिट्टी हटाई गई। ऐसा करते-करते जवान राहुल तक पहुंचे। इसके बाद रस्सी से खींचकर राहुल को बाहर लाया गया। उसकी हालत को देखते हुए पहले से ही एंबुलेंस, डाक्टरों की टीम और मेडिकल इक्विपमेंट्स तैयार थे। टनल से एंबुलेंस तक कॉरिडोर बनाया गया था। राहुल को स्ट्रेचर के जरिए सीधे एंबुलेंस तक लाया गया।

यह थी घटना

11 जून यानि की शुक्रवार की दोपहर लोगो ने पाया कि बोरवेल से रोने की आवाज आ रही है। जिसमें पाया कि बोरवेल में जो आवाज आ रही है वह राहूल की है। बताया जा रहा वह मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी 2 दिन से उसी जगह पर टिके हुए थे, जहां पर बच्चा गिरा है। राहुल अपने माता-पिता का बड़ा बेटा है। एक भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।

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