छत्तीसगढ़

Raipur News : डराने लगा कोरोना, छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल में कम पड़ रही शव रखने जगह

Raipur News : डराने लगा कोरोना, छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल में कम पड़ रही शव रखने जगह
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रायपुर (Raipur News in Hindi) : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना के बिगडे हालातो का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के एक अस्पताल में अब शव रखने की जगह शेष नहीं बची है। सरकार हर सम्भव प्रयास करने में लगी हैं। चैतरफा व्यवस्था बनाने का क्रम चल रहा है। इसके बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है। एक ओर जहां कोरेाना वैक्सिनेशन का काम तेजी से किया जा रहा हैं तो वहीं लाॅकडाउन कर कोरोना सक्रमण की चेन तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अस्पताल में फ्रीजर पूरी तरह फुल हैं।

रायपुर (Raipur News in Hindi) : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना के बिगडे हालातो का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के एक अस्पताल में अब शव रखने की जगह शेष नहीं बची है। सरकार हर सम्भव प्रयास करने में लगी हैं। चैतरफा व्यवस्था बनाने का क्रम चल रहा है। इसके बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है। एक ओर जहां कोरेाना वैक्सिनेशन का काम तेजी से किया जा रहा हैं तो वहीं लाॅकडाउन कर कोरोना सक्रमण की चेन तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अस्पताल में फ्रीजर पूरी तरह फुल हैं।


असपताल के बेड फुल, वेंटीलेटर में जगह नहीं

रायपुर के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीम राव अंबेडकर मेमोरियल का हाल बेहाल हैं। कोरोना मरीजो की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन चिंता में है। हर दिन 50 शव कोरेाना के निकल रहे है। वार्ड से लेकर आईसीयू वेंटिलेटर हर जगह रोगियों की भारी भीड़ है।


शवघर में पैर रखने की जगह नहीं

कोविड शवों का ढेर लग गया है। स्ट्रेचर से लेकर फर्श तक अस्पताल परिसर में हर ओर नजर घुमाने पर शव ही शव नजर आ रहे हैं। धीरे धेरे हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। केन्द्र और राज्य की सरकार चाहे जो दवे करे हकीकत उनके दावे के उलट है।


1 दिन में 55 शवों का संस्कार

सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर में हर दिन करीब 55 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इनमें से ज्यादातर की मौत कोरोना से हुई है। वहीं सरकार की ओर जो आंकडा बताया जा रहा है उसमें मात्र 15 से 20 ही शामिल है।


लक्षण नहीं, फिर भी कोरोना का असर

अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पहली कोरोना की लहर में वह कोरोन से जंग जीत चुके थे। अब ऐसा नहीं लग रहा था कि कोरोना का इतना भयावह रूप देखने को मिलेगा। अब तो लगता है कि जीवन की रक्षा कैसे होगी। बिना लक्षण वाले रोगी भी कोरोना संक्रमित के रूप मंे सामने आ रहे है। इस दूसरी लहर के कोरोना में जीवन और मौत के बीच में कम ही फासला बचता है।

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