बड़ी खबर : टल सकते हैं मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान के चुनाव, जानिए क्या है कारण
नई दिल्ली। भाजपा लोकसभा चुनावों के साथ 10 से 11 राज्यों के चुनाव भी कराने की योजना तैयार कर रही है। इसके लिए जहां कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों को कुछ समय के लिए टालना पड़ेगा, वहीं कुछ राज्यों के चुनाव समय से पूर्व कराने पड़ेंगे। जिन राज्यों में यह कवायद हो रही है, उनमें से अधिकांश पार्टी शासित हैं। पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया कि अगले साल आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनावों के साथ ही होने हैं।
वहीं पार्टी शासित मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की विधानसभा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में खत्म हो रहा है। इसके बाद कुछ दिनों के लिए यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा, जिससे इनके चुनाव आम चुनावों के साथ कराए जा सकें। भाजपा शासित हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में भी अगले साल चुनाव होने हैं। इन राज्यों में लोकसभा के साथ चुनाव कराना है तो पहले विधानसभा भंग करनी पड़ेगी।
इन राज्यों में समय से पहले हो सकते हैं चुनाव
सूत्रों का कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव समय से पहले कराए जा सकते हैं उनमें झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र शामिल हैं। इन तीनों राज्य में भाजपा का शासन है और यहां भी अगले साल चुनाव होने हैं। वहीं आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। भाजपा का मानना है कि लोकसभा चुनाव के साथ ज्यादा से ज्यादा राज्यों में विधानसभा चुनाव उसके पक्ष में सकारात्मक नतीजे देने वाले होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लोकसभा और राज्यों में एक साथ चुनाव पर कई बार जोर दे चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी सोमवार को विध आयोग को लिखा कि उनकी पार्टी एक साथ चुनाव के पक्ष में है। शाह का कहना है कि इससे चुनाव में होने वाले करोड़ों रुपये का खर्चा कम होगा।
सवाल भी उठने लगे कांग्रेस शासित मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल भी इस वर्ष दिसम्बर में समाप्त हो रहा है. पूर्व लोकसभा महासचिव एवं संवैधानिक विशेषज्ञ पी डी टी अचार्य ने यद्यपि उन राज्यों में राज्यपाल शासन लगाने की विधिक वैधता पर सवाल उठाया जहां विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले होने हैं.