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Wipro Fires 300 Employees: विप्रो ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से क्यों निकला

Wipro Fires 300 Employees: विप्रो ने अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से क्यों निकला
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Wipro Fires 300 Employees: देश की टॉप IT कंपनी Wipro ने अपने 300 लोगों को नौकरी ने निकाल दिया है

Wipro Fires 300 Employees: IT कंपनी Wipro ने अपने 300 एम्प्लोयी को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाल दिया है. Wipro के एक्सिक्यूटिव चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने कहा कि जिन लोगों को नौकरी ने निकला गया है वो Wipro को धोखे में रखकर काम कर रहे थे और कंपनी की पॉलिसी के खिलाफ काम कर रहे थे.

Rishad Premji ने कहा कि यह बहुत आसान है, वर्कर्स ने कंपनी की इंट्रीग्रेशन का उल्लंगन किया और हमने उनकी सर्विसेज टर्मिनेट कर दी. देश की Top IT कंपनी Wipro के अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की खबर सुनकर उन लोगों की जान अटक गई है जो अपनी कंपनियों से छिपाकर दूसरी नौकरी करते हैं

विप्रो ने 300 कर्मचारियों को क्यों निकाला

Why did Wipro Fired 300 employees: Wipro से जिन 300 लोगों को नौकरी से निकाला गया है वो सभी मूनलाइटिंग (Moonlighting) करते थे. मतलब एक साथ दो-दो नौकरी करते थे. जिसे आम बोलचाल में साइड जॉब कहते हैं. लेकिन ये बात एम्प्लॉइज कंपनी से छिपा लेते हैं. वैसे एक वक़्त पर दो नौकरी करना कानून कोई अपराध नहीं है लेकिन बड़ी IT कंपनियां जैसे Wipro इसे अलाउ नहीं करती हैं.

मूनलाइटिंग के चलते 300 लोगों को निकाला

What Is MoonLighting Job: प्रेमजी का कहना है कि मूनलाइटिंग के बारे में कहें तो कर्मचारियों का ख़ुफ़िया तरीके से दूसरी कंपनियों में जॉब करना। विरोधी कंपनी में काम करने की बात आप किसी दूसरे को नहीं बताते हैं. प्रेमजी ने कहा कि जिन कर्मचारियों को हमने नौकरी ने निकाला उन्होंने हमने अपनी दूसरी कंपनी के बारे में कुछ नहीं बताया। Wipro का नियम है अगर यहां काम करना है तो एक ही वक़्त पर आप किसी विरोधी कंपनी में जॉब नहीं कर सकते। ऐसा करने वालों के लिए Wipro में कोई जगह नहीं है. अगर विरोधी कंपनियों को भी इस बारे में पता चलता तो वो भी ऐसा ही एक्शन लेते।


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