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HAL में अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रही है सरकार?

HAL में अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रही है सरकार?
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Why is the government selling its stake in HAL: HAL ने पिछले तीन साल में 525% रिटर्न दिया है

Why is the government selling its stake in HAL: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL से मोदी सरकार शेयर का 3.5% हिस्सा बेच रही है. HAL का OFS भी 23 मार्च को खोल दिया गया. मोदी सरकार इस हिस्सेदारी को बेचकर 2900 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है.

लेकिन HAL से तो सरकार को कोई नुकसान नहीं हो रहा बल्कि पिछले तीन सालों में इस कंपनी ने 525% मुनाफा कमाया है. फिर भी मोदी सरकार HAL से अपनी हिस्सेदारी क्यों बेचना चाहती है? आइये समझते हैं.

केंद्र सरकार HAL के 3.5% शेयर बेच रही

केंद्र सरकार HAL से अपनी 3.5% हिस्सेदारी बेचकर 2900 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. यानी एक शेयर को 2450 रुपए में बेचना चाहती है. सरकार 22 मार्च की तुलना में इन शेयर को 6.6% डिस्काउंट में बेच रही है. HAL के OFS के तहत बुनियादी तौर पर 1.75 फीसदी हिस्सेदारी यानी 58.51 लाख शेयर की पेशकश की जाएगी और ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिलने की स्थिति में इतने ही और शेयरों की बिक्री की जाएगी.

सरहल के पास HAL का 75.15% हिस्सा है. इसके 3.5% शेयर बेचना सरकार के विनिवेश रणनीति का हिस्सा है. सरकार ने चालु वित्त वर्ष में अलग-अलग कंपनियों से अपनी हिस्सेदारी बेचकर अबतक 31 हज़ार करोड़ रुपए जुटा लिए हैं. पिछले साल विनिवेशन के लक्ष्य को 65 हज़ार करोड़ रुपए तय किया गया था जिसे बाद में कम करके 50 हजार रुपए करोड़ कर दिया गया.

HAL के विनिवेशन की शुरुआत 2018 से हुई थी. तब HAL ने अपना IPO जारी किया था. तब HAL से सरकार की हिस्सेदारी 100% से घटकर 89.97 हो गई थी. और इस IPO से सरकार ने 4229 करोड़ रुपए कमाए थे.


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