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1 जनवरी से जब आप ऑनलाइन पेमेंट करेंगे तो बार-बार कार्ड डिटेल भरनी पड़ेगी, लेकिन इस झंझट का एक तोड़ है

1 जनवरी से जब आप ऑनलाइन पेमेंट करेंगे तो बार-बार कार्ड डिटेल भरनी पड़ेगी, लेकिन इस झंझट का एक तोड़ है
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what Is Tokenization: 1 जनवरी के बाद जब आप ऑनलाइन कार्ड पेमेंट करेंगे तो आपको बार-बार कार्ड डिटेल भरनी पड़ेगी, लेकिन इस झंझट का एक तोड़ है

what Is Tokenization: रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया का नया फरमान आया है, जो आपके लिए एक टास्क बढ़ा देता है मतलब दिमाग ख़राब कर देने वाला नियम लागू किया जाना है, 1 जनवरी के बाद से जब आप Flipkart या फिर Amazon जैसे प्लेटफार्म से ऑनलाइन शॉपिंग के बाद ऑनलाइन पेमेंट करेंगे तो आपको हर ट्रांजेक्शन के लिए बार-बार कार्ड डिटेल्स, जैसे एटीएम का नंबर, cvv, लास्ट डेट ये सब भरनी पड़ेगी। लेकिन ये बार-बार की झंझट कौन पाले? इसका एक तोड़ है और वो है टोकनाइज़ेशन।

अब ये टोकनाइज़ेशन क्या है (what Is Tokenization)

मान लीजिये यह आपके कार्ड का निक नेम है। जो किसी और को नहीं मालूम होता है, यह आपके कार्ड डिटेल्स को एक यूनिक कोड देता है जिसको टोकन कहा जाता है। ऑनलाइन पेमेंट में टोकन नंबर शो होता है ना कि आपकी एटीएम कार्ड डिटेल्स, ये टोकन हर डेबिट/क्रेडिट कार्ड, डिवाइस या प्लैटफॉर्म कॉम्बिनेशन के लिए अलग-अलग होता है. यानी एक ही कार्ड से ऐमजॉन या फ्लिपकार्ट पर शॉपिंग के दो टोकन होंगे. कार्ड बदलते ही इन दोनों प्लैटफॉर्म के लिए फिर से दो नए टोकन जारी कराने होंगे. टोकनाइजेशन की एक और खासियत है कि आपको पेमेंट के दौरान cvv और एक्सपायरी डेट डालने से छुटकारा मिल जाएगा

अब RBI ने ऐसा क्यों किया ये भी जान लीजिये

केंद्रीय बैंक ने सभी इ कॉमर्स वेबसाइट को यह निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी के बाद से कोई भी अपने ग्राहक की कार्ड डिटेल्स को सेव करके नहीं राख्नेगा। 1 जनवरी के बाद से कस्टमर के पास 2 ऑप्शन होंगे या तो आप पेमेंट करने के लिए बार-बार अपनी कार्ड डिटेल्स भरिये या फिर टोकन का इस्तेमाल करिये।

इसके लिए RBI ने कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को ये कहा है कि अब वो कार्ड जारी करने वाले बैंकों और रिक्वेस्ट आने पर इन्क्रिप्टेड टोकन जारी करें। RBI ने यह फैसला इसी लिए लिया है कि ऑनलाइन फ्रॉड को रोका जा सके. क्या होता है कि कंपनियों के पास आपका कार्ड नंबर, CVV, एटीएम की लास्ट डेट, पासवर्ड सब होता है, और ये लोग बड़े बदमाश टाइप के होते हैं, भरोसा करने लायक नहीं रहता है कि कब बैंक अकाउंट खाली कर दें। इसी लिए ये नया नियम लाया गया है

टोकन कैसे मिलेगा (How to get token for payment)

बहुत सिम्पल है, जैसे ही आप किसी भी वेबसाइट में पेमेंट करेंगे तो वो आपके टोकन के लिए पूछेगा। आप जब ओके कर देंगे तो वो पेमेंट रिक्वेस्ट भेजेगा। नेटवर्क उस कार्ड नंबर के लिए इन्क्रिप्टेड टोकन बनाएगा और उसे दोबारा मर्चेंट को भेजेगा। एक कार्ड और एक मर्चेट के लिए एक ही टोकन होगा। जैसे फिल्पकार्ट वाला टोकन फ्लिपकार्ट के होगा, ऐसे अमेज़न या किसी और साईट का अलग टोकन होगा।

क्या टोकन के लिए कोई एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा

एक रुपए भी नहीं लगेगा, ये सर्विस एकदम फ्री है। और ये कोई अनिवार्य भी नहीं है आपको बस ऑप्शन दिया गया है आप चाहें तो बार-बार कार्ड डिटेल्स भरिये या टोकन जनरेट कर के इस झंझट से मुक्ति पा लीजिये। एक बात और कार्ड डिटेल्स भरने से ज़्यादा टोकन सिस्टम सेफ है, इसमें फ्रॉड होने के 60 से 70% चांस कम हो जाते हैं

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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