बिज़नेस

Tomato Price Hike: ठंड में 5 रुपए किलो मिलने वाला टमाटर 100 रुपए किलो कैसे हो गया, आइये प्रेम से समझते हैं

Tomato Price Hike: ठंड में 5 रुपए किलो मिलने वाला टमाटर 100 रुपए किलो कैसे हो गया, आइये प्रेम से समझते हैं
x
Tomato Price Hike: लगता है टमाटर को सेव और पेट्रोल की कीमत से जलन हो रही थी इसी लिए इसके भाव कुछ ज़्यादा ही बढ़ गए हैं

Tomato Price Hike: टमाटर की कलौंजी हो या चटनी वाह... मजा ही आ जाता है, लेकिन इस टमाटर के भाव आज कल बहुत बढ़ गए हैं, भाईसाब टमाटर का एटीट्यूड देखिये इस टाइम सिर्फ अमीरों की रसोई में दीखता है, बाकी गरीब लोग तो टमाटर के दाम सुन कर चक्कर खा जाते हैं। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि जो प्यारा-प्यारा खट्टा-मीठा लाल टमाटर कभी सर्दियों में 5 रुपए किलो से भी सस्ता मिल जाता था वो ससुरा ठंड आते ही 100 रुपए किलो हो गया।

टमाटर के दाम बढ़ने के बाद लोग इसके भी मजे लेने लगे हैं कोई कहता है " टमाटर का नाम पेट्रोल रख देना चाहिए' तो कोई बोलता है 'अब टमाटर को भी सेव की बराबरी करनी है' लोग कह रहे हैं 'टमाटर और पेट्रोल का दाम एक करने के लिए थैंक यू मोदी जी' खैर मजाक की बात को अब साइड में रखते हैं और ये एक दम प्रेम से समझने कोशिश करते हैं की ऐसा क्या हुआ कि टमाटर का गुरूर बढ़ गया।

काहे इतना महंगा टमाटर है जी?

क्या है कि दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में ज़्यादातर टमाटर दक्षिण भारत से आता है, हाल ही में दक्षिण भारत में बड़ी भयंकर बारिश हुई और वो भी बिन मौसम, इसके कारण पूरी फसल नष्ट हो गई, क्योंकि उत्तरखंड, मध्यप्रदेश और राजस्थान से देसी टमाटर की खेप मिलना जारी है इसी लिए रेट अभी कम है, वरना टमाटर 100 रुपए किलो ज़्यादा महंगा बिकता। दिल्ली में टमाटर संघ के अध्यक्ष अशोष कौशिक का कहना है कि पहले जो टमाटर हमने खरीदा था वो 60 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिया और बाद में टमाटर का दाम गिर कर 40 रुपए हो गया, लेकिन बाजार में लोग फुटकर टमाटर ऊँची कीमतों में बेच रहे हैं। और जिन लोगों ने महंगा टमाटर खरीदा है वो उसे सस्ते में नहीं बेचेंगे।

आपको मालूम होगा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से जो टमाटर की खेप आती है वो बारिश के कारन ख़राब हो गई, महंगे टमाटर का ठीकरा सरकार पर फोड़ना भी अच्छी बात नहीं है। अब सरकार बारिश होने से तो नहीं रोक सकती ना भाई

तो क्या किसानों की खूब कमाई हो रही है

टमाटर महंगा बिक रहा है इसका ये मतलब कतई नहीं है कि टमाटर बेचने वाले किसान धन्नासेठ बन गए। एमपी में टमाटर के किसानों की बात करें तो यहाँ के किसान 1 हज़ार से 12 सौ रुपए में एक कैरेट टमाटर की बिक्री करते हैं और एक कैरेट में 25 किलो टमाटर होता है, मतलब किसान लगभग 40 रुपए में टमाटर बेच रहा है इसके बाद बिचौलिए, स्टॉकर, मंडी व्यापारी, किराया भाड़ा, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता के पास जाते-जाते टमाटर 80 रुपए किलो तक पहुंच जाता है। टमाटर के दाम में खेला बिचौलिए खेल रहे हैं। लेकिन ये बात है कि किसानों ने अन्य मौसम की तुलना में इस बार टमाटर को ज़्यादा कीमत में बेचा है वरना इससे पहले तो किसान 2 रुपए किलो तक में टमाटर थोक में व्यापारियों को बेच देते थे।

अब धीरे-धीरे दाम कम हो रहे हैं

कुछ दिन पहले तक एमपी में टमाटर 85 रुपए, दिल्ली में 100 , तिरुवंतपुरम में 120 और दक्षिण भारत में भी 120 रुपए किलो तक पहुंच गया था। लेकिन एमपी और महाराष्ट्र से टमाटर की आवक जारी है इसी लिए अब दाम सामान्य होते जा रहे हैं। आज ही टमाटर के दाम 10 से 15 रुपए प्रति किलो के हिसाब से कम हो गए हैं। एमपी में अब टमाटर 55 से 60 रुपए में बिकने लगा है। ऐसे ही धीरे-धीरे दाम कम होते जाएंगे और आम आदमी फिर से टमाटर की बढ़िया चटनी खा पाएगा ,

इस टाइम तो समोसा बेचने वाले टमाटर की चटनी की जगह मट्ठा देने लगे हैं भाई एक दम रोना आ जाता है

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

    Next Story