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कहानी IndiGo Airlines की: उधार पर ले आए 5 लाख करोड़ के 100 जहाज, आज देश की 60% उड़ानों पर कब्ज़ा — दो दोस्तों ने शुरू की कंपनी, एक ने ‘पान की दुकान’ कहकर छोड़ा

कहानी IndiGo Airlines की: उधार पर ले आए 5 लाख करोड़ के 100 जहाज, आज देश की 60% उड़ानों पर कब्ज़ा — दो दोस्तों ने शुरू की कंपनी, एक ने ‘पान की दुकान’ कहकर छोड़ा
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इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत, उधार में खरीदे 100 जहाज, 60% मार्केट शेयर तक का सफर और आज का बड़ा संकट—5 दिनों में 2000+ फ्लाइट्स रद्द। जानें पूरी कहानी और आज कंपनी क्यों लड़खड़ा रही है।
🔵 Top Highlights:
  • इंडिगो ने 2005 में 5.43 लाख करोड़ के 100 जहाज उधार में लिए थे।
  • आज कंपनी देश की 60% से ज्यादा एयर ट्रैफिक पर कब्जा रखती है।
  • दो दोस्तों राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर कंपनी बनाई थी, बाद में गंगवाल ने इसे ‘पान की दुकान’ कहा और इस्तीफा दे दिया।
  • पिछले 5 दिनों में इंडिगो की 2000+ फ्लाइट्स रद्द, हजारों लेट — एयरपोर्ट्स पर भारी अफरा-तफरी।
  • इंडिगो का मार्केट कैप 21 हजार करोड़ गिरा, DGCA नाराज, सरकार ने एक्शन की चेतावनी दी।

उधार में खरीदे 100 जहाज; पान की दुकान कहकर छोड़ा साथ — इंडिगो की कहानी, उभार और आज का बड़ा संकट

भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने इतिहास के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है। पिछले 5 दिनों में 2000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं और हजारों उड़ानें घंटों की देरी से चल रही हैं। देश के एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी है, यात्री गुस्से में हैं और सरकार भी नाराज दिख रही है। लेकिन इंडिगो हमेशा से इतना बड़ा ब्रांड नहीं था—इसकी शुरुआत दो दोस्तों ने की थी, जिसमें एक ने बाद में इसे “पान की दुकान” कहकर छोड़ दिया।

इंडिगो कैसे बनी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन?

आज इंडिगो रोज 2200 से ज्यादा उड़ानें ऑपरेट करती है, 61.4% मार्केट शेयर रखती है और इसके पास 417 विमान हैं। हर 10 में से 6 भारतीय यात्री इंडिगो में सफर कर रहे हैं। लेकिन यह यात्रा आसान नहीं थी—यह शुरू हुई 1984 में राहुल भाटिया के एक असफल सपने से।

1984—जब राहुल का टेलीकॉम सपने के साथ भारत लौटना बेकार गया

दिल्ली के मिडिल-क्लास परिवार से आए राहुल भाटिया कनाडा से इंजीनियरिंग पढ़कर लौटे और भारत में टेलीकॉम बिजनेस शुरू करना चाहते थे। लेकिन सरकार विदेशी टेक्नोलॉजी नहीं चाहती थी—इसलिए सपना टूट गया। राहुल को परिवार की एजेंसी Delhi Express संभालनी पड़ी, जो एयरलाइन टिकट बुकिंग का काम करती थी।

1992—एविएशन सेक्टर खुला, लेकिन राहुल ने जल्दबाजी नहीं की

1992 में सरकार ने निजी एयरलाइनों को लाइसेंस देने शुरू किए। कई कंपनियां इस मौके पर कूद पड़ीं, लेकिन राहुल ने इंतजार किया—उन्हें एक पार्टनर की जरूरत थी, जो बने राकेश गंगवाल

दो दोस्तों की मुलाकात और इंडिगो का जन्म

राहुल और राकेश की मुलाकात काम के सिलसिले से हुई। राकेश उस समय United Airlines में टॉप पदों पर थे। दोनों ने मिलकर इंटरग्लोब एविएशन की नींव रखी और 2004 में एयरलाइन लाइसेंस हासिल कर लिया।

2005—उधार में खरीदे 5 लाख करोड़ के जहाज

इंडिगो ने 2005 के पेरिस एयर शो में ऐसा धमाका कर दिया, जिसने दुनियाभर को चौंका दिया— कंपनी ने 5.43 लाख करोड़ के 100 Airbus A320 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दे दिया। लोग हैरान थे—महज 100 करोड़ निवेश करने वाली कंपनी इतनी बड़ी खरीद कैसे कर सकती है?

जवाब था—राकेश गंगवाल का अनुभव। Airbus ने उन्हें पहचानते हुए सिर्फ 4% डाउन पेमेंट पर 100 जहाज दे दिए। इतना ही नहीं—इंडिगो को 40% तक डिस्काउंट भी मिला।

2006—पहली उड़ान और इंडस्ट्री की तस्वीर बदलने लगी

इंडिगो की पहली उड़ान 4 अगस्त 2006 को दिल्ली–गुवाहाटी रूट पर चली। सिर्फ चार साल में कंपनी ने Air India को पीछे छोड़ दिया और 17.3% मार्केट शेयर के साथ तीसरे नंबर पर आ गई।

कम खर्च में ज्यादा उड़ानें — इंडिगो की विजेता रणनीति

  • सिर्फ इकोनॉमी सीटें
  • फ्री खाना हटाया
  • 180 सीटें प्रति विमान
  • 25 मिनट का ‘टर्नअराउंड टाइम’
  • 6 मिनट में पैसेंजर उतारने का लक्ष्य
  • 10 मिनट में लगेज लोड/अनलोड

इंडिगो ने कॉस्ट-कटिंग और समय पर उड़ान की रणनीति से मार्केट में पकड़ बनाई।

फिर आया विवाद—जब गंगवाल ने कंपनी को ‘पान की दुकान’ कहा

2018–2021 के बीच कंपनी के संस्थापकों में विवाद बढ़े। गंगवाल ने इंडिगो की तुलना “पान की दुकान” से की और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर सवाल उठाए। राहुल ने जवाब दिया— "मेरी पान की दुकान अच्छी चल रही है।" आखिरकार 2022 में राकेश गंगवाल ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।

अब क्यों संकट में है इंडिगो? — 5 दिन, 2000+ उड़ानें रद्द

पिछले 5 दिनों में इंडिगो का संचालन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

📌 संकट की टाइमलाइन

2 दिसंबर — दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु में 50–70 फ्लाइट प्रभावित। OTP गिरकर 35%।

3 दिसंबर — पुणे, गोवा तक असर। OTP गिरकर 19.7%। यात्री स्टाफ की कमी के वीडियो शेयर करने लगे। किराया 10,000 से 40,000 तक बढ़ा।

4 दिसंबर — 800 फ्लाइट्स रद्द। दिल्ली में रात 12 बजे तक सभी घरेलू उड़ानें बंद। OTP सिर्फ 8.5%।

5 दिसंबर — 1000+ रद्द। यात्री 24 घंटे इंतजार में। पानी–खाना तक नहीं मिला।

6 दिसंबर — 5वें दिन तक 2000+ फ्लाइट्स रद्द। DGCA सख्त, सरकार नाराज।

सरकार का आदेश — किराया बढ़ाने पर रोक

अराजकता के बीच अन्य एयरलाइंस ने किराया बढ़ा दिया था। दिल्ली–मुंबई किराया 40,000 तक पहुंचा। सरकार ने तत्काल आदेश दिया— “सामान्य किराया लागू करो, बढ़ोतरी नहीं।”

इंडिगो का दावा — 15 दिसंबर तक हालात सुधर जाएंगे

कंपनी ने कहा कि ऑपरेशन स्थिर करने में 15 दिसंबर तक का समय लगेगा। फिलहाल हजारों यात्री फंसे हुए हैं और एयरपोर्ट्स पर भीड़ बनी हुई है।

FAQs — इंडिगो संकट और इतिहास

Q1. इंडिगो ने 100 जहाज कैसे खरीदे?

Airbus ने गंगवाल की पहचान और अनुभव के आधार पर सिर्फ 4% डाउन पेमेंट पर जहाज दिए।

Q2. इंडिगो की मार्केट में हिस्सेदारी कितनी है?

भारत में 61.4% मार्केट शेयर—सबसे ज्यादा।

Q3. वर्तमान संकट क्यों आया?

क्रू की कमी, शेड्यूलिंग गड़बड़ी, ओवर-एक्सपैंशन और ऑपरेशनल मिसमैनेजमेंट मुख्य वजहें हैं।

Q4. क्या सरकार कार्रवाई करेगी?

DGCA ने इंडिगो को नोटिस भेजा है। कार्रवाई संभव है।

Q5. हालात कब तक सुधरेंगे?

इंडिगो का दावा है कि 15 दिसंबर तक ऑपरेशन सामान्य हो जाएंगे।

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